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Tuesday, August 21, 2018

वाराणसी : 18 स्कूलों का वजूद होगा खत्म, कई स्कूलों में दो कमरों में चल रहीं पांच - पांच कक्षाएं

शहर के 18 स्कूलों का वजूद होगा खत्म

दळ्व्र्यवस्था
परिषदीय विद्यालय :  जिले में 140 विद्यालयों में निष्प्रयोज्य हैं रोशननुमा डिजाइन के कमरे

मरम्मत योग्य 60 स्कूलों के कमरों के जीर्णोद्धार पर चल रहा मंथन

14 और विद्यालयों की मरम्मत को एक करोड़ आठ लाख रुपये का प्रस्ताव
एक कमरे में हो रहा कक्षा का संचालन, विभागीय उदासीनता से भवन जर्जर तो कुछ में संसाधनों का टोटा
जर्जर भवन गिराने का प्रस्ताव तीन साल से लंबित
कई स्कूलों के दो कमरों में चल रहीं पांच-पांच कक्षाएं
नगर के 17 विद्यालयों का यह है हाल

जागरण संवाददाता, वाराणसी : जनपद में कई परिषदीय विद्यालयों की स्थिति काफी खराब है। इनमें शहरी क्षेत्र के भी स्कूल हैं। इन विद्यालयों के भवन जर्जर स्थिति में पहुंच गए हैं। कई स्कूलों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है, तो कुछ में शौचालय व बिजली सुविधा नदारद है। ऐसे स्कूलों की संख्या करीब 18 बताई जा रही है। फिलहाल, तीन प्राथमिक विद्यालय पास के स्कूलों में शिफ्ट कर दिए गए हैं। हालांकि, इन 18 स्कूलों का अस्तित्व समाप्त करने की तैयारी चल रही है।

ये विद्यालय किए गए शिफ्ट

प्राथमिक स्कूल कालभैरव व दुर्गाघाट के जर्जर भवन को देखते हुए प्राथमिक स्कूल कालभैरव को बुलानाला और दुगरघाट को रामघाट शिफ्ट किया गया है। मातृमठ का विद्यालय सोनारपुरा स्थानांतरित हो चुका है। तीनों किराए के भवन में चल रहे थे। 115 और स्कूल हैं कतार में

नगर में 15 ऐसे और स्कूल हैं जिनकी स्थिति ठीक नहीं हैं। इनका संचालन एक या दो कमरों में हो रहा है। ऐसे विद्यालयों को आसपास के परिषदीय स्कूलों में शिफ्ट करने की तैयारी है। हालांकि, ऐसा करने से पहले इसका परीक्षण किया जाएगा। 110 मीटर दूरी पर शराब की दुकान

जगतगंज प्राइमरी स्कूल के मळ्ख्य गेट से महज दस मीटर की दूरी पर ही शराब की दुकान खुली हुई है। निरीक्षण में जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने इसे गंभीरता से लिया था। उन्होंने शराब की दळ्कान अन्यत्र हटाने के लिए आबकारी विभाग को पत्र लिखा है। हालांकि अब तक विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है। औसानगंज प्रथम में पानी कनेक्शन, बुलानाला स्कूल के सामने कूड़े का ढेर, सोनारपुरा में स्कूल के सामने से अवैध रिक्शा स्टैंड हटाने व कमलगड़हा और जगतगंत स्थित स्कूलों में सफाई का निर्देश जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त को दिया है। अब देखना है कि नगर निगम प्रशासन इन स्कूलों की बदहाली दूर करने के लिए कब कदम उठाता है।

सोनारपुरा स्थित प्राथमिक स्कूल का जजर्र भवन ’ जागरणमैत्रीमठ प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल की दीवार का टूटा प्लास्टरदळ्र्गाघाट प्राथमिक विद्यालय ’ जागरणहाईकोर्ट के निर्देश पर सभी 17 स्कूलों का निरीक्षण जिलाधिकारी ने किया है। जन अधिकार मंच में विद्यालयों की स्थिति के बारे में जो जानकारी कोर्ट में दी थी वह सही नहीं पाई गई। करीब आधा दर्जन स्कूलों की स्थिति काफी खराब पाई गई। इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट को दे दी गई है।

जय सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : जनपद में 140 विद्यालयों के भवनों भवन जर्जर हो चुके हैं। रोशननुमा डिजाइन के बने इन कमरों ध्वस्त करने के लिए तीन साल पूर्व शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। शासन से अनुदान न मिलने के कारण फिलहाल इन कक्षों में ताला बंद कर दिया गया है। पठन-पाठन दूसरे कमरों में हो रहा है।

