DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Tuesday, May 13, 2025

छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई : छात्रों के लिए एकल पंजीकरण होगा अनिवार्य, गड़बड़ियां रोकने को चालू वित्त वर्ष में ही लागू होगी व्यवस्था, हर साल 50 लाख से ज्यादा छात्र पाते हैं योजना का लाभ

छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई : छात्रों के लिए एकल पंजीकरण होगा अनिवार्य, गड़बड़ियां रोकने को चालू वित्त वर्ष में ही लागू होगी व्यवस्था, हर साल 50 लाख से ज्यादा छात्र पाते हैं योजना का लाभ


लखनऊ। छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई योजना में अब छात्रों के लिए एकल पंजीकरण (ओटीआर) अनिवार्य होगा। गड़बड़ियां रोकने के लिए चालू वित्त वर्ष में ही यह व्यवस्था लागू करने की योजना बनाई गई है। इस योजना में हर साल 50 लाख से ज्यादा छात्र लाभांवित होते हैं।


प्रदेश में छात्रवृत्ति योजनाएं कई विभागों से संचालित होती है। यहां तक कि किसान परिवारों के छात्रों के लिए मंडी परिषद भी यह योजना चलाती है। एक ही वित्त वर्ष में छात्र एक से अधिक योजनाओं में लाभ न पा सके, इसके लिए वन टाइम पंजीकरण (ओटीआर) की व्यवस्था अनिवार्य करने का फैसला किया गया है।


इसके तहत प्रत्येक छात्र को अब योजना का लाभ लेने के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण (ओटीआर) कराना होगा। राज्य सरकार के पोर्टल पर भी आवेदन करते समय यह ओटीआर बताना होगा। खास बात यह है कि छात्र को पूरे विद्यार्थी जीवन में सिर्फ एक बार ओटीआर लेना होगा। समाज कल्याण विभाग के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में ही सभी छात्रों को ओटीआर लेना अनिवार्य होगा।



छात्रवृत्ति में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी कार्रवाई : 
छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के भुगतान में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विवि, गोरखपुर समेत कई संस्थानों के इस तरह के मामलों की जांच की जा रही है। जिलास्तर पर छात्रवृत्ति का डाटा लॉक न किए जाने से इस तरह की दिक्कतें पैदा हुई हैं। प्रदेश सरकार ने इस योजना में शत-प्रतिशत पात्र छात्रों को भुगतान के आदेश दिए हैं। इसके लिए अगले वित्त वर्ष के बजट से भी छूटे छात्रों को भुगतान की व्यवस्था की जा रही है। 


वित्त वर्ष 2024-25 में देखने में आया कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विवि, गोरखपुर के तमाम छात्रों का डाटा ही तय तिथि तक लॉक नहीं किया गया। इस वजह से 31 मार्च तक छात्र योजना का लाभ नहीं पा सके। प्रकरण में उच्चस्तर पर शिकायत हुई तो इन छात्रों को नए वित्त वर्ष में दो मई तक भुगतान हो सका। शासन इन मामलों की जांच करा रहा है कि किसी तकनीकी कारण से डाटा पोर्टल पर शो नहीं हुआ या फिर संबंधित अधिकारियों की लापरवाही रही। प्रमुख सचिव, पिछड़ा वर्ग कल्याण सुभाष शर्मा ने बताया कि निदेशालय से रिपोर्ट मांगी गई है। जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

प्रदेश के समस्त अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत संस्था प्रधान/प्रवक्ता/सहायक अध्यापक का सत्र 2025-26 में स्थानांतरण किये जाने हेतु निर्मित पोर्टल पर सूचना उपलब्ध कराये जाने विषयक।

दिनांक 13-5-2025 तक अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों तथा उसमें कार्यरत अध्यापकों का विवरण आनलाईन पोर्टल पर अपलोड किये जाने के सम्बन्ध में


दिनांक 13-5-2025 तक पुनः पोर्टल dse.upmsp.edu.in खोला गया है। कृपया सम्पूर्ण विद्यालयों की त्रुटिरहित सूचना प्रत्येक दशा में अपलोड कराना सुनिश्चित करें।






अपनी कुंडली खोलने को तैयार नहीं सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय, 4512 कॉलेजों में से मात्र 812 ने ही शिक्षकों का ब्योरा ऑनलाइन किया

लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से सख्ती की कवायद फिलहाल बेअसर दिख रही है। विभाग की ओर से सभी एडेड माध्यमिक विद्यालयों को अपने यहां शिक्षकों समेत सभी जानकारी ऑनलाइन करने का निर्देश दिया गया। किंतु 4512 कॉलेजों में से मात्र 812 ने ही शिक्षकों का ब्योरा दिया है।

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पूर्व में पत्र जारी कर एडेड कॉलेजों से उनके यहां तैनात शिक्षकों समेत सभी चीजों का ब्योरा ऑनलाइन करने के निर्देश दिए थे। हाल में की गई समीक्षा में पता चला है कि विभाग की ओर से शुरू किए गए पोर्टल पर सात मई तक 4512 में से मात्र 2690 ने वेब पेज पर लॉगिन किया है। वहीं मात्र 812 ने ही अंतिम रूप से अपनी सूचना अपलोड की है।


शिक्षकों की सूचना देने में आनाकानी कर रहे कॉलेज

इतना ही नहीं इन 812 में से भी डीआईओएस ने मात्र 49 विद्यालयों की सूचना को ही सही पाया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, उप शिक्षा निदेशक व डीआईओएस को पत्र भेजकर कहा है कि यह स्थिति चिंताजनक है।

उन्होंने निर्देश दिया कि अधिकारी अभियान चलाकर जल्द से जल्द एडेड कॉलेजों से संपर्क कर उनसे सूचनाएं अपलोड कराई जाएं। उन्होंने बताया है कि श्रावस्ती व अयोध्या में जीरो, गोंडा, बलरामपुर, अंबेडकरनगर, अमेठी, प्रतापगढ़, सोनभद्र में दो-दो, महराजगंज व भदोही में एक-एक कॉलेजों ने ही अपनी सूचनाएं दी हैं। जबकि कॉलेजों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा है।



अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों तथा उसमें कार्यरत अध्यापकों का विवरण आनलाईन पोर्टल पर अपलोड किये जाने हेतु 10 मई अंतिम तिथि निर्धारित 





अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों तथा उसमें कार्यरत अध्यापकों का विवरण आनलाईन पोर्टल पर अपलोड किये जाने के संबंध में अद्यतन प्रगति



एडेड माध्यमिक शिक्षकों के होंगे स्थानांतरण, निदेशालय ने सात मई तक मांगी प्रधानाचार्य, प्रवक्ता के रिक्त पदों की जानकारी

प्रयागराज : अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाचार्यों, प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापकों का सत्र 2025-26 में स्थानांतरण किया जाना है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने पोर्टल पर पदवार एवं विषयवार रिक्त पदों की जानकारी मांगी है। स्थानांतरण आनलाइन किए जाएंगे। इसके लिए एनआइसी लखनऊ द्वारा एक वेबसाइट तैयार की जा रही है, जिसके लिए सूचना सात मई तक उपलब्ध कराई जानी आवश्यक है। सूचना प्राप्त होने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।

शिक्षा निदेशक ने जानकारी दी है कि सूचना उपलब्ध कराए जाने के लिए निदेशालय स्तर पर पूर्व से संचालित पोर्टल dse.upmsp.edu.in पर वेब पेज बनाया गया है। इस पर सभी एडेड विद्यालयों को अनिवार्य रूप से अपने लागिन/पासवर्ड के माध्यम से पद एवं विषयवार तथा श्रेणीवार सूचनाएं अपलोड करनी हैं। 

सूचनाएं अपलोड किए जाने के बाद प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक के स्तर से अपने मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी द्वारा सूचनाओं को सत्यापित प्रमाणित करना है। इसके बाद विद्यालय के प्रबंधक, जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) व मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) द्वारा भी सूचनाओं को ओटीपी के माध्यम से प्रमाणित करना होगा। 

यदि पोर्टल पर अपलोड सूचनाओं में किसी भी स्तर पर त्रुटियां प्राप्त होती हैं तो ओटीपी द्वारा जिस स्तर पर प्रमाणित किया गया है, वह स्वयं उत्तरदायी होंगे। निदेशक ने सभी जेडी, मंडलीय उप शिक्षा निदेशक माध्यमिक (डीडीआर) एवं डीआइओएस को निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में वह विद्यालयों को अपने स्तर से निर्देश जारी करें, ताकि तय तिथि तक सूचनाएं अपलोड हो सकें। 

सूचनाएं अपलोड किए जाने में किसी तरह की तकनीकी समस्या होने पर तकनीकी सहायकों पुष्पेंद्र सिंह से मोबाइल नंबर 9369470010 पर एवं अफरोज से 8181063731 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।







