रामपुर निज संवाददातामंगलवार को बीएसए कार्यालय में जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी के छापा मारने का असर दिखाई दिया। करीब बीस साल बाद कार्यालय की सफाई की गई। गोदामों को भी साफ किया गया, जिनमें रखीं किताबें, चॉक, स्लेट आदि सामान गल गया। सफाई में विभाग की एक और बड़ी लापरवाही का नमूना सामने आया। डीएम सभी विभागों में शिकंजा कस रहे हैं। पांच दिन पहले बीएसए कार्यालय में भी छापा मारा था। तब अधिकतर कर्मचारी अधिकारी गैरहाजिर मिले थे। कार्यालय में अभिलेखों का रखरखाव ठीक नहीं था और गंदगी भी पाई गई थी, जिस पर डीएम ने बीएसए और लेखाधिकारी समेत 23 का वेतन रोका था। साथ ही प्रतिकूल प्रवृष्टि भी दी थी, जिस पर विभाग चेत गया। मंगलवार को कार्यालय में सफाई अभियान चलाया गया। सभी कर्मचारी और अधिकारियों के रूम साफ किए गए। पुताई भी कराई जा रही है, लेकिन बीएसए कार्यालय के दो गोदामों की सफाई में लापरवाही एक पोल खुली। गोदामों में बीस साल पुरानी किताबें भी मिलीं, जो कभी जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम और साक्षरता अभियान के लिए आईं थी। किताबों के साथ ही कई कुंटल चॉक के डिब्बे भी मिले। जिला, प्रदेश, देश और संसार के नक्शे भी निकले, जो पूरी तरह गल चुके थे। इतनी पुरानी किताबें आदि सामान देख लोग हैरत में पड़ गए।
बीएसए कार्यालय में चलाया गया साफ सफाई अभियान।
कार्यालय की साफ-सफाई कराई जा रही है। इस्तेमाल के लायक जो सामान है, उसे स्कूलों में दिया जाएगा और निष्प्रोज्य सामान की नीलामी करा दी जाएगी। सिद्दीक अहमद, प्रभारी बीएसए
रामपुर। गोदाम में कुछ स्लेट ठीक निकले, जिन्हें बीआरसी केन्द्र शंकरपुर भिजवा दिया गया, जहां से स्कूलों में दिए जायेंगे। ताकि उनका इस्तेमाल किया जा सके। बच्चों को बंटवाए जाना हैं। स्कूलों से बुलाईं शिक्षिकाएं रामपुर। कुछ चॉक के डिब्बे भी ठीक निकले, जिन्हें स्कूलों से शिक्षक-शिक्षिकाओं को बुलाकर दे दियागया। एक डिब्बे में कई-कई किलो डिब्बे थे।
बीएसए कार्यालय में चलाया गया साफ सफाई अभियान।
कार्यालय की साफ-सफाई कराई जा रही है। इस्तेमाल के लायक जो सामान है, उसे स्कूलों में दिया जाएगा और निष्प्रोज्य सामान की नीलामी करा दी जाएगी। सिद्दीक अहमद, प्रभारी बीएसए
रामपुर। गोदाम में कुछ स्लेट ठीक निकले, जिन्हें बीआरसी केन्द्र शंकरपुर भिजवा दिया गया, जहां से स्कूलों में दिए जायेंगे। ताकि उनका इस्तेमाल किया जा सके। बच्चों को बंटवाए जाना हैं। स्कूलों से बुलाईं शिक्षिकाएं रामपुर। कुछ चॉक के डिब्बे भी ठीक निकले, जिन्हें स्कूलों से शिक्षक-शिक्षिकाओं को बुलाकर दे दियागया। एक डिब्बे में कई-कई किलो डिब्बे थे।
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