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Thursday, February 13, 2025

Academic Resource Person (ARP) : देखें एआरपी चयन विज्ञप्ति, देखें एआरपी चयन प्रक्रिया-FAQ

Academic Resource Person (ARP) : देखें एआरपी चयन विज्ञप्ति

(सभी जनपदों से निकलने वाली आगामी ARP भर्ती विज्ञप्तियां इसी पोस्ट में अपडेट की जाएंगी।)


🔴 जरूरी शासनादेश देखें 



🔵 एआरपी चयन प्रक्रिया-FAQ


परीक्षा कब होगी?
आपको परीक्षा से 3 दिन पहले सूचित किया जाएगा। संभावना है कि परीक्षा फरवरी के मध्य में आयोजित होगी।

परीक्षा की अवधि कितनी होगी?
परीक्षा 2 घंटे की होगी।

परीक्षा का पाठ्यक्रम क्या होगा?
परीक्षा में कई अनुभाग होंगे प्रमुख अनुभाग में आपके चुने हुए विषय से संबंधित प्रश्न होंगे। अन्य अनुभागों में NIPUN मिशन और संदर्शिका आधारित शिक्षण से जुड़े प्रश्न होंगे।

प्रश्नों का स्तर क्या होगा?
विषय से संबंधित प्रश्न कक्षा 10 तक के स्तर के होंगे।

माइक्रो-टीचिंग के लिए हमें विषय दिए जाएंगे या हम अपनी पसंद का विषय चुन सकते हैं?
आपको स्वतंत्रता होगी कि संदर्शिका/पाठ्यपुस्तक के किसी भी कक्षा के दिन और कालांश का चयन करें और उसमें दिए गए पाठ योजना के अनुसार गतिविधियों को क्रियान्वित करें।



फॉर्म 



कानपुर नगर 

अयोध्या 

प्रयागराज 

महराजगंज 

सहारनपुर 

अमरोहा

श्रावस्ती 

देवरिया

वाराणसी 

हरदोई

भदोही




फतेहपुर 

अम्बेडकरनगर

सोनभद्र 


औरैया 

इटावा 

बरेली

जौनपुर 


अमेठी 



संतकबीरनगर

लखनऊ 



कुशीनगर 

बलरामपुर 

जनपद:  झांसी

जनपद :गोरखपुर

जनपद: एटा

जालौन

सुल्तानपुर








नर्सरी व प्राथमिक स्कूल सिर्फ स्थानीय निर्माण उपनियमों के अनुसार बने भवनों में चलाए जाएं – सुप्रीम कोर्ट

नर्सरी व प्राथमिक स्कूल सिर्फ स्थानीय निर्माण उपनियमों के अनुसार बने भवनों में चलाए जाएं – सुप्रीम कोर्ट 


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि देश में नर्सरी और प्राथमिक स्कूलों को स्थानीय निर्माण उपनियमों के अनुसार निर्मित भवनों में चलाया जाना चाहिए। जस्टिस बीआर गवई व जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की याचिका पर यह आदेश पारित किया। सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट के 13 अप्रैल, 2009 के फैसले में जारी निर्देशों पर स्पष्टीकरण मांगा था।


सीबीएसई ने जिन निर्देशों पर स्पष्टीकरण मांगा था, उनमें से एक में कहा गया है कि नर्सरी और प्राथमिक विद्यालयों को एक मंजिला इमारतों में बनाया जाना चाहिए और स्कूल भवनों में मंजिलों की अधिकतम संख्या भूतल समेत तीन तक सीमित होनी चाहिए। इसके अलावा सीढ़ियों पर भी स्पष्टीकरण मांगा गया था। 


पीठ ने कहा कि इसमें बच्चों की त्वरित निकासी सुनिश्चित करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भवन संहिता, 2005 के प्रावधानों का पालन करना चाहिए। सीबीएसई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शीर्ष अदालत ने 2009 में आग के खतरों को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिए थे। ऐसे कई राज्य हैं जहां उनके भवन उपनियमों में अग्नि सुरक्षा तंत्र के साथ चार मंजिला, पांच मंजिला (इमारतों) की अनुमति है। 