हाईकोर्ट द्वारा नगर के 17 विद्यालयों की रिपोर्ट तलब किए जाने के बाद अब जर्जर भवन के बारे में नए सिरे में मंथन किया जा रहा है। इस क्रम में मरम्मत योग्य 60 विद्यालयों के कमरों का जीर्णोद्वार करने पर विचार किया जा रहा। शेष 80 विद्यालयों में बने रोशननुमा कमरे जल्द ध्वस्त कराए जाएंगे। जिला समन्वयक (निर्माण) ने बताया कि विद्यालयों की मरम्मत को समय-समय पर शासन को प्रस्ताव भेजा जाता है। 1इस क्रम में सत्र 2017-18 में सर्व शिक्षा अभियान से 40 विद्यालयों का जीर्णोद्धार हाल में कराया जा चुका है। वहीं 14 विद्यालयों की मरम्मत नाल्को के सहयोग से हो रही। सत्र 2018-19 में 14 और विद्यालयों की मरम्मत को एक करोड़ आठ लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा है।1103 स्कूलों का तकनीकी परीक्षण : जिले में 103 स्कूलों की स्थिति अच्छी नहीं हैं। इसमें से कई विद्यालयों के कमरों की दशा खराब है। बावजूद इनमें कक्षाएं चल रहीं हैं। बीएसए ने इनका तकनीकी परीक्षण कराने का निर्णय लिया है, ताकि मरम्मत प्रस्ताव शासन को भेजा जा सके।

>>किराए के भवनों में चल रहे तीन विद्यालय अब तक हो चुके हैं शिफ्ट

>>सुविधाओं की पड़ताल के लिए अब नए सिरे से किया जाएगा परीक्षणजागरण संवाददाता, वाराणसी : विद्यालय का नाम सामने आते ही हर व्यक्ति के मन में एक ऐसा स्वरूप सामने आता है जिसमें कम से कम पांच, सात कमरे, खेल मैदान, पुस्तकालय, सात-आठ अध्यापक हों। विद्यालयों की मान्यता का मानक भी कुछ इसी प्रकार है। वहीं बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित तमाम विद्यालयों में अब भी एक या दो कमरे में पढ़ाई हो रही है। विडंबना यह है कि एक कमरे में पांच-पांच कक्षाएं एक साथ संचालित हो रही हैं। यहीं नहीं एक अध्यापक तीन-तीन कक्षाओं के बच्चों को एक साथ पढ़ाता है। ऐसे में पठन-पाठन की गुणवत्ता पर सवाल उठना स्वभाविक है।

जूनियर हाईस्कूल स्तर के विद्यालय खोलने के लिए 180 वर्ग फीट के सात कमरे अनिवार्य हैं। इसके अलावा हेडमास्टर व लाइब्रेरी कक्ष अलग से। वहीं हेडमास्टर को लेकर कम से कम आठ शिक्षक की नियुक्ति जरूरी है जबकि राइट टू एजुकेशन अधिनियम के तहत 35 बच्चों पर एक शिक्षक जरूरी है। परिषदीय विद्यालयों में आरटीई के तहत बच्चों के मानक के अनुरूप अध्यापकों की तैनाती की जाती है। ऐसे में प्राइवेट व सरकारी विद्यालयों में मानक जुदा-जुदा हैं।’ प्राथमिक विद्यालय, रामघाट, पंजीकृत बच्चे 75, शिक्षक 02, कमरा 01।

प्राथमिक विद्यालय, नक्खीघाट, बच्चे 190, शिक्षक 03, कमरा 02।
प्राथमिक विद्यालय, बुलानाला, पंजीकृत बच्चे 45, शिक्षक 03, हाल 01।
प्राथमिक विद्यालय, गणोशमहाल, पंजीकृत बच्चे 53, शिक्षक 05, हाल 01।
प्राथमिक विद्यालय, सोनारपुरा, पंजीकृत बच्चे 64, शिक्षक 04, कमरा 02।
प्राथमिक विद्यालय, जगतगंज, पंजीकृत बच्चे 45, कमरा 03।
प्राथमिक विद्यालय, औसानगंज प्रथम। पंजीकृत बच्चे 40, शिक्षक 02, 01 कमरा।
प्राथमिक विद्यालय, कमलगड़हा, पंजीकृत बच्चे 190, शिक्षक 02, 04 कमरे।
प्राथमिक विद्यालय, स्टेट फील्ड रोड, पंजीकृत बच्चे 93, शिक्षक 02, 02 कमरा।
प्राथमिक विद्यालय, राजघाट, पंजीकृत बच्चे 360, शिक्षक 10, कमरा 05।
प्राथमिक विद्यालय, फाटक शेख सलीम, पंजीकृत बच्चे 31, शिक्षक 03 शिक्षक, 01 हाल।
प्राथमिक विद्यालय, दुर्गाघाट, पंजीकृत बच्चे 03, शिक्षक 01 शिक्षक, कमरा 01।
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय, मैत्रीमठ, पंजीकृत बच्चे 65, शिक्षक 03, कमरे दो
प्राथमिक विद्यालय, कालभैरव, पंजीकृत 15 बच्चे, शिक्षक 02
प्राथमिक विद्यालय, औसानगंज द्वितीय, पंजीकृत बच्चे 70, शिक्षक 03, हाल 01।
प्राथमिक विद्यालय, पीलीकोठी, पंजीकृत बच्चे 74, शिक्षक 02, कमरे 02।
प्राथमिक विद्यालय, मछोदरी, पंजीकृत बच्चे 140, शिक्षक 03, कमरे 03।

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