परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। इसके पीछे वजह साफ है कि या तो बच्चे गुरूजी का पढ़ाया समझ नहीं पा रहे हैं या गुरूजी बच्चों को समझाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए बीएसए न सिर्फ स्कूलों का निरीक्षण कर रही हैं। बल्कि क्लास लेकर बच्चों को पढ़ना भी सिखा रही हैं। बीएसए चंदना राम इकबाल यादव ने शुक्रवार को बिथरी चैनपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय डोहरिया का निरीक्षण किया। तब महिला शिक्षक फरहा रईस पढ़ा रही थीं। बीएसए के पूछने पर शिक्षक ने बताया कि बच्चों को प्रकाश के बारे में पढ़ा रहे हैं। बीएसए ने बच्चों से प्रकाश की परिभाषा के बारे में पूछा तो बच्चों ने लैंप, बल्ब, सूरज आदि बताया। बीएसए ने शिक्षक फरहा की फटकार लगाते हुए कहा कि अभी आपने पढ़ाया तो बच्चों को पता नहीं क्यों नहीं है। इस पर शिक्षक शांत खड़ी रहीं। इसके बाद बीएसए ने बच्चों को समझाते हुए प्रकाश की परिभाषा बताई तो अधिकांश बच्चों को इसकी परिभाषा रट गई। इसके बाद बीएसए ने शिक्षक को सही ढंग से पढ़ाने के निर्देश दिए।
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