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Wednesday, April 23, 2025

पूर्व प्राचार्य की पुत्रवधू के स्थान पर सॉल्वर बैठाने में डायट प्रवक्ता निलंबित

पूर्व प्राचार्य की पुत्रवधू के स्थान पर सॉल्वर बैठाने में डायट प्रवक्ता निलंबित, सचिव के आदेश पर डायट प्राचार्य ने की कार्रवाई, साल 2024 में हुई थी परीक्षा


प्रतापगढ़। डायट के पूर्व प्राचार्य की पुत्रवधू के स्थान पर महिला सॉल्वर बैठाने पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव के आदेश पर डायट प्रवक्ता को निलंबित कर दिया गया है। डायट प्राचार्य ने निलंबन का आदेश मंगलवार को जारी किया। साल 2024 में डीएलएड प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान धांधली की गई थी।

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की डीएलएड प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा आठ अगस्त से शुरू होकर दस अगस्त तक चली थी। डायट अतरसंड में प्रथम सेमेस्टर की प्रशिक्षु पूर्व प्राचार्य अशोक यादव की पुत्रवधू अभिलाषा को परीक्षा केंद्र केपी हिंदू इंटर कॉलेज आवंटित किया गया।

डायट में तैनात अंग्रेजी के प्रवक्ता जितेंद्र कुमार के सहयोग से पूर्व प्राचार्य की पुत्रवधू के स्थान पर महिला सॉल्वर को बैठाया गया। प्रयागराज से महिला सॉल्वर को बुलाकर परीक्षा कराई गई। सह परीक्षा प्रभारी के दायित्व का नर्वहन करते हुए डायट प्रवक्ता ने अभिलाषा का प्रवेश पत्र स्वयं प्राप्त किया।

इसके अलावा डायट प्रवक्ता पर प्रवेश समिति के प्रभारी पद के निर्वहन के दौरान प्रवेश शुल्क ड्राफ्ट से न लेकर विद्यार्थियों से नकद शुल्क लिया गया। शासकीय धन को व्यक्तिगत उपयोग में लेने के 18 माह बाद राजकोष में जमा किया गया।

डीएलएड प्रवेश प्रभारी के दौरान 186 प्रशिक्षुओं के सापेक्ष 157 के ही मूल अभिलेख जमा किए। आरोप सिद्ध होने के बाद तत्काल प्रभाव से परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव ने निलंबन का आदेश दे दिया। डायट प्रवक्ता को डायट रायबरेली से संबद्ध कर दिया गया है।



डीएलएड में सॉल्वर बिठाकर नकल कराने के मामले में डायट प्रवक्ता निलंबित 




सभी छात्रों की शुल्क भरपाई के लिए अब होगी एक ही समयसारिणी, हर साल 60 लाख विद्यार्थी पाते हैं लाभ, मुख्य सचिव के स्तर से जारी होगा कार्यक्रमछात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति, उत्तर प्रदेश,

सभी छात्रों की शुल्क भरपाई के लिए अब होगी एक ही समयसारिणी, हर साल 60 लाख विद्यार्थी पाते हैं लाभ, मुख्य सचिव के स्तर से जारी होगा कार्यक्रम


लखनऊ। प्रदेश में सभी वर्गों के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के लिए एक ही समयसारिणी जारी होगी। इसमें आवेदन से लेकर भुगतान तक का समय जारी होगा। यह समय सारिणी मुख्य सचिव के स्तर से जारी होगी। योजना में हर साल करीब 60 लाख विद्यार्थी लाभ पाते हैं।


प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को ढाई लाख रुपये सालाना एवं अन्य वर्गों के लिए दो लाख रुपये तक सालाना आय होने पर योजना का लाभ दिया जाता है। अभी सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति व जनजाति छात्रों के लिए समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग के लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग समयसारिणी जारी करता है।


सभी विभागों की समयसारिणी अलग-अलग जारी होती है। इससे डाटा प्रोसेस (जांच आदि) करने में एनआईसी को दिक्कत आती है। आम तौर पर विभाग अपने स्तर से समयसारिणी जारी कर देते हैं, जिससे एनआईसी को डाटा की जांच के लिए पर्याप्त समय भी नहीं मिल पाता है। इसलिए निर्णय लिया गया है कि समयसारिणी जारी करने से पहले इस पर एनआईसी के साथ भी विचार-विमर्श किया जाएगा।


छात्रवृत्ति का वितरण सितंबर-अक्तूबर में

पिछले वित्त वर्ष तक छात्रवृत्ति का वितरण मार्च तक किया जाता है। इस बार सितंबर-अक्तूबर में ही वितरण की योजना बनाई जा रही है। ताकि, छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने में कोई दिक्कत न आए।

परिषदीय स्कूलों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा, स्मार्ट पढ़ाई पर जोर

परिषदीय स्कूलों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा, स्मार्ट पढ़ाई पर जोर


लखनऊः परिषदीय स्कूलों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देकर स्मार्ट तरीके से पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। इन विद्यालयों में 2.09 टैबलेट दिए गए हैं और 18 हजार से अधिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनाई जा चुकी हैं। डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देकर निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी विद्यालयों में भी पढ़ाई कराई जा रही है। छात्रों को आडियो-वीडियो के माध्यम से रोचक ढंग से कठिन से कठिन पाठ आसानी से समझाए जा रहे हैं।


प्रदेश के सभी ब्लाक में एक-एक इन्फार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (आइसीटी) लैब बनाई गई है। यहां पर परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के मुताबिक आपरेशन कायाकल्प की मदद से विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ाई गई हैं और इसके साथ ही डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तेजी से बढ़ाया जा रहा है।


शिक्षकों को जो टैबलेट दिए गए हैं, उसमें इंटरनेट की सुविधा दी गई है। विद्यालय में उपस्थिति सहित सभी 12 रजिस्टर को डिजिटल रजिस्टर में तब्दील कर आनलाइन सूचनाएं बेसिक शिक्षा विभाग को भेजी जा रही हैं और इस पर आनलाइन पाठ्य सामग्री भी भेजी जा रही है। नवभारत उदय कार्यक्रम के तहत डिजिटल शिक्षा की नींव तैयार कर ली गई है। वर्ष 2022 से लेकर वर्ष 2024 तक सीतापुर में 59 स्मार्ट टीवी और पांच कंप्यूटर लैब स्थापित की गईं। अब आगे 501 प्राथमिक स्कूलों में स्मार्ट टीवी का वितरण किया जाएगा। छात्रों को रोचक ढंग से पढ़ाई कराने पर जोर दिया जा रहा है।