सीबीएसई के मानक निर्देशों के अनुसार...
 मेहता ने कहा कि सीबीएसई के मानदंड सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2009 में जारी निर्देशों के अनुरूप हैं। न्यायालय के 2009 के निर्देशों के बाद लागू हुई राष्ट्रीय भवन संहिता, 2016 और अन्य राज्यों ने भी अपने उपनियमों में तदनुसार बदलाव किया। मेहता ने कहा, अब मुश्किल यह है कि जब हमें मान्यता के लिए आवेदन मिलता है, तो हम पुराने निर्देशों पर जोर देते हैं। राज्यों के संबंधित भवन उपनियम, जो वैधानिक प्रकृति के थे, अग्नि सुरक्षा उपायों के साथ ऊंची मंजिलों (इमारतों) की अनुमति देते थे। मेहता ने कहा, हमारी (सीबीएसई) मांग है कि इसमें ढील दी जाए।

शिक्षामित्रों ने बजट में मानदेय बढ़ाने की उठाई मांग

शिक्षामित्रों ने बजट में मानदेय बढ़ाने की उठाई मांग


लखनऊ। प्रदेश में विधानमंडल का सत्र 18 फरवरी से शुरू हो रहा है। इसमें नए वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया जाएगा। उप्र. प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने नए वित्तीय वर्ष के बजट में शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने की घोषणा करने की मांग की है। 


संघ ने कहा है कि प्राथमिक विद्यालयों में लगभग 24 साल से कार्यरत शिक्षामित्र आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। 10 हजार रुपये महीने में, इस मंहगाई में शिक्षामित्र के घर का खर्च नहीं चल पा रहा है। उनकी यह भी चिंता है कि वे अपनी बेटियों की शादियां कैसे करेंगे?


 संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने कहा कि बहुत से शिक्षामित्रों के पास इसके अलावा आय का कोई और स्रोत नहीं है। हालांकि संगठन की जिला इकाइयां शिक्षामित्रों की बेटियों की शादी में मदद कर रही हैं, लेकिन पर्याप्त व्यवस्था न होने से शिक्षामित्रों को बेटियों की शादी की चिंता सता रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से शिक्षामित्रों की समस्याओं के संदर्भ में ठोस कदम उठाने की मांग की है। 

Wednesday, February 12, 2025

माध्यमिक के 892 विद्यालयों में चलेंगे रोजगारपरक कोर्स

माध्यमिक के 892 विद्यालयों में चलेंगे रोजगारपरक कोर्स

भोपाल के व्यावसायिक शिक्षा संस्थान के सहयोग से होगा संचालन

लखनऊ। प्रदेश में माध्यमिक के राजकीय व एडेड माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत भोपाल के पंडित सुंदरलाल शर्मा केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान के सहयोग से 892 विद्यालयों में रोजगारपरक कोर्स चलाए जाएंगे। इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को ध्यान में रखते हुए और स्थानीय उत्पादों से जोड़कर भी कोर्स चलाए जाएंगे।


माध्यमिक विद्यालयों खासकर कक्षा नौ से 12 के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न माध्यमों से व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत भोपाल स्थित पंडित सुंदरलाल शर्मा केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान के सहयोग से कई कोर्स चल रहे हैं। एनईपी और आज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इन कोर्स को और अपग्रेड व बेहतर किया जाएगा।


माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया है कि पहले से चल रही ट्रेडों को और अपग्रेड किया जाए। वहीं स्किल डेवलपमेंट व वोकेशनल शिक्षा को बढ़ावा देने वाले कोर्सों का भी संचालन किया जाएगा। इसमें स्थानीय उत्पादों (ओडीओपी) आदि को ध्यान में रखते हुए भी कोर्स का संचालन किया जाएगा। ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार दिलाया जा सके। 


