छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई : छात्रों के लिए एकल पंजीकरण होगा अनिवार्य, गड़बड़ियां रोकने को चालू वित्त वर्ष में ही लागू होगी व्यवस्था, हर साल 50 लाख से ज्यादा छात्र पाते हैं योजना का लाभ
छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई : छात्रों के लिए एकल पंजीकरण होगा अनिवार्य, गड़बड़ियां रोकने को चालू वित्त वर्ष में ही लागू होगी व्यवस्था, हर साल 50 लाख से ज्यादा छात्र पाते हैं योजना का लाभ
लखनऊ। छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई योजना में अब छात्रों के लिए एकल पंजीकरण (ओटीआर) अनिवार्य होगा। गड़बड़ियां रोकने के लिए चालू वित्त वर्ष में ही यह व्यवस्था लागू करने की योजना बनाई गई है। इस योजना में हर साल 50 लाख से ज्यादा छात्र लाभांवित होते हैं।
प्रदेश में छात्रवृत्ति योजनाएं कई विभागों से संचालित होती है। यहां तक कि किसान परिवारों के छात्रों के लिए मंडी परिषद भी यह योजना चलाती है। एक ही वित्त वर्ष में छात्र एक से अधिक योजनाओं में लाभ न पा सके, इसके लिए वन टाइम पंजीकरण (ओटीआर) की व्यवस्था अनिवार्य करने का फैसला किया गया है।
इसके तहत प्रत्येक छात्र को अब योजना का लाभ लेने के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण (ओटीआर) कराना होगा। राज्य सरकार के पोर्टल पर भी आवेदन करते समय यह ओटीआर बताना होगा। खास बात यह है कि छात्र को पूरे विद्यार्थी जीवन में सिर्फ एक बार ओटीआर लेना होगा। समाज कल्याण विभाग के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में ही सभी छात्रों को ओटीआर लेना अनिवार्य होगा।
छात्रवृत्ति में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी कार्रवाई :
छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के भुगतान में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विवि, गोरखपुर समेत कई संस्थानों के इस तरह के मामलों की जांच की जा रही है। जिलास्तर पर छात्रवृत्ति का डाटा लॉक न किए जाने से इस तरह की दिक्कतें पैदा हुई हैं। प्रदेश सरकार ने इस योजना में शत-प्रतिशत पात्र छात्रों को भुगतान के आदेश दिए हैं। इसके लिए अगले वित्त वर्ष के बजट से भी छूटे छात्रों को भुगतान की व्यवस्था की जा रही है।
वित्त वर्ष 2024-25 में देखने में आया कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विवि, गोरखपुर के तमाम छात्रों का डाटा ही तय तिथि तक लॉक नहीं किया गया। इस वजह से 31 मार्च तक छात्र योजना का लाभ नहीं पा सके। प्रकरण में उच्चस्तर पर शिकायत हुई तो इन छात्रों को नए वित्त वर्ष में दो मई तक भुगतान हो सका। शासन इन मामलों की जांच करा रहा है कि किसी तकनीकी कारण से डाटा पोर्टल पर शो नहीं हुआ या फिर संबंधित अधिकारियों की लापरवाही रही। प्रमुख सचिव, पिछड़ा वर्ग कल्याण सुभाष शर्मा ने बताया कि निदेशालय से रिपोर्ट मांगी गई है। जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।