एक और जिले में विद्यालय समय परिवर्तन आदेश जारी, देखें

एक और जिले में विद्यालय समय परिवर्तन आदेश जारी, देखें



फतेहपुर

महोबा 


औरैया 

अलीगढ़ 

संतकबीर नगर

मऊ 

लखीमपुर खीरी 
हाथरस


अमेठी

चंदौली 

उन्नाव

प्रतापगढ़ 

अमेठी 

एटा 

जालौन 

आगरा

सोनभद्र 


जौनपुर 

मीरजापुर 

बांदा 

इटावा 

चित्रकूट 

सुलतानपुर 

महोबा 


हमीरपुर 

प्रयागराज


Tuesday, April 22, 2025

24 अप्रैल के बाद किसी भी दिन जारी होंगे यूपी बोर्ड के परीक्षा परिणाम

24 अप्रैल के बाद किसी भी दिन जारी होंगे यूपी बोर्ड के परीक्षा परिणाम

यूपी बोर्ड के सचिव ने किया स्पष्ट, 25 अप्रैल से पहले घोषित नहीं होगा रिजल्ट


प्रयागराज। यूपी बोर्ड 24 अप्रैल के बाद किसी भी दिन वर्ष-2025 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं का परिणाम जारी कर सकता है। सोशल मीडिया पर नतीजे को लेकर चल रहीं कयासबाजियों पर विराम लगाते हुए बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने स्पष्ट किया है कि परिणाम 25 अप्रैल से पहले घोषित नहीं किया जाएगा।



बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि परीक्षा परिणाम 26 अप्रैल को जारी किया जा सकता है, क्योंकि रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। यूपी बोर्ड की परीक्षा में शामिल 51 लाख से अधिक परीक्षार्थियों को परिणाम का इंतजार है।

इस बार बोर्ड ने कॉपियों का मूल्यांकन 15 दिनों में पूरा करा लिया था। मूल्यांकन कार्य 19 मार्च से दो अप्रैल तक प्रदेश के 261 केंद्रों में कराया गया। इसके बाद बोर्ड ने सात से नौ अप्रैल तक हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में शामिल परीक्षार्थियों के शैक्षिक विवरण में त्रुटि संशोधन के लिए आवेदन लिए।

इस बीच बोर्ड ने प्रयोगात्मक परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गए परीक्षार्थियों के लिए सात एवं आठ अप्रैल को फिर से प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी कराईं और इसके बाद रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए 54,37,233 परीक्षार्थी पंजीकृत थे।

मानदेय, मेडिकल व मूल विद्यालय वापसी के लिए अपर मुख्य सचिव से शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों ने एमएलसी के साथ की वार्तालाप

मानदेय, मेडिकल व मूल विद्यालय वापसी के लिए अपर मुख्य सचिव से शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों ने एमएलसी के साथ की वार्तालाप  


लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षामित्रों व अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाने, मेडिकल सुविधा देने व मूल विद्यालय वापसी के लिए एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एमएलसी श्रीचंद शर्मा व अवनीश सिंह ने किया।


उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने बताया कि अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा ने आयुष्मान से जोड़े जाने पर स्वास्थ्य विभाग से वार्ता कर अवगत कराने का निर्देश दिया। साथ ही मूल विद्यालय वापसी पर बेसिक शिक्षा निदेशक के साथ बैठक करने और मानदेय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री से निर्देश लेने की बात कही।


वहीं एमएलसी श्रीचंद शर्मा व अवनीश सिंह ने जल्द ही इस मामले में मुख्यमंत्री से समय लेकर वार्ता करने का आश्वासन दिया। श्रीचंद शर्मा ने बताया कि कल ही उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात हो सकती है। अपर मुख्य सचिव से वार्ता में अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह, जिलाध्यक्ष बनारस अजय सिंह, जिलाध्यक्ष फतेहपुर सुशील तिवारी उपस्थित थे।

सेवा सुरक्षा बहाली के लिए प्रदेश भर से आए माध्यमिक शिक्षकों ने भरी हुंकार, ईको गार्डन में अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

सेवा सुरक्षा बहाली के लिए प्रदेश भर से आए माध्यमिक शिक्षकों ने भरी हुंकार,  ईको गार्डन में अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन।


लखनऊ। सेवा सुरक्षा की बहाली के लिए सोमवार को शिक्षको ने अपनी आवाज बुलंद की। प्रदेशभर से ईको गार्डन में एकत्र हुए शिक्षको ने शिक्षक सेवा सुरक्षा की धारा 12, 18 एवं 21 को नए आयोग में जोड़ने की मांग की। प्रदर्शनकारियों की अगुवाई कर रहे उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 12, 18 एवं 21 को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 से निरसित (खारिज) कर दिया गया है।


इन तीनों धाराओं के उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 में न होने से प्रदेशभर के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब से तीनों धाराएं समाप्त की गई है, प्रदेश में शिक्षकों का निलंबन और बर्खास्तगी का सिलसिला शुरू हो गया है। शिक्षक सेवा सुरक्षा के अभाव में भयभीत हैं।


प्रदेश संरक्षक डॉ. हरिप्रकाश यादव तथा प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार कुशवाहा ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 निरसित होने के कारण सहायक अध्यापक से प्रवक्ता पद पर पदोन्नति बीते डेढ़ वर्ष से बंद है और इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 प्रभावी है। इस मौके पर दीपक सिंह पुंडीर, प्रदेश मंत्री प्रमोद कुमार पाठक, पंकज सिंह, सुरेंद्र प्रताप सिंह, प्रमोद पाल, सुधाकर ज्ञानार्थी आदि ने संबोधित किया।

Monday, April 21, 2025

28 मार्च 2005 से पूर्व विज्ञापित पदों पर नियुक्त बेसिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित किए जाने के सम्बन्ध में 22 अप्रैल की बैठक में बीटीसी 2004 और उर्दू बीटीसी 2005 बैच के बारे में विचार विमर्श किए जाने की मांग

