⚫ ज़िले के उत्साही शिक्षकों ने मिशन शिक्षण संवाद फ़तेहपुर समूह का किया गठन।
⚫ अवकाश के दिन ज़िला मुख्यालय पर समूह के सदस्यों की हुई बैठक
⚫ गुणवत्ता बढ़ाने और गुणवत्ता कार्यशाला आयोजन करने का लिया गया निर्णय।
⚫ शिक्षकों को प्रेरित करने और नए शिक्षकों को जोड़ने के लिए बांटी गई जिम्मेदारियाँ।
फ़तेहपुर। सरकारी परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने हेतु ज़िले के 40 से अधिक ऊर्जावान शिक्षक खुद से आगे आये है। जनपद के सभी 14 ब्लॉकों के यह शिक्षक अब परिषदीय स्कूलों को स्वैच्छिक रूप से खुद और सामुदायिक सहयोग और परस्पर सहयोग से मॉडल स्कूल के रूप में परिवर्तित कर ज़िले के शिक्षा व्यवस्था में "गुणवत्ता युग" के वाहक बनेंगे। खास बात यह है कि यह सभी स्वैछिक रूप से इस कार्य हेतु आगे आये है और इस अभियान का नाम दिए है "मिशन शिक्षण संवाद"।
समूह के शिक्षकों ने बुधवार को मिशन शिक्षण संवाद फ़तेहपुर के बैनर तले समूह के ब्लॉक समन्वयकों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन नगर शिक्षा संसाधन केंद्र,URC स्थित हाल में किया। कार्यशाला की शुरुआत करते हुए भिटौरा ब्लॉक के सहसमन्वयक प्रवीण त्रिवेदी ने कहा कि शिक्षा के उत्थान व शिक्षकों के सम्मान हेतु हमें अपने अपने स्कूलो में गुणवत्ता परक शिक्षा देने का संकल्प लेना होगा।
समस्याएं कितनी भी आये हमें समस्यायों का रोना न रोते हुए अपने-अपने स्कूलों की पहचान गुणवत्ता के लिए बनाने का कार्य करना होगा। उन्होंने इस समूह के प्रदेश स्तर पर कानपुर देहात के विमल कुमार जी के नेतृत्व में काम करने की बात कहते हुए बताया कि पिछले रविवार को लखनऊ में आयोजित मिशन शिक्षण संवाद कार्यशाला हुई थी। कार्यशाला में सदस्यों ने मिशन शिक्षण संवाद की आवश्यकता, उद्देश्य, विकास खण्डवार समन्वयकों की ज़िम्मेदारी, और जल्द ही जिले के शिक्षकों की एक गुणवत्ता कार्यशाला के आयोजन पर चर्चा की।
उद्देश्यों को परिलाक्षित करते हुए नीलम भदौरिया ने मिशन शिक्षण संवाद के उद्देश्य को परिलक्षित करता स्वरचित गीत-
मिशन शिक्षण संवाद का स्वप्न साकार करना है
जो धूमिल हो रही छवि है उसे अब स्पष्ट करना है
प्रस्तुत किया।
प्रीति वर्मा द्वारा मिशन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला गया। समूह की शैक्षिक गतिविधियों और नवाचार पर गिरीश दुबे, विजय त्रिपाठी, राजकुमार मिश्रा, देवशरण शुक्ला, कविता तिवारी, श्रद्धा गौड़, विवेक शुक्ल, हिमाद्री पटेल, गौरी सिंह, प्रतिभा गुप्ता, असफिया मजहर, आसिया फारूकी, साऱिका तिवारी, मनीष पाठक, प्रेमनंदन, नीलम सिंह, देवाकान्त , रश्मि श्रीवास्तव, रंजना अवस्थी, फूल सिंह द्वारा सुझाव साझा किए गए। सभी उपस्थित नवाचारी शिक्षकों के द्वारा अपने अनुभव और विचार प्रस्तुत किये गए।
अंत में सहसमन्वयक प्रवीण त्रिवेदी द्वारा किये जा रहे कार्यों नवाचारों की ड्राफ्टिंग, अभिलेखीकरण, प्रस्तुतिकरण, सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की कला के महत्व को भी बताया गया। कार्यशाला में सदस्यों ने बताया कि इस समूह के गठन का उद्देशय इस लिये किया गया ताकि शिक्षा के प्रति समर्पित शिक्षकों को उचित मंच मिले। विद्यालय के कार्यों को मिशन के बैनर के साथ किया जाए। सकारात्मक और नये तरह के कार्यों को सामने लाया जाए। मिशन के अंतर्गत अच्छे कार्यों का अनुसरण किया जाए।
मिशन का उद्देश्य हर हाल में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना है। बच्चों की प्रतिभा को सामने लाने का कार्य निष्ठा से किया जाए। विद्यालय की समस्याओं पर क्रियात्मक शोध किया जाए और उन्हें साझा किया जाए। शिक्षण को रुचि पूर्व बनाने के लिए टास्क आधारित शिक्षण की जाए। यह भी तय किया गया कि मिशन शिक्षण संवाद ग्रुप की मीटिंग नियत तिथि पर किसी भी 'आदर्श विद्यालय' में आयोजित की जाए जिससे बाकी सदस्य उस स्कूल की अच्छाइयों को अपना सकें।
मिशन शिक्षण संवाद व्हाट्सएप ग्रुप में पढ़ाने और गुणवत्ता बढ़ाने के तरीकों पर होती है चर्चा
इन शिक्षकों ने "मिशन शिक्षण संवाद फ़तेहपुर" नाम से एक समूह बनाया है जिसमें शामिल सभी शिक्षक स्कूल टाइम के बाद अपने स्कूल और कक्षा को और बेहतर बनाने के तौर तरीकों पर चर्चा करते हैं। ग्रुप में कोई सदस्य अपने स्कूल की चीजों को छोड़कर किसी भी दूसरे तरह की सामग्री नहीं डालते और एक दूसरे की समस्या का समाधान देने की कोशिश करते हैं। सभी एक दूसरे के नए और अच्छे कार्यों से सीख कर उसे अपने स्कूलों में लागू करते है। ग्रुप में पूरे प्रदेश और ज़िले के अच्छे स्कूलों की सक्सेज स्टोरी भी डाली जाती है।
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