प्रदेश के समस्त अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत संस्था प्रधान/प्रवक्ता/सहायक अध्यापक का सत्र 2025-26 में स्थानांतरण किये जाने हेतु निर्मित पोर्टल पर सूचना उपलब्ध कराये जाने विषयक।


Monday, May 12, 2025

प्रदेश में एक साथ खुलेंगे 71 राजकीय महाविद्यालय, जुलाई से पढ़ाई शुरू कराने की तैयारी में उच्च शिक्षा निदेशालय, नियुक्ति होने तक दूसरे कॉलेजों के शिक्षकों को करेंगे संबद्ध

प्रदेश में एक साथ खुलेंगे 71 राजकीय महाविद्यालय, जुलाई से पढ़ाई शुरू कराने की तैयारी में उच्च शिक्षा निदेशालय,  नियुक्ति होने तक दूसरे कॉलेजों के शिक्षकों को करेंगे संबद्ध


प्रयागराज । 2025-26 शैक्षणिक सत्र में एक जुलाई से प्रदेश में पहली बार एकसाथ 71 नए राजकीय महाविद्यालय खुलने जा रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग के लिए यह खास उपलब्धि वाला सत्र होने जा रहा है जिसमें एकसाथ इतनी बड़ी संख्या में महाविद्यालयों में पठन-पाठन शुरू होगा।


उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों को अब तक 40 से अधिक महाविद्यालय हस्तांतरित किए जा चुके हैं और अब अधिकारी फर्नीचर समेत दूसरे संसाधन जुटाने में व्यस्त हैं। इन महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1065 पदों समेत सीधी भर्ती के कुल 1562 पदों की सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है और बहुत जल्द आदेश जारी होने की उम्मीद है। जब तक नियमित नियुक्ति नहीं होती तब तक दूसरे महाविद्यालयों के शिक्षकों को संबद्ध करके कक्षाएं चलवाई जाएंगी। 


खास बात यह है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप इन महाविद्यालयों में विज्ञान, वाणिज्य और कला तीनों वर्ग की पढ़ाई कराई जाएगी। पूर्व से संचालित 172 राजकीय महाविद्यालयों में से अधिकांश में एक या दो वर्ग ही संचालित हैं लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में अंतर विषयी अध्ययन को बढ़ावा देने के प्रावधान को देखते हुए तीनों वर्ग के संचालन का निर्णय लिया गया है। 

यानि विज्ञान का विद्यार्थी यदि संस्कृत की पढ़ाई करना चाहे तो उसे अवसर दिया जाएगा। सर्वाधिक 13 बरेली में स्थापित हो रहे हैं। लखनऊ में 12, मेरठ में 10, आगरा व झांसी में नौ-नौ, गोरखपुर में चार महाविद्यालय खुलेंगे। प्रयागराज को दो राजकीय महाविद्यालय मिलेंगे। एक राजकीय महिला महाविद्यालय परासिनपुर सिकंदरा फूलपुर और दूसरा मेजा में है। कौशाम्बी के सिराथू में भी एक राजकीय महाविद्यालय खुलेगा। पहले इन्हें पीपीपी मॉडल पर संचालित करने की बात थी लेकिन बाद में सरकार ने इन महाविद्यालयों के संचालन का जिम्मा स्वयं उठाने का निर्णय लिया।


मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत निर्माणाधीन राजकीय महाविद्यालयों को 2025-26 सत्र से शुरू किया जाएगा। पद सृजन की प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं। – डॉ. अमित भारद्वाज, निदेशक उच्च शिक्षा

अंतर व अंतः जनपदीय पारस्परिक तबादले में लग सकता है समय, रजिस्ट्रेशन फॉर्म के सत्यापन की कल अंतिम तिथि, केवल पांच से छह फीसदी हुआ काम

अंतर व अंतः जनपदीय पारस्परिक तबादले में लग सकता है समय, रजिस्ट्रेशन फॉर्म के सत्यापन की कल अंतिम तिथि, केवल पांच से छह फीसदी हुआ काम


प्रयागराज। बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व शिक्षिकाओं के शैक्षिक सत्र 2024-25 के तहत अंतरजनपदीय एवं अंतः जनपदीय तबादले की प्रक्रिया में देर हो सकती है। रजिस्ट्रेशन फॉर्म के ऑनलाइन सत्यापन की अंतिम तिथि 13 मई है, लेकिन अब तक महज पांच से छह फीसदी रजिस्ट्रेशन फॉर्म का सत्यापन हो सका है।

सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र जारी कर हुए सचेत किया है कि किसी भी सूरत में ऑनलाइन सत्यापन की प्रक्रिया 13 मई तक पूरी कर ली जाए। अंतरजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण में 31,015 के मुकाबले महज 1913 (छह फीसदी) और अंतः जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण में 39,859 के मुकाबले केवल 2009 (पांच फीसदी) रजिस्ट्रेशन फॉर्म ही सत्यापित किए गए हैं। 

सचिव ने कहा है कि यह स्थिति अत्यंत दयनीय है। स्पष्ट है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने कार्यों में शिथिलता बरते रहे हैं। सचिव ने पत्र के माध्यम से यह भी कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारियों के अनुरोध पर पूर्व में कई बार समयावधि बढ़ाई जा चुकी है। जबकि, शासनादेश में निहित प्रावधानों के अनुरूप ग्रीष्मावकाश में कार्यमुक्त व कार्यभार ग्रहण कराए जाने की कार्यवाही भी की जानी है। सचिव ने स्पष्ट किया है कि समयावधि बढ़ाया जाना किसी भी दशा में संभव नहीं होगा। 


प्रयागराज। बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के शैक्षिक सत्र 2024-25 में अंतर जनपदीय एवं अन्तः जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के सत्यापन में लापरवाही पर सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने सख्ती की है। सचिव ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर तय समय में सत्यापन की कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए हैं। पूर्व में 13 मई तक रजिस्ट्रेशन पत्रों के ऑनलाइन सत्यापन की समय सीमा तय की गई थी। हालांकि अब तक अंतर जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण में 31015 आवेदन के सापेक्ष मात्र 1913 तथा अन्तः जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण में 39859 आवेदन के सापेक्ष मात्र 2009 ही सत्यापित किए गए हैं।

साफ है कि कुल 70874 आवेदन में से 3922 (5.53 प्रतिशत) का ही सत्यापन हो सका है। उक्त स्थिति को अत्यन्त दयनीय बताते हुए सचिव ने बीएसए के स्तर से कार्यों में शिथिलता बरतने पर नाराजगी जताई है। लिखा है कि पूर्व में बीएसए के अनुरोध पर कई बार समयावधि बढ़ाई जा चुकी है तथा शासनादेश के अनुसार ग्रीष्मावकाश में कार्यमुक्ति एवं कार्यभार ग्रहण कराने की कार्यवाही भी की जानी है। 

लिहाजा अधिकारियों को सचेत करते हुए निर्देशित किया है कि अंतर जनपदीय एवं अन्तः जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के संबंध में जारी समय सारिणी के अनुसार निर्धारित समयावधि में सभी कार्यवाही पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। सचिव ने साफ किया है कि किसी भी दशा में समयावधि बढ़ाया जाना सम्भव नहीं होगा।


Sunday, May 11, 2025

यूपी बोर्ड : ग्रीवांस सेल में दस दिनों में 115 से अधिक शिकायतें पहुंची, अधिकांश परीक्षार्थियों की शिकायत किसी विषय की परीक्षा दी और किसी दूसरे विषय में दिखाया अनुपस्थित

यूपी बोर्ड : ग्रीवांस सेल में दस दिनों में 115 से अधिक शिकायतें पहुंची, अधिकांश परीक्षार्थियों की शिकायत किसी विषय की परीक्षा दी और किसी दूसरे विषय में दिखाया अनुपस्थित


प्रयागराज । यूपी बोर्ड के प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय में स्थापित ग्रीवांस सेल में दस दिनों में 115 से अधिक शिकायतें पहुंच चुकी हैं। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अधिकांश परीक्षार्थियों की शिकायत है कि उन्होंने किसी विषय की परीक्षा दी और किसी दूसरे विषय में अनुपस्थित कर दिया गया। परीक्षार्थियों ने बोर्ड की अपर सचिव विभा मिश्रा से जिस विषय की परीक्षा दी है उसके नंबर अंकपत्र सह प्रमाणपत्र पर चढ़वाने का अनुरोध किया है।

अपर सचिव विभा मिश्रा का कहना है कि परीक्षार्थियों का शिकायत का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर करवाया जा रहा है। गौरतलब है कि स्कूलों के प्रधानाचार्य मनमाने तरीके से परीक्षार्थियों के फॉर्म में विषय चढ़ा देते हैं।

प्रवेश पत्र मिलने पर आपत्ति करने पर छात्रों को उनके पसंदीदा विषय में परीक्षा दिला दी जाती है। चूंकि बोर्ड के रिकॉर्ड में वह विषय नहीं रहता इसलिए छात्र अनुपस्थित हो जाते है और उनका परिणाम अपूर्ण रह जाता है।




यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों के लिए ग्रीवांस सेल का शुरु हुआ संचालन, परीक्षाफल विसंगतियों के त्वरित निस्तारण के लिए सचिव ने अफसरों व कर्मचारियों की लगाई ड्यूटी

प्रयागराज। यूपी बोर्ड की वर्ष 2025 की हाईस्कूल, इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में शामिल परीक्षार्थियों की समस्याओं के निराकरण लिए यूपी बोर्ड मुख्यालय व क्षेत्रीय कार्यालयों में परीक्षार्थी ग्रीवांस सेल (सहायता कक्ष) का संचालन शुरू कर दिया गया है। इसके लिए सचिव भगवती सिंह ने अफसरों व कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगा दी है।

ग्रीवांस सेल का संचालन 28 मई तक किया जाएगा। परीक्षार्थियों को अगर परीक्षाफल को लेकर किसी तरह की समस्या है तो वे ग्रीवांस सेल में संपर्क कर सकते हैं। यूपी बोर्ड मुख्यालय में आने वाली समस्याओं के तत्काल निराकरण के लिए उप सचिव शालिनी यादव व ऋचा श्रीवास्तव, प्रशासनिक अधिकारी जय सिंह व मनोज कुमार और प्रधान सहायक नरेश कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, क्षेत्रीय कार्यालय में आने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए उप सचिव पूनम मिश्रा, सहायक सचिव रेखा अग्रवाल, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अनिल कुमार राय, प्रशासनिक अधिकारी राकेश कुमार, वरिष्ठ सहायक कुलदीप पांडेय, आरती पटेल, कनिष्ठ सहायक मनीष कुमार यादव व मनोरमा की ड्यूटी लगाई गई है।



30 अप्रैल तक यूपी बोर्ड में छुट्टी, कार्यालय खुलते ही ग्रीवांस सेल का संचालन होगा शुरू

प्रयागराज। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम घोषित किए जाने के बाद यूपी बोर्ड में 30 अप्रैल तक अवकाश घोषित कर दिया गया है। दरअसल, हर साल परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद यूपी बोर्ड कार्यालय में तीन दिनों का अवकाश घोषित किया जाता है। शनिवार व रविवार को साप्ताहिक अवकाश है। इसके बाद सोमवार से बुधवार तक छुट्टी रहेगी और बृहस्पतिवार (एक मई) से बोर्ड कार्यालय खुल जाएगा। 


बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि कार्यालय खुलते ही ग्रीवांस सेल का संचालन शुरू कर दिया जाएगा, ताकि परीक्षार्थियों की समस्याओं का निराकरण किया जा सके। हालांकि, लगातार तीसरे साल किसी भी परीक्षार्थी का परिणाम अपूर्ण नहीं है। पूर्व के वर्षों में अपूर्ण परिणाम रहने के कारण परीक्षार्थी महीनों जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से लेकर बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों तक के चक्कर लगाते रहते थे।

अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता हुआ साफ, पदोन्नति व सेवा संबंधी मामलों में माध्यमिक शिक्षा अधिनियम की व्यवस्था होगी लागू


एडेड कॉलेजों के शिक्षकों की पदोन्नति करेंगे डीआईओएस,  शासन ने पदोन्नति की व्यवस्था में किया बदलाव

चयन बोर्ड नियमावली समाप्त पर नई व्यवस्था पहले जेडी की अध्यक्षता में समिति करती थी

प्रयागराज । प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की पदोन्नति अब डीआईओएस करेंगे। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का विलय नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग में होने के बाद शासन ने पदोन्नति की व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। पूर्व में चयन बोर्ड नियमावली के तहत एडेड कॉलेज के शिक्षकों की पदोन्नति जेडी की अध्यक्षता में गठित होने वाली तीन सदस्यीय समिति करती थी। इस समिति में डीआईओएस और एक जीआईसी के प्रधानाचार्य सदस्य हुआ करते थे।

अगस्त 2023 में नए आयोग के गठन के बाद चयन बोर्ड का उसमें विलय हो गया और उसके साथ ही पूरे प्रदेश में पदोन्नति की प्रक्रिया ठप हो गई। शिक्षक संगठनों के दबाव पर शासन के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्ता ने 28 अप्रैल को माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव को भेजे पत्र में साफ किया है कि इस प्रकरण में कोई नवीन व्यवस्था स्थापित होने तक एडेड कॉलेज के अध्यापकों के संवा संबंधी मामलों का निस्तारण माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 के अनुसार करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करें। 

इंटरमीडिएट एक्ट 1921 में सेवा संबंधी प्रकरणों के निस्तारण का अधिकार डीआईओएस के पास है। यह आदेश होने के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालयों में अगस्त 2023 से पड़ी पदोन्नति संबंधी फाइलें वापस डीआईओएस कार्यालय भेजी जाने लगी है। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी का कहना है कि यह आदेश पहले ही हो जाना चाहिए था। पदोन्नति न होने से शिक्षकों का आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा था मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहे थे।



DIOS की कमिटी करेगी प्रमोशन की सिफारिश, एडेड माध्यमिक शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के प्रमोशन की रुकावट फिलहाल दूर


लखनऊ : एडेड माध्यमिक इंटर कॉलेजों में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के प्रमोशन की रुकावट फिलहाल दूर हो गई है। प्रदेश सरकार ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिए हैं कि जब तक शिक्षा सेवा चयन आयोग में नई व्यवस्था नहीं होती, तब तक इंटरमीडिएट ऐक्ट की व्यवस्था के तहत प्रमोशन किए जाएं। इस तरह अब DIOS की अध्यक्षता वाली कमिटी के जरिए प्रमोशन हो सकेंगे। 


इंटरमीडिएट ऐक्ट 1921 में बना था। उसमें DIOS की अध्यक्षता वाली कमिटी प्रमोशन की सिफारिश करती थी। 1982 में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में यह व्यवस्था बन गई कि संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली कमिटी प्रमोशन की सिफारिश करेगी।


 अब प्रदेश सरकार ने शिक्षा सेवा चयन आयोग गठित कर दिया है और तब से शिक्षकों के प्रमोशन रुके हैं। अब आयोग में नया प्रावधान जोड़ने के लिए ऐक्ट में संशोधन करना पड़ेगा। इस बीच शिक्षकों की मांग को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने शासन से राय मांगी थी। इस पर शासन ने नई व्यवस्था दी है।



अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता हुआ साफ, पदोन्नति व सेवा संबंधी मामलों में माध्यमिक शिक्षा अधिनियम की व्यवस्था होगी लागू

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जारी किया शासनादेश, शिक्षक संगठनों ने जताई खुशी

लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा सुरक्षा व पदोन्नति को लेकर चल रही मांग को शासन ने मान लिया है। इससे एडेड विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता भी साफ हो जाएगा। शिक्षक संगठनों ने इस पर खुशी जताई है।

प्रदेश में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग के गठन के बाद से शिक्षक पहले से चल रही धारा 12 व धारा 16 को नए आयोग में शामिल करने व प्रभावी करने की मांग कर रहे थे। इसे लेकर शिक्षक एमएलसी ने विधान परिषद में भी मामला गया था।

इस क्रम में माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्ता ने शासनादेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 की धारा 12 व 16 में दी गई व्यवस्था के क्रम में एडेड विद्यालयों के शिक्षकों को सेवा संबंधित प्रकरणों का निस्तारण कर सकेंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक इसके तहत व्यवस्था के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करेंगे। इस शासनादेश के बाद एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा संबंधी प्रकरणों का समाधान सरलता से किया जा सकेगा।


माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 में पदोन्नति तथा सेवा संबंधी मामलों का उल्लेख नहीं था, जिससे शिक्षकों की पदोन्नति व सेवा संबंधी मामलों के निस्तारण में कठिनाई आ रही थी। इस शासनादेश के प्रभावी होने से संबंधित मामलों के निस्तारण में सरलता होगी।


वहीं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी व पांडेय गुट के ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षक संगठनों की मांग पर यह शासनादेश जारी किया गया है। इस आदेश के जारी होने के बाद अधिकारियों को शिक्षकों के लंबित मामले जल्द से जल्द निस्तारित करना चाहिए।


कॉलेजों में सात साल से जमे प्रधानाचार्यों के तबादले की मांग, राजकीय शिक्षक संघ ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजा पत्र

कॉलेजों में सात साल से जमे प्रधानाचार्यों के तबादले की मांग,  राजकीय शिक्षक संघ ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजा पत्र


लखनऊ। राजकीय शिक्षक संघ ने माध्यमिक विद्यालयों में अधीनस्थ राजपत्रित के पद पर 7 साल व उससे अधिक समय से एक ही विद्यालय में कार्यरत उपप्रधानाचार्यों व प्रधानाचार्यों के तबादले करने की मांग की है। संघ ने इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव को पत्र भेजा है।