28 मार्च 2005 से पूर्व विज्ञापित पदों पर नियुक्त बेसिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित किए जाने के सम्बन्ध में 22 अप्रैल की बैठक में बीटीसी 2004 और उर्दू बीटीसी 2005 बैच के बारे में विचार विमर्श किए जाने की मांग 






माध्यमिक विद्यालयों में भी 20 मई से 15 जून के बीच लगेंगे समर कैंप, बच्चे सीखेंगे कला और संस्कृति

माध्यमिक विद्यालयों में भी 20 मई से 15 जून के बीच लगेंगे समर कैंप, बच्चे सीखेंगे कला और संस्कृति


लखनऊ। प्रदेश  में संचालित माध्यमिक विद्यालयों में गर्मी की छुट्टी के दौरान 20 मई से 15 जून के बीच समर कैंप लगाए जाएंगे। जिसमें छात्रों की रुचियों के अनुरूप कक्षाएं संचालित की जाएंगी। समर कैंप में गीत, नृत्य, सिलाई, कढ़ाई, अनुपयोगी वस्तुओं से उपयोगी वस्तुएं बनाने की कला सिखाई जाएगी। साथ ही प्रशिक्षक पारंपरिक खेल, हस्तशिल्प, सृजनात्मक लेखन, चित्रकला, रंगोली के बारे में प्रशिक्षित करेंगे।


समर कैंप में छात्रों की रुचियों के अनुरूप प्रातःकालीन कक्षाएं संचालित की जाएंगी। जिसमें बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई, योग, विज्ञान-तकनीक, कला-संस्कृति के बारे शिक्षा दी जाएगी। कैंप में बच्चों को सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन के लिए गुड़ की चिक्की, बाजरे का लड्डू, रामदाना लड्डू, गुड़-चना और लैया पट्टी दी जाएगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव ने सभी डीआईओएस को समर कैंप के संबंध में पत्र भेजा है।


 माध्यमिक विद्यालयों में गर्मी की छुट्टी के दौरान समर कैंप लगाया जाएगा। जिसमें बच्चों को उनकी रुचियों के मुताबिक पढ़ाई के साथ ही कला व संस्कृति के बारे में सिखाया जाएगा। छुट्टी के दौरान प्रशिक्षक बच्चों को पारंपरिक खेलों के बारे में बताएंगे। 

बीईओ का कोटा बढ़ाने के विरोध में राजकीय शिक्षक सीएम योगी से मिले

बीईओ का कोटा बढ़ाने के विरोध में राजकीय शिक्षक सीएम योगी से मिले


21 अप्रैल 2025
लखनऊ। राजकीय शिक्षक संघ का प्रतिनिधि मंडल रविवार को प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में गोरखपुर पहुंच कर मुख्यमंत्री से जनता दरबार में मुलाकात की प्रतिनिधि मंडल ने 30 हजार राजकीय शिक्षक शिक्षिकाओं के भविष्य बचाने की मांग की। 

ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री से मांग की कि खंड शिक्षा अधिकारियों का कोटा किसी भी दशा में न बढ़ाया जाए। क्योंकि इससे राजकीय शिक्षकों की पदोन्नति प्रभावित हो जाएगी। प्रतिनिधि मंडल में अरुण यादव प्रांतीय महामंत्री, डॉ कुशाम्भ यादव जिलाध्यक्ष प्रयागराज आदि शामिल थे। 



राजकीय शिक्षकों ने गिनाए बीईओ पदोन्नति कोटा न बढ़ाने के कारण,  सामान्य शिक्षा संवर्ग समूह-ख के उच्चतर पद के लिए बीईओ के पास योग्यता न होने का आरोप


19 अप्रैल 2025
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) समूह-ख उच्चतर के पद पर खंड शिक्षाधिकारियों (बीईओ) को पदोन्नति दिए जाने के पहले राजकीय शिक्षक संघ ने कुछ सुझाव अपर मुख्य सचिव (एसीएस) को भेजे हैं। एसीएस ने विषय पर विचार-विमर्श के लिए राजकीय शिक्षकों से सुझाव मांगे थे। सुझाव में उन्हें बताया गया है कि बीईओ के पास तीन वर्ष अध्यापन अनुभव की निर्धारित योग्यता नहीं है। इसके अलावा वेतनमान में अंतर, उनकी वरिष्ठता विवादित होने सहित कुछ और तर्क देकर उन्हें उच्चतर के पद पर पदोन्नति दिए जाने का विरोध किया गया है।

सुझाव में संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय व महामंत्री सत्यशंकर मिश्र ने बताया है कि बीईओ अपनी संख्या 1031 बताकर पदोन्नति कोटा बढ़ाना चाहते हैं, जबकि शैक्षिक संवर्ग (महिला/पुरुष) की संख्या 24,000 है, जो कि पूरी तरह पदोन्नति की शर्तें पूरी करते हैं। इसके अलावा यह भी जानकारी दी है कि बीईओ 4800 वेतनमान से सीधे उच्चतर पद के वेतनमान 5400 पर जाना चाहते हैं, जो कि अनैतिक है, जबिक शैक्षिक संवर्ग इसके लिए पात्रता रखता है। इसके अलावा बीईओ की अद्यतन कोई सेवा नियमावली नहीं बनी है।

ज्येष्ठता व नियमावली के अभाव में पदोन्नति संभव नहीं है। इनकी वरिष्ठता भी विवादित है, जो न्यायालय में विचाराधीन है। यह भी तर्क दिया है कि बीईओ का पद बेसिक शिक्षा का है और बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा दोनों अलग-अलग वर्ग हैं।



बीईओ को नियम विरुद्ध कोटा न देने की मांग, विभाग को गुमराह करके मनमाने तरीके से कोटा बढ़वाने का आरोप 

12 अप्रैल 2025
लखनऊ। राजकीय शिक्षक संघ ने खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के पदों में नियम विरुद्ध कोटा दिए जाने का विरोध किया है। इसके लिए संघ ने शिक्षा महानिदेशक को ज्ञापन सौंपा है। शिक्षक संघ के प्रादेशीय अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय ने शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा से मुलाकात कर शुक्रवार को बताया कि बीईओ के पदों में नियम विरुद्ध कोटा समाप्त किया जाने की मांग बार-बार हो रही है, फिर भी किसी ने ध्यान नहीं दिया है। 

