समाजवादी अभिनव स्कूल योजना के तहत बनाए गए शहर के छलेसर समेत पूरे प्रदेश के मॉडल स्कूल नियमों व सीबीएसई के फेर में फंस गए हैं। जिसके चलते इन स्कूलों के संचालन पर भी तलवार लटकती नजर आ रही है। गुणवत्तापरक शिक्षा, स्वस्थ व हाइटेक माहौल आदि सुविधाओं के बीच बच्चों को शिक्षित करने के शासन के फैसले को पलीता लगना तय माना जा रहा है। मॉडल स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड के तहत शिक्षा दी जानी है। लेकिन बोर्ड इन स्कूलों को छात्र संख्या समेत कई मसलों पर नियमों में खरा नहीं पा रहा है। जिसके चलते वो इन स्कूलों को मान्यता देने से कतरा रहा है। पिछले दिनों छलेसर मॉडल स्कूल की नौवीं की प्रवेश परीक्षा में 80 सीटों पर मात्र 11 बच्चे ही पास हो पाए। इसके चलते दोबारा प्रवेश परीक्षा कराने की भी नौबत आ रही है। वहीं दूसरी ओर इन स्कूलों के आवासीय होने पर भी अगर-मगर की स्थिति बनी हुई है। डीआइओएस राजू राणा ने बताया कि स्कूलों को आवासीय रखने के संबंध में शासन स्तर पर बातचीत चल रही है। विभाग के पास जो शुरुआत में पत्र आया था, उसमें स्कूलों को आवासीय करने के निर्देश थे।
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