पत्र में संघ ने कहा है कि विभिन्न राजकीय इंटर कॉलेजों व राजकीय हाई स्कूलों में उपप्रधानाचार्य- प्रधानाचार्य लंबे समय से एक ही विद्यालय में कार्यरत हैं। इन्हें स्थानांतरित किया जाए। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय ने कहा कि 28 मार्च को विभाग ने अधीनस्थ राजपत्रित पद पर शिक्षकों को पदोन्नति दी है। इनमें से ज्यादातर 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो गए हैं।

कई अगले साल सेवानिवृत्त होंगे। सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों का पदस्थापन गृह जिले के बाहर हुआ है। ऐसे शिक्षकों को उनके गृह जिले में पदस्थापित किया जाए। क्योंकि उनकी सेवा मात्र 10 महीने बची है। गृह जिले में पदस्थापन न होने से उन्हें पेंशन आदि में दिक्कत होगी। वहीं, लंबे समय से एक ही कॉलेज में जमे उपप्रधानाचार्यों-प्रधानाध्यापकों को स्थानांतरित किया जाए। 

प्रदेश के राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में फीस बढ़ाने का फर्जी शासनादेश वायरल

प्रदेश के राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में फीस बढ़ाने का फर्जी शासनादेश वायरल


लखनऊ। प्रदेश के राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में शुल्क वृद्धि का एक शासनादेश शनिवार को वायरल हो गया। संयुक्त सचिव निलेष कुमार सिंह की ओर से नौ मई को जारी इस आदेश में विभिन्न प्रकार के शुल्क में दो से दस गुणा वृद्धि की बात कही गई थी। यह शुल्क कक्षा नौ से 12 के विद्यार्थियों से लिया जाना प्रस्तावित था। 


इस आदेश के वायरल होने के बाद शिक्षक संगठनों ने अपनी खुशी का भी इजहार किया था। क्योंकि शुल्क बढ़ने से उन्हें काफी राहत मिलती। वहीं इस शासनादेश के बारे में माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने कहा कि यह फर्जी है। ऐसा कोई आदेश नहीं जारी किया गया। विभाग के ही उप सचिव संजय कुमार ने कहा कि इस नाम से कोई अधिकारी वर्तमान में विभाग में नहीं तैनात हैं। ऐसा कोई आदेश नहीं जारी किया गया है। 


Saturday, May 10, 2025

कक्षा-9 से 12 तक के छात्रों को हर साल 31 दिसंबर तक वजीफा

कक्षा-9 से 12 तक के छात्रों को हर साल 31 दिसंबर तक वजीफा

लखनऊ। प्रदेश में कक्षा-9 से 12 तक के सभी छात्रों को हर साल 31 दिसंबर तक छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाएगा। इससे 10 लाख से ज्यादा छात्र लाभांवित होंगे। प्रदेश सरकार तय आय सीमा के दायरे में आने वाले सभी वर्गों के छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान करती है। अभी तक यह छात्रवृत्ति हर वित्त वर्ष में 31 मार्च तक मिल पाती थी। हाल ही में हुई उच्चस्तरीय बैठक में फैसला किया गया कि कक्षा 9-12 तक के सभी वर्गों के छात्रों के आवेदन के लिए एक ही समयसारिणी जारी की जाए। इसका पालन समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को करना होगा। उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, इसके लिए शीघ्र ही समाज कल्याण विभाग समयसारिणी जारी करेगा। 




सामान्य व पिछड़े वर्ग के छूटे छात्रों को भी अगले साल मिलेगी छात्रवृत्ति, अभी बजट खत्म होने पर नहीं मिलती है छात्रवृत्ति, शासन को भेजा गया नया प्रस्ताव


लखनऊ। सामान्य और पिछड़े वर्ग के छूटे छात्रों को भी अगले साल छात्रवृत्ति के साथ शुल्क की भरपाई हो सकेगी। अभी बजट खत्म होने पर देयता अगले वित्त वर्ष के लिए नहीं बढ़ाई जाती थी। इससे तमाम पात्र छात्र योजना का लाभ पाने से वंचित रह जाते थे। नियमों में बदलाव के लिए समाज कल्याण विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है।


प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए ढाई लाख रुपये तक सालाना आय और अन्य वर्गों के लिए दो लाख रुपये तक सालाना आय वाले परिवारों के छात्रों को इस योजना का लाभ देती है। हर साल सभी वर्गों के 50 लाख से ज्यादा छात्र योजना का लाभ पाते हैं। मौजूदा नियमों के तहत, अनुसूचित जाति व जनजाति के पात्र छात्र अगर किसी वित्त वर्ष में लाभ पाने से वंचित रह जाते हैं, तो उन्हें अगले वित्त वर्ष में भी पिछले वर्ष का भुगतान किया जा सकता है। जबकि, सामान्य, पिछड़े व अल्पसंख्यक वर्ग के लिए यह व्यवस्था नहीं है।


समाज कल्याण विभाग ने सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए भी देयता अगले वित्त वर्ष में अग्रसारित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, अगर शासन से सहमति मिली तो वित्त वर्ष 2024-25 के छूटे छात्रों को भी योजना का लाभमिल सकेगा। 


आय सीमा भी ढाई लाख रुपये सालाना होगी : छात्रवृत्ति योजना में सभी वर्गों के लिए एकसमान आयसीमा करने पर भी विचार किया जा रहा है। चालू वित्त वर्ष में यह सभी वर्गों के छात्रों के लिए ढाई लाख रुपये सालाना तक हो सकती है।

गीष्मावकाश में प्रदेश के समस्त राजकीय, आशसकीय सहायता प्राप्त एवं स्ववित्तपोषित माध्यमिक विद्यालयों में समर कैम्प आयोजन के सम्बन्ध में।

सहायता प्राप्त व स्ववित्तपोषित कॉलेजों में भी होंगे समर कैंपडीएम की अध्यक्षता में बनी कमेटी कराएगी आयोजन, विभाग ने 21 मई से 10 जून का विस्तृत कार्यक्रम भी किया जारी

लखनऊ। प्रदेश में गर्मी की छुट्टियों में राजकीय ही नहीं अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) स्ववित्तपोषित माध्यमिक विद्यालयों में भी समर कैंप आयोजित किए जाएंगे। खास यह कि शिक्षकों के विरोध को देखते हुए जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी को समर कैंप के आयोजन की जिम्मेदारी दी गई है।

कैंप के आयोजन, अनुश्रवण व पर्यवेक्षण के लिए डीएम की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। राज्य परियोजना निदेशालय के अनुसार 21 मई से 10 जून तक समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। निदेशालय ने कहा है कि इस दौरान विद्यार्थियों में रचनात्मक सोच विकसित करने, टीम वर्ग, आत्मविश्वास, जीवन कौशल का विकास, सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों की समझ, खेलकूद, कला, विज्ञान व सांस्कृतिक गतिविधियों से छात्रों का समग्र विकास किया जाएगा। निदेशालय ने कहा है कि 13 मई तक सभी कॉलेजों में बैठक कर इसकी तैयारी कर ली जाए। ब्लॉक स्तर पर कम से कम एक राजपत्रित अधिकारी को नोडल बनाया जाए। कैंप की व्यवस्था डीआईओएस के माध्यम से कराई जाए। कैंप न्यूनतम तीन घंटे का होगा।

कैंप में यह होंगी गतिविधियां

निदेशालय के अनुसार कैंप में सुबह योग व व्यायाम। रस्साकशी, म्यूजिकल चेयर व रस्सी कूद, खो-खो, फुटबाल, रंगोली, मिट्टी कला, कॅरिअर गाइडेंस से संबंधित गतिविधि व जानकारी दी जाएगी। वहीं बेसिक लाइफ सपोर्ट, सीपीआर, वीडियो एडिटिंग, साइबर सुरक्षा जैसी तमाम अन्य जानकारियां दी जाएंगी।

शिक्षकों को दिया जाएगा उपार्जित अवकाश: महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा है कि कैंप में सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य की उपस्थिति अनिवार्य है। वहीं 100 छात्र संख्या वाले विद्यालयों में एक प्रधानाचार्य और एक शिक्षक स्कूल आएंगे। अगर छात्र संख्या 100 से ज्यादा है तो दो शिक्षकों को बुलाया जाएगा। इस दौरान आने वाले शिक्षकों को नियमानुसार उपार्जित अवकाश दिया जाएगा।



यूपी के माध्यमिक विद्यालयों में भी होगा समर कैंप, 21 मई से 10 जून तक होगा आयोजन, रोजाना होंगी अलग-अलग गतिविधियां

गीष्मावकाश में प्रदेश के समस्त राजकीय, आशसकीय सहायता प्राप्त एवं स्ववित्तपोषित माध्यमिक विद्यालयों में समर कैम्प आयोजन के सम्बन्ध में।