उन्होंने बताया कि विभाग को गुमराह करके मनमाने तरीके से खंड शिक्षा अधिकारियों ने अपना कोटा बढ़वाया है। उन्होंने कहा हमारी मांग है कि खंड शिक्षा अधिकारियों के इतिहास का अवलोकन करते हुए नियम विरुद्ध लगा कोटा समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि संघ की मांग पर विचार नहीं किया गया तो राजकीय शिक्षक संघ सभी शिक्षक व अधीनस्थ राजपत्रित साथी इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। 



बीईओ की पदोन्नति के लिए गलत ढंग से कोटा बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध हुआ तेज

उम्र राजकीय शिक्षक संघ ने निदेशालय में किया प्रदर्शन, 

माध्यमिक शिक्षा निदेशक को सौंपा ज्ञापन, न्याय की मांग

10 अप्रैल 2025
लखनऊ । राजकीय शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेश ने खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को प्रोन्नति देने के लिए पदोन्नति कोटे को गलत ढंग से बढ़ाए जाने के प्रस्ताव का विरोध तेज कर दिया है। बुधवार को राजधानी स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय में बढ़ी संख्या में पहुंचे शिक्षकों ने कहा कि इससे बीईओ को लाभ होगा और शिक्षकों को नुकसान होगा, जबकि उनकी संख्या कहीं अधिक है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव को शिक्षकों ने ज्ञापन सौंपा और प्रस्ताव को वापस लिए जाने की मांग की।


संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार भड़ाना व महामंत्री डा. रवि भूषण का कहना है कि शैक्षिक अध्यापन (अधीनस्थ राजपत्रित) और शैक्षिक (राजपत्रित निरीक्षण शाखा) के पदों में पदोन्नति कोटे में गड़बड़ी कर बीईओ को अनुचित लाभ देने की तैयारी की जा रही है। उनका कहना है कि हाईस्कूल के प्रिंसिपल के पदों पर कार्यरत 61 प्रतिशत पुरुष शाखा व 22 प्रतिशत महिला शाखा के प्रधानाचार्यों और 17 प्रतिशत बीईओ को पदोन्नति देकर राजकीय इंटर कालेज में प्रिंसिपल, बेसिक शिक्षा अधिकारी व एसोसिएट जिला ने विद्यालय निरीक्षक बनाया जाता है। 


पहले बीईओ प्रति उप जिला म विद्यालय निरीक्षक पदनाम से जाने जाते थे। वर्ष 2011 में शासनादेश जारी कर इन्हें बीईओ पदनाम दिया ि गया, लेकिन नियमावली अभी तक स नहीं बनी। अब बीईओ के पदोन्नति कोटे के पदों को 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 34 प्रतिशत करने का प्रस्तावज्ञ तैयार किया गया है। बीईओ की संख्या 1,031 है और शैक्षिक संवर्ग के राजपत्रित अधिकारियों के समकक्ष शिक्षकों की संख्या 25 हजार है। ऐसे में बीईओ का पदोन्नति कोटा दोगुणा किया जाना अनुचित है।


Sunday, April 20, 2025

राजकीय माध्यमिक स्कूलों में मानदेय पर रखे जाएंगे शिक्षक, शासन में बन चुकी है सैद्धांतिक सहमति, शिक्षा निदेशालय तैयार कर रहा प्रस्ताव

राजकीय माध्यमिक स्कूलों में मानदेय पर रखे जाएंगे शिक्षक, शासन में बन चुकी है सैद्धांतिक सहमति, शिक्षा निदेशालय तैयार कर रहा प्रस्ताव

महत्वपूर्ण विषयों में शिक्षक रखने का अधिकार प्रधानाचार्यों को देने की योजना


प्रयागराजः राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने के साथ अब महत्वपूर्ण विषयों में शिक्षकों की कमी दूर किए जाने की तैयारी है। विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या को देखते हुए मानदेय पर शिक्षक नियुक्त किए जाने को लेकर शासन स्तर पर पिछले दिनों हुई बैठक में सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। इसके लिए शिक्षा निदेशालय स्तर से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसमें शिक्षकों को आवश्यकतानुसार नियुक्त किए जाने का अधिकार प्रधानाचार्यों को दिए जाने की योजना है। यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि शिक्षकों को प्रतिमाह कितना रुपया मानदेय दिया जाएगा।


राजकीय स्कूलों को प्रोजेक्ट अलंकार के तहत धनराशि देकर संवारा गया है। अधिकांश विद्यालयों में बाउंड्रीवाल भी बना दी गई है। कुछ राजकीय विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब बनाई जा रही है, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त रहेगी। 


विद्यालयों में आउटसोर्स पर्सन नियुक्त करने को लेकर शासनादेश जारी किया जा चुका है। इन व्यवस्थाओं के साथ अब शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में काम तेज किया गया है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण कार्य प्रमुख विषयों के रिक्त पदों पर शिक्षक नियुक्त करना है। इसके लिए उच्च स्तर पर हुई बैठक में सहमति बन गई है। 


शिक्षकों के चयन एवं नियुक्ति के लिए तैयार किए जा रहे प्रस्ताव में मानदेय से लेकर सेवा शर्तों को लेकर स्थिति स्पष्ट की जाएगी। वर्तमान में स्थिति यह है कि कई राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान एवं गणित जैसे महत्वपूर्ण विषयों में शिक्षक नहीं है, जिससे विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के नामांकन पर भी प्रभाव पड़ रहा है। 


मामले पर अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि शिक्षकों की कमी दूर हो जाने पर राजकीय विद्यालयों में पढ़ाई का स्तर सुधरेगा। इसके अलावा विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या भी बढ़ेगी। प्रस्ताव तैयार कर जल्द शासन को भेजा जाएगा, ताकि विद्यालयों में प्रमुख विषयों के शिक्षकों की कमी दूर हो सके।

नामांकन में वृद्धि हेतु जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने बेसिक शिक्षा विभाग को भेजे सुझाव

