महराजगंज : एक तरफ प्रदेश सरकार प्राइवेट स्कूलों के संचालन पर पाबंदी और परिषदीय विद्यालयों को हाईटेक बनाने में नित नई कोशिशें कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कुछ लापरवाह लोगों के चलते सरकार की मंशा पर पानी फिर जा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल प्राथमिक विद्यालय सोनौली का है। यह विद्यालय बरसात एवं नाले के पानी से घिर गया है। आलम यह है कि विद्यालय प्रांगण में घुटनों तक अभी भी पानी जमा है। इतना ही नहीं कुछ कमरों में भी पानी पहुंच गया है। परिषदीय विद्यालय खुले लगभग एक पखवाड़ा हो गया। लेकिन विद्यालय के गेट के सामने ही पानी जमा होने से एक भी बच्चे पढ़ने नहीं आ रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय सोनौली की स्थिति को देखकर यह कहा जा सकता है कि यहां बरसात के दिनों में पढ़ाई की कोई उम्मीद नहीं है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक, अभिभावक व सोनौली के तमाम समाजसेवी विद्यालय में हो रहे जलजमाव की शिकायत मुख्यमंत्री से लगाए शिक्षा विभाग के अधिकरियों से कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई व कार्यवाई नहीं हुई। जलजमाव व बारिश के पानी का एकत्र होने का सिलसिला जारी है। इतना ही नहीं ग्राम पंचायत द्वारा भी स्कूल की जलनिकासी की समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे इस विद्यालय में पंजीकृत बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है। कस्बेवासियों का कहना है कि विद्यालय के सामने जलजमाव की समस्या सिर्फ बरसात के दिनों में ही नहीं रहती, बल्कि साल के बारहों महीने यह समस्या बनी रहती है। इस संबंध में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि महेंद्र जायसवाल ने कि ग्राम पंचायत में मात्र एक सफाई कर्मचारी तैनात है। जलजमाव की जानकारी मिली है। जल्द ही साफ-सफाई कराया जाएगा।
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