उन्होंने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक से इसके लिए पहले से चल रहे कोर्स और कौन से कोर्स अपग्रेड करके संचालित किए जा सकते हैं, इसके बारे में जानकारी मांगी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने कहा है कि हमारा प्रयास है कि हाईस्कूल व इंटर करके निकलने वाले युवाओं को इस तरह की कौशल विकास की शिक्षा दी जाए ताकि वह पढ़ाई पूरी करने के बाद रोजगार के लिए तैयार हो सकें। अपना खुद का रोजगार भी शुरू कर सकें। 

फर्जी परीक्षार्थी मिले तो केंद्र व्यवस्थापक भी नपेंगे, यूपी बोर्ड के सचिव ने नकल पर रोक के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

फर्जी परीक्षार्थी मिले तो केंद्र व्यवस्थापक भी नपेंगे, यूपी बोर्ड के सचिव ने नकल पर रोक के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

जब्त की गई नकल सामग्री को साक्ष्य के रूप में करना होगा संलग्न

12 फरवरी 2025
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की 24 फरवरी से शुरू होने जा रही वर्ष 2025 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में नकल पर रोक के लिए बोर्ड ने कमर कस ली है। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने स्पष्ट किया है कि किसी भी केंद्र में फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा जाता है तो उसके साथ केंद्र व्यवस्थापक व संबंधित विद्यालय के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

सचिव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को जारी पत्र में कहा है कि विगत वर्षों में ऐसे प्रकरण प्रकाश में आए हैं, जहां पंजीकृत विद्यालय/केंद्र व्यवस्थापक की लापरवाही से मूल परीक्षार्थी के स्थान पर फर्जी परीक्षार्थी परीक्षा देते हुए पकड़े जाते हैं। ऐसे परीक्षार्थियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा दी जाती है लेकिन संबंधित केंद्र व्यवस्थापक व पंजीकृत विद्यालय के विरुद्ध कोई उचित कार्रवाई नहीं की जाती है।

सचिव का कहना है कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि इस तरह के फर्जी परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल ही न होने पाएं। इसके बाद भी अगर फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा जाता है तो ऐसे मामले में उस परीक्षार्थी के साथ केंद्र व्यवस्थापक एवं पंजीकृत विद्यालय के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाए।

सचिव ने यह भी कहा है कि सचल दल अधिकारी/केंद्र व्यवस्थापक नकल में जब्त सामग्री के बारे में भी स्पष्ट आख्या अंकित करें, ताकि बाद में न्यायालय में विषम स्थिति का सामना न करना पड़े।

परीक्षार्थी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा यदि अनुचित साधनों के प्रयोग या उसमें संलिप्तता, परीक्षा को प्रभावित करना या परीक्षा संबंधी कर्तव्यों की उपेक्षा करना या परीक्षा में व्यवधान उत्पन्न करना पाया जाए तो उनके विरुद्ध उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाए। हालांकि, सचिव ने स्पष्ट किया है कि इस अधिनियम के प्रावधान परीक्षार्थी पर लागू नहीं होंगे। 

सचिव के अनुसार पूर्व में यह भी देखा गया है कि कुछ केंद्र व्यवस्थापक नकल संबंधी उत्तर पुस्तिका के साथ न तो कोई जब्त सामग्री संलग्न करते हैं और न ही उत्तर पुस्तिका पर सामग्री के संबंध में कोई आख्या अंकित करते हैं लेकिन बंडल में रखे जाने वाली ओएमआर में यूएम (अनफेयर मीस) अंकित कर देते हैं।

ऐसी स्थिति में साक्ष्य के अभाव में छात्र का परीक्षाफल नकल आरोपित परीक्षार्थियों की सूची के तहत अनावश्यक रूप से रोक दिया जाता है।

सचिव का कहना है कि ऐसे प्रकरणों पर निर्णय लिया जाना संभव नहीं हो पाता है। अगर इससे संबंधित कोई प्रकरण प्रकाश में आता है तो इसके लिए केंद्र व्यवस्थापक जिम्मेदारी होंगे और उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसलिए अनुचित साधन के समस्त प्रकरणों पर जब्त सामग्री व उसके विषय से संबंधित होने के बारे में सुस्पष्ट आख्या अंकित की जाए।



सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रहेंगे संकलन केंद्र

प्रयागराज। यूपी बोर्ड की परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं का संकलन सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगा। उत्तर पुस्तिकाओं के संकलन केंद्र भी 24 घंटे वॉयस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रहेंगे और वहां चार सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। संकलन केंद्र से मूल्यांकन केंद्र तक दो सशस्त्र पुलिस कर्मियों की देखरेख में उत्तर पुस्तिकाएं पहुंचाई जाएंगी। संकलन केंद्रों में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति के लिए जेनरेटर की व्यवस्था रहेगी और आग से बचाव के सभी इंतजाम किए जाएंगे। ब्यूरो


मुख्य सचिव ने कई विभागों को लिखा पत्र

प्रयागराज। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बेसिक शिक्षा के अपर सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि बेसिक शिक्षा परिषद के तहत संचालित विद्यालयों के शिक्षकों की भी परीक्षा में डयूटी लगाई गई है, सो उन्हें परीक्षा से तीन दिन पहले मूल तैनाती वाले स्थान से कार्यमुक्त कर दिया जाए, ताकि वे समय से केंद्रों में रिपोर्ट कर सके। मुख्य सचिव ने परीक्षा केंद्रों व आसपास के साफ-सफाई के लिए पंचायती राज विभाग व नगर विकास विभाग को भी पत्र लिखा है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि परीक्षा के दौरान अगर किसी परीक्षार्थी की तबीयत खराब होती है तो उसके प्राथमिक उपचार की उचित व्यवस्था की जाए। वहीं, पुलिस विभाग को पत्र लिखकर परीक्षा के सफल संचालन में सहयोग के लिए कहा है। 



यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 : 17 जिले अतिसंवेदनशील घोषित,  होगी विशेष निगरानी

07 जनवरी 2025
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाओं के मद्देनजर प्रयागराज समेत 17 जिलों को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है। परीक्षा के दौरान इन जिलों के केंद्रों की विशेष निगरानी की जाएगी।

मुख्य सचिव की ओर से प्रमुख सचिव गृह (गोपन) को पत्र जारी कर अतिसंवेदनशील जिलों में विशेष निगरानी एवं सतर्कता बरतने को कहा गया है। बीते वर्षों में यूपी बोर्ड की परीक्षा के दौरान सामूहिक नकल, अनियमितता व प्रश्नपत्र वायरल होने के कारणों से कराई गई पुनः परीक्षा के आधार पर 17 जनपदों को अतिसंवेदनशील चिह्नित किया गया है।

अतिसंवेदनशील जिलों में प्रयागराज के अलावा आगरा, मथुरा, बागपत, अलीगढ़, मैनपुरी, एटा, हरदोई, आजमगढ़, बलिया, मऊ, कौशाम्बी, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, देवरिया व गोंडा शामिल है।

मुख्य सचिव ने नकल माफिया व असामाजिक तत्वों के खिलाफ भी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा है। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी से 12 मार्च तक आयोजित की जाएंगी। यूपी बोर्ड ने 24 फरवरी को हाईस्कूल की हिंदी एवं इंटरमीडिएट की हिंदी व सामान्य हिंदी, एक मार्च को हाईस्कूल की गणित व इंटर की नागरिक शास्त्र, तीन मार्च को हाईस्कूल की संस्कृत व इंटरमीडिएट की गणित व जीव विज्ञान की परीक्षा को संवेदनशील माना गया है।

इसके अलावा चार मार्च को हाईस्कूल की विज्ञान व इंटर की अर्थशास्त्र, पांच मार्च को इंटर की इतिहास, छह मार्च को भौतिक विज्ञान, सात मार्च को हाईस्कूल की अंग्रेजी, आठ मार्च को हाईस्कूल की गृह विज्ञान व इंटर की रसायन विज्ञान व समाजशास्त्र, 10 मार्च को हाईस्कूल की चित्रकला और इंटर की भूगोल, 11 मार्च को हाईस्कूल की सामाजिक विज्ञान व इंटर की संस्कृत और 12 मार्च को इंटर की अंग्रेजी की परीक्षा को संवेदनशील माना गया है।