प्रदेश के समस्त माध्यमिक विद्यालयों में 21 मई से 10 जून 2025 तक होगा समर कैंप का आयोजन, देखें आदेश 


फर्जी कागजों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के खिलाफ बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग चलाएगा अभियान, बर्खास्त करने के साथ वसूली पर होगा जोर

फर्जी कागजों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के खिलाफ बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग चलाएगा अभियान, बर्खास्त करने के साथ वसूली पर होगा जोर 

पिछले दिनों दो दर्जन से ज्यादा पकड़े गए हैं शिक्षक


लखनऊ। प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर शिकायत के बाद हुई जांच में पकड़े गए फर्जी शिक्षकों के बाद अब सख्ती शुरू की जाएगी। शासन के कड़े निर्देश के बाद अब बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग मिलकर संयुक्त रूप से फर्जी कागजों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के खिलाफ अभियान चलाएंगे। इसमें गृह व वित्त विभाग की भी मदद ली जाएगी।


प्रदेश में 2010 से 2018 के बीच नियुक्त शिक्षकों में से कई की शिकायत हुई। इनकी जांच करने पर पाया गया कि ये फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। इसके तहत पिछले दिनों दो दर्जन से ज्यादा शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है। इसे लेकर पिछले दिनों मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में ऐसे शिक्षकों की जांच के लिए गृह विभाग का सहयोग लेने के निर्देश दिए गए थे।


इसके आधार पर एक बार फिर से माध्यमिक व बेसिक शिक्षा में फर्जी कागजात पर नौकरी पाने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। जानकारी के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग में ऐसे शिक्षकों की संख्या ज्यादा है। इसकी समय-समय पर शिकायत भी मिलती है और विभाग कार्रवाई भी कर रहा है। हालांकि अभी इनसे वसूली नहीं की जा सकी है। शासन ने निर्देश दिए हैं कि ऐसे शिक्षकों को चिह्नित करके बर्खास्त करने के साथ वसूली भी की जाए।

21 विषयों की एनसीईआरटी की किताबों के लिए यूपी बोर्ड ने फिर से मांगे टेंडर


21 विषयों की एनसीईआरटी की किताबों के लिए यूपी बोर्ड ने फिर से मांगे टेंडर


प्रयागराज। यूपी बोर्ड ने एनसीईआरटी आधारित 21 विषयों की 44 किताबों के लिए फिर से टेंडर जारी किया है। बोर्ड ने कक्षा नौ से 12वीं तक के 36 विषयों की 70 किताबें प्रकाशित करने के लिए तीन मई तक टेंडर मांगे थे। हालांकि इनमें से 21 विषयों की 44 किताबों के लिए न्यूनतम तीन फर्मों ने आवेदन नहीं किया। इसके चलते दोबारा टेंडर जारी किया गया है। खास बात यह है कि पहली बार कवर पृष्ठ और पुस्तक अलग-अलग प्रकाशक छापेंगे।

 बोर्ड ने ऐसा इसलिए किया है ताकि प्रकाशक मनमाने तरीके से निर्धारित संख्या से अधिक पुस्तकें न छापने पाएं। प्रकाशकों को कवर पृष्ठ की संख्या के अनुरूप किताबों के प्रकाशन की रॉयल्टी एनसीईआरटी को देनी होगी।



36 विषयों की 70 तरह की किताबें छपवाएगा यूपी बोर्ड, NCERT किताबों के प्रकाशन की प्रक्रिया शुरू


लखनऊ: यूपी बोर्ड ने एनसीईआरटी किताबों के प्रकाशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बोर्ड ने 36 विषयों की 70 तरह की किताबें छपवाएगा। इनके प्रकाशन के लिए टेंडर जारी किया है। प्रकाशक 3 मई को दोपहर 12 बजे तक आवेदन कर सकते हैं और उसी दिन 3 बजे टेंडर खोला जाएगा। यूपी बोर्ड की सचिव भगवती सिंह की ओर से इसको लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। 


खास बात यह है कि पहली बार कवर पृष्ठ और पुस्तक अलग-अलग प्रकाशक छापेंगे। बोर्ड ने ऐसा इसलिए किया है ताकि प्रकाशक मनमाने तरीके से निर्धारित संख्या से अधिक पुस्तकें न छापने पाएं। प्रकाशकों को कवर पृष्ठ की संख्या के अनुरूप किताबों के प्रकाशन की रॉयल्टी एनसीईआरटी को देनी होगी। 


वहीं बताया जा रहा है नई किताबें जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह में बाजार उपलब्ध हो जाएगी। प्रकाशकों को ही पूरे प्रदेश में किताबें उपलब्ध करानी होंगी। एनसीईआरटी की 70 तरह की किताबों में सबसे मोटी 392 पेज की कक्षा 11 गणित की किताब है। वहीं इसी कक्षा की 320 पेज की लेखाशास्त्रः वित्तीय लेखांकन भाग-1 पुस्तक होगी। कक्षा 10 की गणित की किताब 308 पेज की होगी।




हाईस्कूल व इंटर की पुस्तकों के लिए टेंडर जारी कर मांगे आवेदन, आज खुलेगा यूपी बोर्ड की किताबों के लिए टेंडर


प्रयागराजउत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) कक्षा नौ से 12 तक के छात्र-छात्राओं के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आधारित पाठ्यक्रम की पुस्तकें छपवाएगा। इसके लिए सचिव भगवती सिंह ने ई-टेंडर जारी कर आवेदन मांगे हैं। पाठ्यपुस्तकों के कवर पेज और किताब के लिए अलग-अलग टेंडर जारी किए गए हैं। इसके तकनीकी पहलू का परीक्षण करने के लिए तीन मई को निविदा खोली जाएगी।


यूपी बोर्ड ने अपने मान्यता प्राप्त हाईस्कूल व इंटरमीडिएट विद्यालयों में एनसीईआरटी के 36 विषय शामिल किए हैं। इसमें सभी प्रमुख विषय सम्मिलित हैं। इन विषयों की कुल 70 पुस्तकें पढ़ाई जानी हैं। शैक्षिक सत्र वर्ष 2025-26 के लिए कक्षाओं में पंजीकृत छात्र-छात्राओं की संख्या की 20 प्रतिशत पाठ्यपुस्तकें पहले चरण में प्रकाशित की जाएंगी। 

विद्यार्थियों के कुल पंजीकरण की 50 प्रतिशत पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित कराई जाएंगी। इसके बाद विद्यालयों की मांग के अनुरूप और पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन कराया जाएगा। आवेदन करने वाले प्रकाशकों की तकनीकी बिड का परीक्षण तीन मई को किया जाएगा। सही मिलने वाले आवेदनों के वित्तीय पहलू का आकलन करने के लिए बिड देखी जाएगी।



आज खुलेगा यूपी बोर्ड की किताबों के लिए टेंडर

कक्षा नौ से 12 तक में हिंदी, संस्कृत और उर्दू विषय की पाठ्यपुस्तक यूपी बोर्ड की पढ़ाई जाती हैं। ये पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित कराने के लिए बोर्ड ने पूर्व में टेंडर जारी किए थे। चार प्रैल को टेंडर खोला गया तो केवल दो ही आवेदन मिले थे। नियमानुसार कम से कम तीन आवेदन नहीं प्राप्त होने की स्थिति में दोबारा टेंडर जारी किया गया। इसे शुक्रवार को खुलना था, लेकिन सार्वजनिक अवकाश होने के कारण नहीं खोला गया। अब यह टेंडर शनिवार को खोला जाएगा।


Friday, May 9, 2025

NAAC मूल्यांकन वाले कॉलेजों के शिक्षकों को रिसर्च फंड में मिलेगी वरीयता

NAAC मूल्यांकन वाले कॉलेजों के शिक्षकों को रिसर्च फंड में मिलेगी वरीयता


लखनऊ। प्रदेश में ऐसे डिग्री कॉलेज जिन्होंने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से अपना मूल्यांकन कराया है, इन कॉलेज के शिक्षकों को रिसर्च फंड देने में वरीयता दी जाएगी। इसके तहत उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों से 26 मई तक शोध प्रस्ताव मांगे हैं।


विभाग का यह प्रयास है कि इसके माध्यम से डिग्री कॉलेजों को रिसर्च के साथ ही नैक मूल्यांकन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसी क्रम में यह पहल की गई है। इसमें जिन कॉलेजों ने नैक मूल्यांकन नहीं कराया है, वह यह लिखकर देंगे कि एक साल में वह अपना मूल्यांकन करा लें। ऐसे कॉलेजों को भी रिसर्च ग्रांट देने में वरीयता दी जाएगी। 


कॉलेजों के शिक्षकों को रिसर्च फंड के रूप में पांच से 15 लाख तक दिए जाते हैं। इसमें शिक्षक नए प्रयोगों के साथ आज की जरूरत के अनुसार विषयों पर शोध करते हैं। प्रदेश में सरकारी, एडेड व निजी मिलाकर लगभग 8000 कॉलेज हैं, लेकिन नैक मूल्यांकन कराने वालों की संख्या मात्र 201 ही है। 