नामांकन में वृद्धि हेतु जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने बेसिक शिक्षा विभाग को भेजे सुझाव


लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा निधारित अपेक्षित नामांकन लक्ष्य प्राप्त करने के सम्बंध में उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल संघ  ने शिक्षा निदेशक बेसिक को पत्र भेजकर अवगत कराया कि परिषदीय विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नोति 2020 के अन्तर्गत स्कूली शिक्षा के लिए निर्धारित डिजाइन के तहत फाउंडेशनल स्टेज में आंगनबाड़ी एवं प्री स्कूल, बाल वाटिका हेतु 5 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का नामांकन किया जाता है, ताकि कथा 1 में प्रवेश हेतु परिषदीय विद्यालयों को बच्चे उपलब्ध हो सकें। जबकि अधिकतर परिषदीय विद्यालयों में बाल वाटिका संचालित नहीं है। परिणाम स्वरूप शासन द्वारा निर्धारित नामांकन लक्ष्य प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न हो रही है। 


जबकि वर्तमान सत्र में नामांकन के लिये शिक्षा निदेशक बेसिक द्वारा निर्देश दिये गए है कि कक्षा 1 में ऐसे बच्चों का ही नामांकन किया जाये जिनकी आयु 31 जुलाई 2025 को 6 वर्ष पूर्ण हो रही हो। जबकि निजी विद्यालयों द्वारा 5 प्लस आयुवर्ग के बच्चों का नामांकन भी कर लिया जा रहा है। जिसके कारण प्रायः विद्यालयों के सेवित क्षेत्र में कक्षा 1 में प्रवेश हेतु 6 वर्ष आयु के बच्चे उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। 


जिसके परिप्रेक्ष्य में उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ परिषदीय विद्यालयों के नामांकन में वृद्धि करने एवं निर्धारित नामांकन लक्ष्य प्राप्ति हेतु मांग करता है कि प्रदेश के समस्त परिषदीय विद्यालयों में बालवाटिका को अनिवार्य रूप से संचालित किया जाये। तत्पक्षात कक्षा 1 में प्रवेश की न्यूनतम आयु 6 वर्ष निर्धारित की जाये ताकि निजी विद्यालयों की तरफ बच्चों का पलायन रोका जा सके। परिषदीय विद्यालयों में कक्षा 1 में प्रवेश हेतु निर्धारित आयु में शिथिलता प्रदान कर निजी विद्यालयों में भी उक्त आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए साथ ही परिषदीय विद्यालय के सापेक्ष मानक के विरुद्ध निजी विद्यालयों को यू डायस के मानकों के परिप्रेक्ष्य में इनका स्थलीय निरीक्षण किया जाये तो निजी विद्यालयों की सच्चाई उजागर हो जायेगी। क्योंकि इनके द्वारा यू डायस कार्य समय से पूर्ण नहीं किया जाता है ताकि बच्चों के दोहरे नामांकन को छिपाया जा सके। आधार कार्ड उपलब्ध न होना तथा इसके सत्यापन न हो पाने से बच्यों के नामांकन एवं डीबीटी सहित अन्य विभागीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में गंभीर समस्या उत्पन हो रही है। 


विद्यालयों के कुशल प्रबंधन एवं संचालन के लिए प्रत्येक विद्यालय में प्रवअष का पद अनिवार्य रूप से सृजित किया जाये। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाये तथा प्रति कक्षा न्यूनतम एक शिक्षक नियुरु की जाये उत्पक्षात नामांकन के सापेक्ष शिथकों की नियुक्ति की जाये। ताकि शिक्षकों को कमी से बच्चों का पलायन निजी विद्यालयों की तरफन हो। परिषदीय विद्यालयों के सेवित क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में किसी निजी विद्यालय को मान्यता प्रदान न की जाये तथा पूर्व से संचालित निजी विद्यालयों की समीक्षा कर मानकों के विपरीत चल रहे विद्यालयों को मान्यता समाप्त की जाये।



शासन / विभाग द्वारा निर्धारित / अपेक्षित नामांकन लक्ष्य प्राप्त किये जाने के सम्बंध में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने रखी मांग


36 विषयों की 70 तरह की किताबें छपवाएगा यूपी बोर्ड, NCERT किताबों के प्रकाशन की प्रक्रिया शुरू

36 विषयों की 70 तरह की किताबें छपवाएगा यूपी बोर्ड, NCERT किताबों के प्रकाशन की प्रक्रिया शुरू


लखनऊ: यूपी बोर्ड ने एनसीईआरटी किताबों के प्रकाशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बोर्ड ने 36 विषयों की 70 तरह की किताबें छपवाएगा। इनके प्रकाशन के लिए टेंडर जारी किया है। प्रकाशक 3 मई को दोपहर 12 बजे तक आवेदन कर सकते हैं और उसी दिन 3 बजे टेंडर खोला जाएगा। यूपी बोर्ड की सचिव भगवती सिंह की ओर से इसको लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। 


खास बात यह है कि पहली बार कवर पृष्ठ और पुस्तक अलग-अलग प्रकाशक छापेंगे। बोर्ड ने ऐसा इसलिए किया है ताकि प्रकाशक मनमाने तरीके से निर्धारित संख्या से अधिक पुस्तकें न छापने पाएं। प्रकाशकों को कवर पृष्ठ की संख्या के अनुरूप किताबों के प्रकाशन की रॉयल्टी एनसीईआरटी को देनी होगी। 


वहीं बताया जा रहा है नई किताबें जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह में बाजार उपलब्ध हो जाएगी। प्रकाशकों को ही पूरे प्रदेश में किताबें उपलब्ध करानी होंगी। एनसीईआरटी की 70 तरह की किताबों में सबसे मोटी 392 पेज की कक्षा 11 गणित की किताब है। वहीं इसी कक्षा की 320 पेज की लेखाशास्त्रः वित्तीय लेखांकन भाग-1 पुस्तक होगी। कक्षा 10 की गणित की किताब 308 पेज की होगी।




हाईस्कूल व इंटर की पुस्तकों के लिए टेंडर जारी कर मांगे आवेदन, आज खुलेगा यूपी बोर्ड की किताबों के लिए टेंडर


