स्थायी करने की मांग के लिए टीईटी पास शिक्षामित्रों का धरना जारी
29 मई 2025
लखनऊ। टीईटी पास शिक्षामित्रों ने स्थायी करने की मांग की है। मांग को लेकर ईको गार्डन में उनका धरना दूसरे दिन बुधवार को भी जारी रहा। उन्होंने सीएम से योग्य शिक्षामित्रों को स्थायी करने की मांग की।
शिक्षक-शिक्षामित्र उत्थान समिति के प्रदेश अध्यक्ष गुडडू सिंह ने बताया कि प्रदेश में करीब 50000 शिक्षामित्र टीईटी व सीटीईटी पास है जो एनसीटीई के शिक्षक बनने की योग्यता के मानकों को पूरा करते हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों में टीईटी और सीटीईटी पास करने वालों को नियमित करते हुए सहायक अध्यापक बना दिया गया है। लेकिन, यूपी में शिक्षामित्रों को 333 रुपये रोजाना के हिसाब से महीने में मात्र 10 हजार रुपये ही मानदेय दिया जा रहा है।
इतने कम मानदेय में गुजारा करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि मांग पूरी होने तक मानदेय बढ़ाया जाए।
स्थायी करने के लिए टीईटी पास शिक्षामित्रों ने दिया धरना
28 मई 2025
लखनऊ। टीईटी पास शिक्षामित्रों ने मंगलवार को ईको गार्डन में धरना देकर स्थायी करने की मांग की। शिक्षक-शिक्षामित्र उत्थान समिति के बैनर तले जुटे शिक्षामित्रों की अगुवाई कर रहे संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गुडडू सिंह ने कहा कि प्रदेश में करीब 1.46 लाख शिक्षा मित्र तैनात हैं। इनमें से 50 हजार टीईटी व सीटीईटी पास हैं।
उन्होंने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों की तर्ज पर इन शिक्षा मित्रों को योग्यता और अनुभव के आधार पर नियमित करने की मांग की।
कहा, मांगे पूरी होने तक शिक्षामित्रों को 12 प्रतिमाह मानदेय दिया जाए। उन्होंने शिक्षकों के समान चिकित्सकीय अवकाश, 14 सीएल और अन्य अवकाश देने की भी मांग की।
प्रदर्शन में फूटा प्रदेश के शिक्षामित्रों का दर्द, 'मजदूर से भी कम वेतन, नौतपा में तपने को मजबूर', महज 10 हजार रु. मानदेय, लेकिन स्थायी नियुक्ति नहीं
लखनऊ । सीटीईटी (सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) पास शिक्षामित्रों ने हंगामा किया। इको गार्डन में धरने पर बैठे शिक्षामित्रों ने कहा- सालों से महज 10 हजार के मानदेय पर नौकरी कर रहे हैं। एनसीटी की गाइडलाइन के तहत सहायक अध्यापक के पद पर तैनाती पाने की योग्यता रखते है। इसके बाद भी सरकार सहायक अध्यापक पद पर परमानेंट तैनाती नहीं दे रही है।
इको गार्डन में धरने की अगुवाई कर रहे प्रदेश अध्यक्ष गुड्डू सिंह ने बताया- करीब 25 सालों से हम शिक्षामित्र विभाग के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं। नौतपा में तपते हैं। स्कूलों के विकास में शिक्षकों से कम हम शिक्षामित्रों का योगदान नहीं है। जहां शिक्षक मना करते हैं वहां शिक्षामित्र जाते हैं
सिंह ने कहा, जहां शिक्षक काम करने से मना करते हैं। वहां शिक्षामित्र बखूबी काम करता है। बावजूद इसके आज प्रदेश के 50 हजार से ज्यादा शिक्षक टीईटी - सीटीईटी क्वालीफाई करने के बावजूद सहायक अध्यापक की तैनाती पाने को तरस रहे हैं।
भाजपा सरकार के आठ साल बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई
गुड्डू सिंह ने कहा- साल 2017 से प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद हमें उम्मीद थी कि अब हमारी सुनवाई होगी। पर सरकार बने हुए 8 साल हो गए पर अब तक हमें सिर्फ भरोसा मिला। उन्होंने कहा- किसी से हमारी पीड़ा को समझा तक नहीं। कई सालों तक अफसरों ने टाइम पास किया, कोई कार्रवाई नहीं की। बेसिक शिक्षा मंत्री से भी हम मिले पर हमें न्याय नहीं मिला। अब सिर्फ मुख्यमंत्री से ही हमें उम्मीद है।
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