Thursday, May 8, 2025

यूपी बोर्ड : स्कूलों में शिक्षकों के साथ छात्रों की भी लगेगी ऑनलाइन हाजिरी, तैयार किया जा रहा सॉफ्टवेयर, सत्र 2025-26 से लागू की जाएगी व्यवस्था

यूपी बोर्ड के विद्यालयों में ऑनलाइन अटेंडेंस व्यवस्था के लिए टेंडर फाइनल,  शिक्षक व विद्यार्थी देंगे उपस्थिति


प्रयागराजः यूपी बोर्ड हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के करीब एक करोड़ छात्र-छात्राओं तथा विद्यालय के सभी स्टाफ की आनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था बना रहा है। इसके लिए टेंडर आमंत्रित कर एजेंसी फाइनल कर ली गई है। 

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के पोर्टल पर विद्यालयों के सभी स्टाफ एवं छात्र-छात्राओं का विवरण अपलोड रहेगा। इसमें प्रतिदिन उपस्थित रहने वालों के नाम के आगे सही का टिक तथा अनुपस्थित वालों के नाम के आगे क्रास का निशान कक्षा शिक्षक लगाएंगे। 

पहले चरण में सिर्फ उपस्थिति ली जाएगी। इसके बाद अगले चरण में आते और जाते समय यानी दो बार उपस्थिति लिए जाने की व्यवस्था बनाई जाएगी, ताकि शिक्षक व विद्यार्थी विद्यालय समय में रहकर पठन-पाठन कर करा सकें।

हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा सख्ती से कराने के बाद अब यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह का जोर विद्यालय में विद्यार्थियों और शिक्षकों की उपस्थिति तथा पठन पाठन पर है। आनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था होने पर विद्यालयों में फर्जी प्रवेश पर भी प्रतिबंध लग जाएगा। बोर्ड सचिव ने बताया कि टेंडर फाइनल हो गया है। 

कक्षा नौ और 11 में होने वाले पंजीकरण के विवरण परिषद के पोर्टल पर ही दर्ज कराए जाएंगे। कक्षा 10 व 12 के विद्यार्थियों के विवरण पुरानी फर्म लेकर स्थनांतरित करा दिए जाएंगे। इससे नए तरह से फीडिंग नहीं करानी पड़ेगी। ग्रीष्म अवकाश में आनलाइन व्यवस्था पूरी कर ली जाएगी। मई माह में ही आनलाइन पोर्टल विद्यालयों को उपलब्ध करा दिया जाएगा, ताकि शिक्षक नए होने वाले प्रवेश को पोर्टल पर अपलोड कर सकें। 

शिक्षकों की आनलाइन उपस्थिति प्रधानाचार्य सुनिश्चित कराएंगे। आनलाइन उपस्थिति प्रक्रिया मई अंत तक प्रयोग के तौर पर प्रारंभ हो जाएगी। जुलाई में विद्यालय खुलने पर इसे पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।



यूपी बोर्ड : स्कूलों में शिक्षकों के साथ छात्रों की भी लगेगी ऑनलाइन हाजिरी, तैयार किया जा रहा सॉफ्टवेयर, सत्र 2025-26 से लागू की जाएगी व्यवस्था

प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से महत्वपूर्ण पहल


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अब शिक्षकों के साथ छात्रों की हाजिरी भी ऑनलाइन होगी। यूपी बोर्ड सत्र से 2025-26 से इसे लागू करेगा। इसके लिए नया सॉफ्टवेयर भी तैयार कराया जा रहा है। प्रदेश में बोर्ड के तकरीबन 28 हजार माध्यमिक विद्यालय हैं और इनमें पांच लाख शिक्षक व एक करोड़ विद्यार्थी हैं। स्कूलों में आए दिन अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर निगरानी और विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बोर्ड शिक्षकों व छात्रों की ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था लागू करने जा रहा है।


शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में यह एक अच्छी पहल मानी जा रही है। बोर्ड इसके लिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार करा रहा है, जिससे शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति की सटीक सूचना मिल सकेगी। स्कूलों से ऑनलाइन हाजिरी की सूचना सुबह 11 बजे तक यूपी बोर्ड बोर्ड मुख्यालय को मिल जाएगी। इससे पता चल जाएगा कि किस विद्यालय में कितने शिक्षक व छात्र-छात्राएं उपस्थित या अनुपस्थित हैं। सूचना भेजने की जिम्मेदारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों की होगी।


प्रधानाचार्य को लॉगइन आईडी व पासवर्ड दिया जाएगा। सूचना देते समय उनकी वेबकैम से फोटो भी खिंचेगी। ऐसा सॉफ्टवेयर डेवलप किया जा रहा है कि विद्यालय के 200 मीटर दायरे से बाहर जाने पर सूचना प्रेषित नहीं की जा सकेगी। फोटो की जिओ टैगिंग भी होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रधानाचार्य ने स्कूल से ही सूचना भेजी है।


ऑनलाइन हाजिरी की निगरानी जिला, मंडल और प्रदेश स्तर पर की जाएगी। जिला स्तर पर डीआईओएस व मंडल स्तर पर संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक इसकी निगरानी करेंगी और प्रदेश स्तर पर यूपी बोर्ड मुख्यालय ऑनलाइन उपस्थिति पर नजर रखेगा


नए सत्र 2025-26 से बोर्ड के स्कूलों में शिक्षकों व छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था को लागू किया जाएगा। इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह व्यवस्था लागू की जा रही है। -भगवती सिंह, सचिव, यूपी बोर्ड

परिषदीय स्कूलों में ग्रीष्मावकाश में परिषदीय स्कूलों में रामायण एवं वेद कार्यशाला

परिषदीय स्कूलों में ग्रीष्मावकाश में परिषदीय स्कूलों में रामायण एवं वेद कार्यशाला


 प्रयागराज। प्रदेश के सवा लाख से अधिक परिषदीय स्कूलों में ग्रीष्मावकाश में रामायण एवं वेद अभिरुचि कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसके तहत 5 से 10 दिनों तक रामलीला कार्यशाला, रामचरितमानस गान एवं वाचन कार्यशाला, रामायण चित्रकला कार्यशाला, रामायण चित्रकला कार्यशाला, रामायण क्ले मॉडलिंग कार्यशाला, रामायण मुख सज्जा एवं हैंडप्रॉब्स, मुखौटा कार्यशाला, वेदगान एवं वेद सामान्य ज्ञान कार्यशाला का आयोजन होगा। 


संस्कृति विभाग के अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या के निदेशक संतोष कुमार शर्मा ने सभी 75 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पांच मई को पत्र भेजकर बच्चों में अपनी संस्कृति के संस्कार पिरोने और कला के प्रति रुचि विकास के लिए विद्यालयों में कार्यशाला आयोजन में समन्वयक समेत प्रबंधकीय सहयोग प्रदान करने को कहा है।

Wednesday, May 7, 2025

खबर वॉयरल होते ही शिक्षक का मनमाना तबादला निरस्त


खबर वॉयरल होते ही शिक्षक का मनमाना तबादला निरस्त

06 मई 2025
प्रयागराज। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी के परिषदीय शिक्षक के मनमाने तबादले को निरस्त कर दिया गया है। मथुरा के बीएसए सुनील दत्त की ओर से पांच मई को जारी नोटिस के मुताबकि कन्हैया लाल का तबादला मथुरा के पचहरा प्राथमिक विद्यालय में कर दिया गया था। स्कूल चलो अभियान के प्रथम चरण की समाप्ति के उपरांत कन्हैया लाल को मूल विद्यालय प्राथमिक विद्यालय घासियागढ़ी में फिर से तैनाती का आदेश जारी कर दिया गया है।


एक तरफ ऑनलाइन आवेदन, दूसरी ओर ऑफलाइन स्थानांतरण, परिषदीय शिक्षकों के तबादले में नियम किए दरकिनार, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने जारी किया स्थानांतरण आदेश

04 मई 2025
प्रयागराज । परिषदीय स्कूल के शिक्षकों के जिले के अंदर और अंतरजनपदीय तबादले में जमकर मनमानी हो रही है। एक तरफ शिक्षकों से तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं तो दूसरी ओर बैकडोर से ऑफलाइन तबादले भी हो रहे हैं। माता-पिता, पति/पत्नी की गंभीर बीमारी समेत तमाम समस्याओं को लेकर हाईकोर्ट में मुकदमा लड़ रहे सैकड़ों शिक्षक इन मनमाने तबादलों से अचंभित हैं।


बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने अप्रैल में ही दो शिक्षकों के ऑफलाइन तबादले किए हैं। इससे स्थानांतरण की पूरी व्यवस्था पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। छात्रहित का हवाला देते हुए प्राथमिक विद्यालय धासियागढ़ी विकासखंड नौझील मथुरा के प्रधानाध्यापक कन्हैयालाल को नौझील विकास खंड के ही प्राथमिक विद्यालय पचहरा में 21 अप्रैल को स्थानांतरित कर दिया गया। 


सचिव के आदेश पर मथुरा के बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त ने 25 अप्रैल को कन्हैया लाल को तैनाती दी। इससे पहले सचिव ने चार अप्रैल को अलीगढ़ के प्राथमिक विद्यालय सूरजपुर विकासखंड चंडौस की सहायक अध्यापिका पूर्णिमा सिंह का तबादला गौतमबुद्धनगर कर दिया था। सचिव के आदेश पर अलीगढ़ के बीएसए ने सात अप्रैल को पूर्णिमा सिंह को कार्यमुक्त किया था।

यूपी बोर्ड मूल्यांकन में अनुपस्थित परीक्षकों का विवरण तलब, कार्यवाही की तैयारी

मूल्यांकन नहीं करने वाले शिक्षकों को तलाश रहा यूपी बोर्ड, संदेह के चलते डीआईओएस से मांगी गई कुंडली 
 

यूपी बोर्ड परीक्षा का परिणाम 25 अप्रैल को घोषित हो चुका है। अब यूपी बोर्ड पूरे प्रदेश में ऐसे शिक्षकों की तलाश कर रहा है, जिन्होंने यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं किया। बोर्ड का फोकस ऐसे शिक्षकों पर है, जिन्होंने एक भी दिन मूल्यांकन नहीं किया। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने सूबे के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) को पत्र लिखकर ऐसे शिक्षकों का ब्योरा मांगा है, जानकारी देने के लिए डीआईओएस को एक प्रारूप भी भेजा जा रहा है। इस प्रारूप में इस बात का भी उल्लेख करना है कि राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्त विहीन मान्यता प्राप्त स्कूलों के कितने शिक्षकों ने मूल्यांकन नहीं किया।

बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने कहा कि अब तक दो जनपदों के एक-एक केंद्र का ब्योरा मिला है। यह जानकारी बिना पत्र भेजे ही उन तक पहुंची है। ये दो जिले चित्रकूट और आंबेडकर नगर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आंबेडकर नगर के एक मूल्यांकन केंद्र से 95 ऐसे शिक्षक हैं जो एक दिन भी मूल्यांकन कार्य में शामिल नहीं हुए हैं। बोर्ड में इस बात की भी चर्चा है कि मूल्यांकन से अनुपस्थित रहने वालों ज्यादातर वही शिक्षक हैं जो एडेड एवं राजकीय कॉलेज के प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं। सचिव का कहना है कि दोषी पाए गए शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

विदित हो कि हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा 12 मार्च को खत्म हुई थी। इसके बाद करीब 3 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया गया। मूल्यांकन कार्य 19 मार्च से 2 अप्रैल तक 261 केंद्रों पर हुआ। इन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए 1 लाख 48 हजार 667 परीक्षक नियुक्त किए गए थे। सचिव भगवती सिंह ने बताया कि परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर फर्जी कक्ष निरीक्षक भी पकड़े गए थे। इनके खिलाफ परीक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया था।


35,000 शिक्षकों ने नहीं जांचीं कापियां, लिखित परीक्षा में की थी ड्यूटी,  उत्तरपुस्तिकाएं नहीं जांचने पर उनके फर्जी होने का संदेह, मांगी गई जानकारी


प्रयागराजः हाईस्कूल एवं इंटमीडिएट परीक्षा-2025 का परिणाम घोषित करने के बाद यूपी बोर्ड अब उन शिक्षकों को खोज रहा है, जिन्होंने परीक्षा में कक्ष निरीक्षक के रूप में तो ड्यूटी की, लेकिन उत्तरपुस्तिकाएं जांचने नहीं पहुंचे। परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर फर्जी क्क्ष निरीक्षक पकड़ चुके यूपी बोर्ड को उत्तरपुस्तिकाएं न जांचने वालों के फर्जी होने का संदेह है। 


इसके लिए बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से ऐसे करीब 35,000 शिक्षकों के अंकपत्र सहित रिकार्ड मांगे हैं। इसमें फर्जी मिलने वालों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-2024 के तहत मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजा जाएगा। इस अधिनियम में आजीवन कारावास एवं एक करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रविधान है।

12 मार्च को हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा संपन्न कराने के बाद यूपी बोर्ड ने करीब 2.84 करोड़ उत्तरपुस्तिकाओं का 19 मार्च से दो अप्रैल तक 261 केंद्रों पर मूल्यांकन कराया। इन उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए 1,48,667 परीक्षक नियुक्त किए गए थे। 

बोर्ड सचिव ने मूल्यांकन करने एक भी दिन नहीं पहुंचने वालों का आंकड़ा निकलवाया तो संख्या लगभग 35,000 मिली। बोर्ड इनके विषय में यह जानकारी जुटा रहा है कि जब परीक्षा के दौरान कक्ष निरीक्षक के रूप में ड्यूटी की तो फिर ऐसा क्या हो गया जो उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने नहीं पहुंचे। 

यूपी बोर्ड के सचल दलों ने परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर फर्जी कक्ष निरीक्षकों को उनके विरुद्ध परीक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था, जिससे वह जेल में हैं। बोर्ड यह जानने में जुटा है कि कहीं यह सभी नकल कराने के उद्देश्य से तो फर्जी कक्ष निरीक्षक नहीं बने थे। 

सचिव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से ऐसे शिक्षकों के विवरण जुटाने और विद्यालय में उनके शिक्षक होने/न होने के संबंध में रिपोर्ट मांगी है। जो सही शिक्षक होंगे और मूल्यांकन करने नहीं पहुंचे, उनसे जवाब लेकर विभागीय कार्यवाही की जाएगी। फर्जी मिलने पर परीक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी ही, संबंधित विद्यालय और प्रधानाचार्यों का भी उत्तरदायित्व तय किया जाएगा।



यूपी बोर्ड मूल्यांकन में अनुपस्थित परीक्षकों का विवरण तलब, कार्यवाही की तैयारी 

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव भगवती सिंह ने यूपी बोर्ड की वर्ष 2025 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के मूल्यांकन कार्य में अनुपस्थित रहने वाले परीक्षकों एवं उप प्रधान परीक्षकों का विवरण तलब किया है। 

सचिव ने सभी जिला विद्यालयों निरीक्षकों और मूल्यांकन केंद्रों के उपनियंत्रकों/प्रधानाचार्यों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि 19 मार्च से दो अप्रैल 2025 अप्रैल तक संचालित मूल्यांकन कार्य में परिषद की ओर से नियुक्त जिन परीक्षकों व उप प्रधान परीक्षकों ने मूल्यांकन कार्य नहीं किया, उनका विवरण निर्धारित प्रारूप में परिषद के अधिकृत ईमेल आईडी पर एक सप्ताह के भीतर प्रेषित कर दिया जाए। 


Tuesday, May 6, 2025

उ०प्र० गाध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियग-1982 की धारा 33(छः) के प्राविधानों के अन्तर्गत तदर्थ शिक्षकों के किये गये विनियमितीकरण की सूचना एवं वर्ष 2000 के पश्चात संस्था द्वारा अनियमित रूप से नियुक्त तदर्थ शिक्षक, जिनकी सेवायें शासनादेश दिनांक 09.11. 2023 द्वारा समाप्त की गयी है और उनके द्वारा मानदेय हेतु आवेदन किये गये है की सूचना उपलब्ध कराये जाने के संबंध में।

उ०प्र० माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम -1982 की धारा 33(छः) के प्राविधानों के अन्तर्गत तदर्थ शिक्षकों के किये गये विनियमितीकरण की सूचना एवं वर्ष 2000 के पश्चात संस्था द्वारा अनियमित रूप से नियुक्त तदर्थ शिक्षक, जिनकी सेवायें शासनादेश दिनांक 09.11. 2023 द्वारा समाप्त की गयी है और उनके द्वारा मानदेय हेतु आवेदन किये गये है की सूचना उपलब्ध कराये जाने के संबंध में।



ऑनलाइन कोर्स स्वयं (SWAYAM) प्लेटफॉर्म के संचालन में बीएचयू बना देश का राष्ट्रीय समन्यवक, दो महीने बाद लॉन्च होंगे स्वयं के 67 कोर्स

ऑनलाइन कोर्स स्वयं (SWAYAM) प्लेटफॉर्म के संचालन में बीएचयू बना देश का राष्ट्रीय समन्यवक, दो महीने बाद लॉन्च होंगे स्वयं के 67 कोर्स


वाराणसी। बीएचयू अब राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन कोर्स संचालन का राष्ट्रीय समन्वयक होगा। स्वयं (SWAYAM) प्लेटफॉर्म पर देश के 160 से ज्यादा राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के साथ बीएचयू समन्वय स्थापित करेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बीएचयू को इन संस्थाओं के लिए राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया है।