प्रयागराजउत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) कक्षा नौ से 12 तक के छात्र-छात्राओं के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आधारित पाठ्यक्रम की पुस्तकें छपवाएगा। इसके लिए सचिव भगवती सिंह ने ई-टेंडर जारी कर आवेदन मांगे हैं। पाठ्यपुस्तकों के कवर पेज और किताब के लिए अलग-अलग टेंडर जारी किए गए हैं। इसके तकनीकी पहलू का परीक्षण करने के लिए तीन मई को निविदा खोली जाएगी।


यूपी बोर्ड ने अपने मान्यता प्राप्त हाईस्कूल व इंटरमीडिएट विद्यालयों में एनसीईआरटी के 36 विषय शामिल किए हैं। इसमें सभी प्रमुख विषय सम्मिलित हैं। इन विषयों की कुल 70 पुस्तकें पढ़ाई जानी हैं। शैक्षिक सत्र वर्ष 2025-26 के लिए कक्षाओं में पंजीकृत छात्र-छात्राओं की संख्या की 20 प्रतिशत पाठ्यपुस्तकें पहले चरण में प्रकाशित की जाएंगी। 

विद्यार्थियों के कुल पंजीकरण की 50 प्रतिशत पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित कराई जाएंगी। इसके बाद विद्यालयों की मांग के अनुरूप और पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन कराया जाएगा। आवेदन करने वाले प्रकाशकों की तकनीकी बिड का परीक्षण तीन मई को किया जाएगा। सही मिलने वाले आवेदनों के वित्तीय पहलू का आकलन करने के लिए बिड देखी जाएगी।



आज खुलेगा यूपी बोर्ड की किताबों के लिए टेंडर

कक्षा नौ से 12 तक में हिंदी, संस्कृत और उर्दू विषय की पाठ्यपुस्तक यूपी बोर्ड की पढ़ाई जाती हैं। ये पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित कराने के लिए बोर्ड ने पूर्व में टेंडर जारी किए थे। चार प्रैल को टेंडर खोला गया तो केवल दो ही आवेदन मिले थे। नियमानुसार कम से कम तीन आवेदन नहीं प्राप्त होने की स्थिति में दोबारा टेंडर जारी किया गया। इसे शुक्रवार को खुलना था, लेकिन सार्वजनिक अवकाश होने के कारण नहीं खोला गया। अब यह टेंडर शनिवार को खोला जाएगा।


यूपी की साक्षरता दर 73% के करीब पहुंची, शहरों में साक्षरता दर अब 80.85%

यूपी की साक्षरता दर 73% के करीब पहुंची, शहरों में साक्षरता दर अब 80.85%


लखनऊ। यूपी की साक्षरता दर 69.72 से बढ़कर 72.6 प्रतिशत हो गई है। खास तौर पर शहरी क्षेत्रों में स्थिति ज्यादा बेहतर हुई है। शहरों में साक्षरता दर अब 80.85 प्रतिशत है।

केंद्रीय सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता के मामले में यूपी की स्थिति में सुधार की जरूरत है। अभी यह दर 70.45 प्रतिशत है। बिहार और झारखंड जैसे राज्य भी ग्रामीण क्षेत्र के साक्षरता में वर्तमान में यूपी से बेहतर स्थिति में हैं।


लैंगिक अंतर कम हुआ : रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की औसत सारक्षता दर अब 72.6 है जबकि 2011 में यह 69.72% पर थी। स्त्री-पुरुष की साक्षरता के हिसाब से देखें तो 2024 में प्रदेश में पुरुषों की साक्षरता दर 81.8 फीसदी, महिलाओं की साक्षरता दर 63.4 फीसदी पर पहुंच चुकी है। प्रदेश में अब पुरुष और महिलाओं के बीच साक्षरता के क्षेत्र में अभी भी लैंगिक अंतर 18.4 फीसदी है जो पहले से कम हुई है। वहीं 2011 में 79.24 प्रतिशत पुरूष साक्षर थे जबकि महिला साक्षरों का प्रतिशत 59.26 फीसदी था। तब लैंगिक अंतर 19.98 प्रतिशत का था।


यूपी आन्ध्र, राजस्थान से आगे

यूपी की तुलना में आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, राजस्थान में पुरुषों की साक्षरता कम है। ग्रामीण क्षेत्रों में आंध्र, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान तथा तेलंगाना में यूपी की तुलना में पुरुषों की साक्षरता दर कम है।


देश में असम ही एक मात्र ऐसा राज्य है जहां के शहरी क्षेत्रों में पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक साक्षर हैं। असम के शहरी क्षेत्र में 86.3 फीसदी पुरुष साक्षर है जबकि महिलाओं की साक्षरता दर वहां 91.4 फीसदी है। अर्थात दोनो के बीच का अन्तर 5.1 प्रतिशत का है।

डीएलएड के दूसरे व चौथे सेमेस्टर की परीक्षाओं की कॉपियों का जल्द शुरु होगा मूल्यांकन

डीएलएड के दूसरे व चौथे सेमेस्टर की परीक्षाओं की कॉपियों का जल्द शुरु होगा मूल्यांकन


प्रयागराज। डीएलएड के दूसरे व चौथे सेमेस्टर की परीक्षाओं की कॉपियों का मूल्यांकन जल्द शुरू होने जा रहा है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्यों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि अधिकृत वाहक जिन प्रश्नपत्रों की उत्तरपुस्तिकाओं को प्राप्त कराने के लिए मांगपत्र प्रस्तुत करें, उन्हीं प्रश्नपत्रों की उत्तरपुस्तिकाएं उपलब्ध कराई जाएं।


 सचिव ने स्पष्ट किया है कि हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में औपबंधिक रूप से परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए नहीं भेजी जाएंगी। ऐसे अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं सील बंद पैकेट में कार्यालय परीक्षा नियामक प्राधिकारी को अलग से उपलब्ध कराई जाएंगी। डीएलएड दूसरे व चौथे सेमेस्टर की परीक्षाएं क्रमशः तीन से पांच अप्रैल एवं सात से नौ अप्रैल तक आयोजित की गई थीं। 

अब कम चौड़ी सड़क पर भी स्कूल खोलना होगा आसान, 12 के बजाए अब नौ फीट चौड़ी सड़क पर भी पास होगा स्कूल के भवन का नक्शा

