परिषदीय शिक्षा के गिरते स्तर ने शासन की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में प्राथमिक शिक्षकों की लापरवाही और खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) की उदासीनता को गंभीरता से लिया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ही नहीं खंड शिक्षा अधिकारियों पर भी सख्ती बढ़ानी शुरू कर दी है। अगर शिक्षक गैरहाजिर होते हैं, तो बीईओ भी जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
शासन के दिशा-निर्देशों के तहत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश यादव ने शनिवार को जिले भर के खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने विद्यालयों में पठन-पाठन का माहौल तैयार करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किया। साथ ही कहा कि अब कहीं कोई लापरवाही नहीं चलेगी, अनियमितता पर सीधे कार्रवाई होगी। शिक्षक ही नहीं बीईओ भी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर दें और शैक्षिक माहौल बनाएं।
शासन के निर्देशों का हवाला देते हुए बीएसए ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी अब रोजाना स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान बच्चों को पढ़ाएंगे। विद्यालय की व्यवस्था और जांच रिपोर्ट वह सीधे बीएसए के ह्वाट्सऐप पर देंगे। वह स्कूल के समय में निरीक्षण करेंगे। कार्यालय में सिर्फ 2 से 5 बजे तक बैठेंगे। बीएसए ने बताया कि वह खुद नियमित विद्यालयों की जांच करेंगे। दोपहर 2 बजे के बाद ही कार्यालय में बैठेंगे।
बीएसए के अनुसार खंड शिक्षा अधिकारी, एबीआरसी और एनपीआरसी पाठ्यक्रम के अनुसार अपने आप को अपडेट करें। पाठ्यक्रम के आधार पर हर माह उनका टेस्ट लिया जाएगा। कार्य प्रणाली और टेस्ट के आधार पर शिक्षकों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। बैठक के दौरान बीएसए ने दूध और फल वितरण योजना पर भी जोर दिया।
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