रविवार को स्वयं गवर्निंग बोर्ड की 26वीं बैठक में बीएचयू को राष्ट्रीय समन्वयक बनाने के फैसले पर मंत्रालय की मुहर लगाई गई। बीएचयू में प्रबंधन अध्ययन संस्थान के प्रो. आशुतोष मोहन को इसका राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया है। फिलहाल वह बीएचयू इकाई के समन्वयक हैं। दो महीने बाद बीएचयू स्वयं के 67 नए कोर्स लॉन्च करेगा। अब तक बीएचयू ने 37 स्वयं कोर्स विकसित किए हैं।

राष्ट्रीय समन्वयक बनने के फैसले के बाद भारत की डिजिटल शिक्षा को आगे ले लाने के लिए बीएचयू अहम भूमिका निभाएगा। बीएचयू आईएनआईएस द्वारा विकसित मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज की प्रशासनिक, शैक्षणिक और रणनीतिक व्यवस्था की देखरेख करेगा। साथ ही आईआईटी, एनआईटी समेत कई बड़े संस्थानों के स्वयं प्लेटफॉर्म कोर्स की भी मॉनिटरिंग करेगा।


एक मानक संस्थान होगा बीएचयू : कुलपति

डॉ. मोहन ने कहा, यह जिम्मेदारी हमारे लिए सम्मान भी है और उत्तरदायित्व भी। राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में मेरा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा है कि संस्थाओं के विकसित ऑनलाइन कोर्स गुणवत्ता के साथ वैश्विक मानकों को पूरा करें। मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज में बीएचयू हमेशा से सबसे बेहतर रहा है। हम दो महीने बाद स्वयं के 67 नए कोर्स लॉन्च करने जा रहे हैं। बीएचयू के प्रभारी कुलपति प्रो. संजय कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय इस भूमिका में एक मानक संस्थान के रूप में स्थापित होगा।

यूपी बीएड : छह जिलों में नहीं बनेंगे प्रवेश परीक्षा केंद्र, 3.42 लाख छात्र छात्राओं ने किया बीएड में आवेदन

यूपी बीएड : छह जिलों में नहीं बनेंगे प्रवेश परीक्षा केंद्र, 3.42 लाख छात्र छात्राओं ने किया बीएड में आवेदन


झांसी। एक जून को प्रस्तावित बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए 3.42 लाख छात्र-छात्राओं ने सोमवार रात तक फार्म भर दिए। दोपहर में बीयू कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में ललितपुर समेत छह जिलों को छोड़ प्रदेश के सभी 69 जिलों में परीक्षा कराने का फैसला किया गया। 

बीयू प्रदेश में लगातार तीसरी बार बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा कराएगा। इसके फार्म भरने की अंतिम तिथि सोमवार को खत्म हो गई और 3.42 लाख ने फार्म भरे जबकि गत वर्ष 2.23 लाख ने ही फार्म भले थे। 

कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि इस बार सबसे ज्यादा फार्म पूर्वांचल के जिलों के छात्र-छात्राओं ने भरे हैं। इसलिए पूर्वांचल के प्रत्येक जिले में परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे, जिनकी संख्या 715 के करीब होगी। ललितपुर, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, कासगंज व श्रावस्ती जिले में परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाएंगे। 



70 जिलों के 715 केंद्रों पर होगी बीएड की प्रवेश परीक्षा, एक जून को होगा इम्तिहान

बीयू लगातार तीसरी बार करा रहा परीक्षा

झांसी। बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा को लेकर बीयू कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय ने शुक्रवार को 19 विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, जिला कॉर्डीनेटर, डिप्टी नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की। स्पष्ट किया कि परीक्षा 70 जिलों के करीब 715 केंद्रों पर कराई जाएगी। 28 मई तक बीयू के दो-दो प्रतिनिधि परीक्षा सामग्री लेकर पहुंच जाएंगे और परीक्षा केंद्रों का जायजा लेंगे।


बीयू लगातार तीसरी बार प्रदेश में बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा करा रहा है। पांच मई तक विलंब शुल्क के साथ फार्म भरे जाएंगे। शुक्रवार शाम तक प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए 3.33 लाख छात्र-छात्राओं ने फार्म भर दिए। पांच मई तक यह आंकड़ा 3.35 लाख तक पहुंच सकता है।

एक जून को होने वाली प्रवेश परीक्षा को लेकर बीयू प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है। कुलपति ने ऑनलाइन बैठक करते हुए बताया कि पांच मई की रात को बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों का डाटा स्पष्ट हो जाएगा।

इसके आधार पर कुछ परीक्षा केंद्र बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र उन्हीं कॉलेज व विद्यालय को बनाया जाए, जिनकी छवि अच्छी हो। रास्ता सुगम हो। केंद्र शहर में ही बनाया जाए, जिससे अभ्यर्थियों को आने-जाने में दिक्कत न हो। प्रदेश कॉर्डीनेटर प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि परीक्षा सामग्री जिला प्रशासन की सुरक्षा में रखी जाएगी, जो परीक्षा शुरू होने से पहले कड़ी सुरक्षा में केंद्र तक पहुंचेगी।

माध्यमिक शिक्षा में समर कैम्प के दौरान आयोजित गतिविधियों / क्रियाकलापों के प्रभावी क्रियान्वयन की जांच एवं सहयोग हेतु स्थलीय शैक्षिक पर्यवेक्षण हेतु मण्डलवार टीम गठित

माध्यमिक स्कूलों में 21 मई से समर कैंप का आदेश, परियोजना निदेशालय ने निरीक्षण को बनाई मंडलवार टीमशिक्षक नाराज


लखनऊ। बेसिक के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने भी राजकीय इंटर कॉलेजों में 21 मई से 10 जून तक समर कैंप के आयोजन के निर्देश दिए हैं। इस दौरान विभिन्न गतिविधियां होंगी। विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। वहीं, इस आदेश से शिक्षक नाराज हैं। शिक्षकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।

राज्य परियोजना निदेशालय ने समर कैंप के दौरान होने वाली गतिविधियों की जांच व सहयोग के लिए मंडलवार टीम भी तैनात कर दी है। अपर राज्य परियोजना निदेशक विष्णुकांत पांडेय ने टीम के सदस्यों को निर्देश दिया है कि वे 12 जून तक आवंटित मंडल में कम से कम दस (छह इंटर कॉलेज, चार हाईस्कूल व एक पीएमश्री) राजकीय विद्यालय का अनिवार्य रूप से शैक्षिक पर्यवेक्षण कर रिपोर्ट राज्य परियोजना कार्यालय को दें। ताकि इसके अनुसार कैंप की आवश्यक तैयारी व सुधार किया जा सके। 



बता दें, माध्यमिक विद्यालयों में 20 मई से 30 जून तक गर्मी की छुट्टियां होती हैं। शिक्षकों ने आदेश को लेकर नाराजगी है। उनका कहना है कि भीषण गर्मी में कैंप का आयोजन करना संभव नहीं है। राजकीय शिक्षक संघ ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा को पत्र भेजकर कहा है कि इस समय पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में राजकीय विद्यालयों में समर कैंप आयोजित करना किसी भी दशा में संभव नहीं है। छात्र व शिक्षक घर वापस लौटने के बाद बीमार पड़ रहे हैं।


बिना जरूरी सुविधाओं के समर कैंप का आदेश गलत

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय व महामंत्री छाया शुक्ला ने कहा है कि समर कैंप के आयोजन की रूपरेखा अधिकारियों ने एसी कमरों में बैठकर बनाई है। हालत यह है कि बुंदेलखंड में कई विद्यालयों में पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। शिक्षक व छात्र घर से पीने का पानी लाते हैं। ऐसे में बिना आवश्यक सुविधाओं के समर कैंप के आयोजन की बात बेमानी है। उन्होंने गर्मी की छुट्टियों में काम करने पर शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति ईएल देने की भी मांग की है।



माध्यमिक शिक्षा में समर कैम्प के दौरान आयोजित गतिविधियों / क्रियाकलापों के प्रभावी क्रियान्वयन की जांच एवं सहयोग हेतु स्थलीय शैक्षिक पर्यवेक्षण हेतु मण्डलवार टीम गठित


समग्र शिक्षा (मा०) द्वारा प्रदेश के समस्त राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में दिनांक 21 मई, 2025 से 10 जून, 2025 तक समर कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। समर कैम्प के दौरान विद्यालयों द्वारा आयोजित की जा रही गतिविधियों / क्रियाकलापों के प्रभावी क्रियान्वयन की जांच एवं सहयोग हेतु स्थलीय शैक्षिक पर्यवेक्षण हेतु समग्र शिक्षा (माध्यमिक) की प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग टीम के सदस्यों को मण्डल वार निम्न लिखित जनपद आवंटित किये जाते है