अब कम चौड़ी सड़क पर भी स्कूल खोलना होगा आसान, 12 के बजाए अब नौ फीट चौड़ी सड़क पर भी पास होगा स्कूल के भवन का नक्शा

सीएम योगी के निर्देश पर आवास विभाग ने भवन निर्माण एवं विकास उपविधि का संशोधित प्रारूप तैयार किया

पार्किंग व्यवस्था
10% अलग ब्लॉक बनाने की अनुमति मिल सकेगी



लखनऊ। प्रदेश में अब कम चौड़ी सड़कों पर भी स्कूल खोलना आसान होगा। सरकार प्राइमरी से डिग्री कॉलेज तक खोलने के लिए सड़कों की चौड़ाई समेत कई मानकों को सरल करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आवास विभाग ने भवन निर्माण एवं विकास उपविधि का संशोधित प्रारूप तैयार किया है।

इसमें सड़कों की चौड़ाई को 12 मीटर को घटाकर 9 मीटर करने का प्रावधान किया गया है। वहीं, स्कूलो परिसर में बसों के लिए पार्किंग बनाने की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए अब इसे स्कूल के बाहर इसे बनाने की सुविधा दी देने की व्यवस्था की गई है।


प्रमुख सचिव आवास पी गुरुप्रसाद ने उपविधि के प्रस्तावित प्रारूप को जारी करते हुए इस पर आपत्तियां एंव सुझाव मांगी हैं। नए उपविधि में यूपी बोर्ड के साथ ही सीबीएसई, आईसीएसई, एआईसीटीई आदि के स्कूलों का नक्शा पास करने के मानक में बदलाव किया जा रहा है। साथ ही स्कूलों में खेल के मैदान और खुले क्षेत्र का प्रावधान भी रखा जाएगा। वहीं, स्कूल परिसर के अंदर लाने और ले जाने वालों गाड़ियों के लिए अतिरिक्त पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।



अधिक चौड़ी सड़क पर अधिक ऊंचाई तक भवन बना सकेंगे

स्कूल भवन निर्माण के लिए फ्लोर एरिश रेशियो (एफएआर) सड़क की चौड़ाई के अनुसार सुविधा दी जाएगी। अधिक चौड़ी सड़क पर अधिक ऊंचाई तक भवन निर्माण की अनुमति दी जाएगी।

शैक्षिक संस्थानों की कई श्रेणियों को 10 से घटाकर 4 किया जा रहा है। आवासीय भूखंडों में क्रेच के लिए ग्राउंड कवरेज 25% तक करने की अनुमति होगी।


बहुमंजिला पार्किंग की दी जाएगी अनुमति

स्कूलों में बहुमंजिला पार्किंग की अनुमति दी जाएगी। उचित पार्किंग निजी स्कूलों में निवेश की राह खुलेगी को प्रोत्साहित
करने के लिए परिसर में 10 फीसदी अलग ब्लॉक बनाने की अनुमति मिलेगी।

सेटबैक में 20 से लेकर 40 फीसदी तक कवरेज की सुविधा दी जाएगी। राज्य सरकार का मानना है कि इससे प्रदेश में निजी स्कूलों के क्षेत्र में निवेश की राह खुलेगी।


Saturday, April 19, 2025

एक मई को प्रदेश भर में बीएसए कार्यालयों पर धरना देगा उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जानिए क्यों?

एक मई को प्रदेश भर में बीएसए कार्यालयों पर धरना देगा उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जानिए क्यों? 

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक में हुआ निर्णय

लखनऊ। विशिष्ट बीटीसी 2001 व 2004 के शिक्षकों को पुरानी पेंशन देने, शिक्षकों को पदोन्नति व प्रोन्नत वेतनमान देने, गर्मी को देखते हुए स्कूलों का समय बदलने की मांग को लेकर प्रदेशभर के शिक्षक एक मई को बीएसए कार्यालयों पर धरना देंगे। यह निर्णय शुक्रवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष, मंत्री व प्रांतीय कार्यसमिति के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक में लिया गया।

संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया कि शिक्षक एक मई को सभी जिलों के बीएसए कार्यालयों पर धरना देकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे। विशिष्ट बीटीसी 2001 व 2004 तथा अन्य ऐसे परिषदीय शिक्षकों (जिनकी भर्ती का विज्ञापन 1 अप्रैल 2005 से पूर्व हुआ था, किंतु नियुक्ति उसके बाद हुई थी) को पुरानी पेंशन देने के लिए शासनादेश जारी करने की मांग की गई।

इसके साथ ही तेज गर्मी को देखते हुए स्कूलों का समय सुबह सात से दोपहर 12 बजे तक करने, शिक्षकों को पदोन्नति व प्रोन्नत वेतनमान देने, जिले के अंदर प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय व सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय को परस्पर तबादले की व्यवस्था देने, शिक्षकों के सामान्य तबादले करने, एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले में वरिष्ठता के आधार पर कम से कम 50 फीसदी अंक निर्धारित किया जाना चाहिए।

संघ के महामंत्री संजय सिंह ने कहा कि आकांक्षी जिलों के शिक्षकों को भी सामान्य तबादले का लाभदेने, मानव संपदा पोर्टल में उचित संशोधन करने, नामांकन के लिए बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के नियमों में शिथिलता देने, दिव्यांग वाहन भत्ता की बढ़ी हुई राशि के भुगतान की मांग धरने में शामिल होगी। बैठक में कोषाध्यक्ष शिव शंकर पांडेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राधे रमण त्रिपाठी, संयुक्त महामंत्री देवेंद्र श्रीवास्तव आदि पदाधिकारी उपस्थित थे। 


01 मई को अटल स्कूल और नये शैक्षिक सत्र का शुभारंभ करेंगे योगी

01 मई को अटल स्कूल और नये शैक्षिक सत्र का शुभारंभ करेंगे योगी

एक मई को मजदूर दिवस के मौके पर आयोजन 

मुरादाबाद मंडल के बच्चे बुलंदशहर स्कूल में पढ़ रहे


लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगामी एक मई को मजदूर दिवस के मौके पर अटल आवासीय विद्यालयों में नए शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर वे मुरादाबाद के अटल आवासीय विद्यालय का उद्घाटन भी करेंगे। इसी के साथ प्रदेश के सभी 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालयों का संचालन शुरू हो जाएगा। मुरादाबाद मंडल के बच्चे अभी मेरठ मंडल के बुलंदशहर स्थित अटल स्कूल में पढ़ रहे हैं।


