बीएड नहीं अब बीपीएड बीएलएड में रुचि
जागरण संवाददाता, बरेली : बीएड की खाली सीट भरने के लिए बेशक माइनस मार्किंग वाले छात्र तलाशे जा रहे हैं। मगर बीपीएड और बीएलएड कोर्स की करीब 1,400 सीट के सापेक्ष 12,000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। जाहिर है कि बीएड का क्रेज घटने पर अब छात्र शिक्षक बनने के दूसरे कोर्स की तरफ आकर्षित होने लगे हैं।
रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने अधिकृत रूप से पहली बार बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीएड) और बैचलर ऑफ इलिमेंट्री (बीएलएड) कोर्स शुरू किया है। लिहाजा, कोर्स की शुरुआत में ही करीब 20 कॉलेजों ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) से बीएलएड की मान्यता लेकर विवि से संबद्धता प्राप्त की है।
चार वर्ष का बीएलएड पाठ्यक्रम : रुविवि में शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीआर कुकरेती कहते हैं कि बीएलएड कोर्स चार साल का है। इंटर के बाद छात्र इसमें दाखिला ले सकते हैं। जबकि बीएड के लिए स्नातक होना जरूरी था। इसलिए जो छात्र शिक्षा के क्षेत्र में आना चाहते हैं, वो बीएलएड को प्राथमिकता दे रहे हैं।
खिलाड़ियों की पसंद बीपीएड : राज्य और नेशनल स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ी स्पोर्ट्स शिक्षक बनने के लिए बीपीएड की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। एनसीटीई ने खेल प्रमाण पत्र की अनिवार्यता भी तय कर दी है। 123 को होगा एंट्रेंस : बीपीएड और बीएलएड में दाखिले के लिए 20 केंद्रों पर प्रवेश परीक्षा होगी।
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