मुख्य सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि इन परीक्षाओं के दौरान अतिसंवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए। बोर्ड परीक्षा की संवेदनशीलता के मद्देनजर सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अपनी अध्यक्षता में बैठक कर नकल विहीन परीक्षाएं शांतिपूर्ण ढंग से कराने और प्रश्नपत्रों की सुरक्षा सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की समीक्षा कर लें।




यूपी बोर्ड : प्रैक्टिकल के अंक अपलोड करने में फंस गए परीक्षक, मोबाइल नंबर गलत या बंद होने से दिक्कत

 06 जनवरी 2025
प्रयागराज : यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा में पहली बार एप के माध्यम से अंक अपलोड करने में हो रही परेशानी को देखते हुए परीक्षकों के सही मोबाइल नंबर क्षेत्रीय कार्यालय को अतिशीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूलों को बोर्ड की वेबसाइट पर परीक्षकों के मोबाइल नंबर अपलोड करने थे। कई स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने त्रुटिपूर्ण मोबाइल नंबर अपलोड कर दिए। कुछ परीक्षकों के मोबाइल नंबर बदल चुके हैं।


प्रैक्टिकल के अंक अपलोड करने में समस्या होने पर जानकारी हुई। इस पर सचिव भगवती सिंह ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिया है कि त्रुटिपूर्ण अंकित करने या मोबाइल नंबर सक्रिय न होने के कारण मोबाइल एप/पोर्टल पर लॉगिन करते समय ओटीपी प्राप्त न होने के कारण लॉगिन नहीं हो पा रहा है तो संबंधित विद्यालय से पुष्टि कर क्षेत्रीय कार्यालय को परीक्षक का सही मोबाइल नंबर अतिशीघ्र उपलब्ध करा दिया जाए, ताकि संबंधित परीक्षक का मोबाइल नंबर संशोधित किया जा सके।


सभी डीआईओएस से गलत एवं सही मोबाइल नंबर का विवरण भी मांगा गया है। पहले चरण की प्रयोगात्मक परीक्षाएं प्रयागराज समेत आठ मंडलों में आठ फरवरी तक आयोजित की जाएगी, जिसके लिए 9977 परीक्षक लगाए गए हैं। वहीं, नौ से 16 फरवरी तक दूसरे चरण की प्रयोगात्मक परीक्षाओं के लिए 9504 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।

यूपी बोर्ड परीक्षा वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं को संकलित कराये जाने के सम्बन्ध में निर्देश।

परिषदीय परीक्षा वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं को संकलित कराये जाने के सम्बन्ध में निर्देश।


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षाओं के दृष्टिगत निर्धारित परीक्षा केन्द्रों पर तैनात चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के सम्बन्ध में।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षाओं के दृष्टिगत निर्धारित परीक्षा केन्द्रों पर तैनात चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के सम्बन्ध में


केंद्रों पर प्राथमिक चिकित्सा व सफाई की व्यवस्था

परीक्षा केंद्रों पर तैनात कार्मिकों व परीक्षार्थियों के लिए प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश अपर मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को दिए हैं। इसी तरह केंद्र पर साफ-सफाई व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पंचायतीराज विभाग, नगर विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग को दिए गए अपर मुख्य सचिव के निर्देश के क्रम में बोर्ड सचिव ने समन्वय बनाकर व्यवस्था बनाने के लिए सभी डीआइओएस को कहा है।

प्रोजेक्ट अलंकार के अन्तर्गत अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के जीर्णोद्धार, मरम्मत, पुनर्निर्माण, निर्माण एवं अवस्थापना सुविधाओं हेतु सहयोगी अनुदान योजना के सम्बन्ध में।

प्रोजेक्ट अलंकार के अन्तर्गत अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के जीर्णोद्धार, मरम्मत, पुनर्निर्माण, निर्माण एवं अवस्थापना सुविधाओं हेतु सहयोगी अनुदान योजना के सम्बन्ध में।