योगी सरकार ने दो साल पहले निर्माण श्रमिकों के बच्चों को लेकर अटल आवासीय विद्यालय की महत्वाकांक्षी योजना लांच की थी। इसके तहत नवोदय विद्यालय की तर्ज पर आवासीय स्कूल हर मंडल में बनाए गए। मगर बरेली व मुरादाबाद मंडल के स्कूलों का निर्माण पूरा न होने के चलते बरेली के बच्चों को लखनऊ और मुरादाबाद वालों को बुलंदशहर भेजा गया था। 


शनिवार को 360 बच्चे लखनऊ से बरेली के लिए रवाना होंगे। वहीं हाल ही में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में एक मई को मुरादाबाद के स्कूल के शुभारंभ का भी निर्णय लिया गया।

हाईस्कूल व इंटर की पुस्तकों के लिए टेंडर जारी कर मांगे आवेदन, आज खुलेगा यूपी बोर्ड की किताबों के लिए टेंडर

हाईस्कूल व इंटर की पुस्तकों के लिए टेंडर जारी कर मांगे आवेदन, आज खुलेगा यूपी बोर्ड की किताबों के लिए टेंडर


प्रयागराजउत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) कक्षा नौ से 12 तक के छात्र-छात्राओं के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आधारित पाठ्यक्रम की पुस्तकें छपवाएगा। इसके लिए सचिव भगवती सिंह ने ई-टेंडर जारी कर आवेदन मांगे हैं। पाठ्यपुस्तकों के कवर पेज और किताब के लिए अलग-अलग टेंडर जारी किए गए हैं। इसके तकनीकी पहलू का परीक्षण करने के लिए तीन मई को निविदा खोली जाएगी।


यूपी बोर्ड ने अपने मान्यता प्राप्त हाईस्कूल व इंटरमीडिएट विद्यालयों में एनसीईआरटी के 36 विषय शामिल किए हैं। इसमें सभी प्रमुख विषय सम्मिलित हैं। इन विषयों की कुल 70 पुस्तकें पढ़ाई जानी हैं। शैक्षिक सत्र वर्ष 2025-26 के लिए कक्षाओं में पंजीकृत छात्र-छात्राओं की संख्या की 20 प्रतिशत पाठ्यपुस्तकें पहले चरण में प्रकाशित की जाएंगी। 

विद्यार्थियों के कुल पंजीकरण की 50 प्रतिशत पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित कराई जाएंगी। इसके बाद विद्यालयों की मांग के अनुरूप और पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन कराया जाएगा। आवेदन करने वाले प्रकाशकों की तकनीकी बिड का परीक्षण तीन मई को किया जाएगा। सही मिलने वाले आवेदनों के वित्तीय पहलू का आकलन करने के लिए बिड देखी जाएगी।



आज खुलेगा यूपी बोर्ड की किताबों के लिए टेंडर

कक्षा नौ से 12 तक में हिंदी, संस्कृत और उर्दू विषय की पाठ्यपुस्तक यूपी बोर्ड की पढ़ाई जाती हैं। ये पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित कराने के लिए बोर्ड ने पूर्व में टेंडर जारी किए थे। चार प्रैल को टेंडर खोला गया तो केवल दो ही आवेदन मिले थे। नियमानुसार कम से कम तीन आवेदन नहीं प्राप्त होने की स्थिति में दोबारा टेंडर जारी किया गया। इसे शुक्रवार को खुलना था, लेकिन सार्वजनिक अवकाश होने के कारण नहीं खोला गया। अब यह टेंडर शनिवार को खोला जाएगा।


सहायता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालयों और माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति एक बार फिर प्रबंधकों को देने की तैयारी

सहायता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालयों और माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति एक बार फिर प्रबंधकों को देने की तैयारी

∎ शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश सरकार को भेजा प्रस्ताव 
∎ वर्तमान में किसी संस्था के पास नहीं भर्ती का जिम्मा


प्रयागराज । प्रदेश के 403 सहायता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालयों और 570 माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति एक बार फिर प्रबंधकों को देने की तैयारी है। शिक्षा निदेशालय की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है कि सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों महाविद्यालयों में पूर्व की तरह प्रबंधकों के माध्यम से ही शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। पिछले कई सालों से इन संस्थाओं में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में तीन साल पहले स्थायी शिक्षकों की मानदेय पर नियुक्ति हुई थी।


सरकार ने 28 मार्च 2018 को उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद (संस्थानों के प्रधानों, अध्यापकों एवं संस्थानों के अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति एवं सेवा शर्ते) विनियमावली -2009 में संशोधन के बाद सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों के चयन का अधिकार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को दिया था। उसके बाद 2019 में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में 1282 शिक्षकों के रिक्त पदों की सूचना भेजी थी।


इसी प्रकार महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को दी गई थी। हालांकि इन दोनों ही संस्थाओं का नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में विलय हो चुका है। नवगठित आयोग को संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति की जिम्मेदारी नहीं मिली है। ऐसे में स्थायी शिक्षकों की चयन की समस्या दूर करने के लिए शिक्षा निदेशालय ने नए सिरे से शासन को प्रस्ताव भेजा है।


संस्कृत महाविद्यालय में शिक्षकों के आधे पद खाली

संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में स्थायी शिक्षकों के लगभग आधे पद खाली हैं। 17 मार्च 2023 को शासन में हुई बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार एडेड संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापकों के सृजित 2085 पदों में से 1064 कार्यरत थे और 1021 खाली थे। प्रधानाचार्यों के सृजित 570 पदों में से 263 कार्यरत और 307 रिक्त थे। महाविद्यालयों में प्राचार्य के 403 पदों में से 154 कार्यरत और 249 रिक्त थे और शिक्षकों के 1889 पदों में से 960 कार्यरत और 929 खाली थे। बड़ी संख्या में शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं।