इलाहाबाद : मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक यानी जेडी की विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) का निर्णय गुरुवार को जारी हो गया है। लंबे इंतजार के बाद पांच अफसरों को पदोन्नति दी गई है। इनमें कुछ ऐसे अफसर भी हैं जिनकी शासन तक शिकायत हो चुकी है फिर भी पदोन्नति सूची में वह बरकरार हैं। विशेष सचिव अनिल कुमार बाजपेई की ओर से पदोन्नति का आदेश जारी हुआ है।
माध्यमिक शिक्षा महकमे में प्रमोशन और फेरबदल की प्रक्रिया एक साथ चल रही है। पिछले दिनों शासन स्तर पर जेडी की पदोन्नति के लिए डीपीसी हुई। छह पदों के सापेक्ष पांच को पदोन्नत करने पर सहमति बनी थी। इसमें दो अफसरों अनिल भूषण चतुर्वेदी और ओम प्रकाश द्विवेदी का नाम सूची से बाहर कर दिया गया। कहा गया कि उन पर पुरानी जांच लंबित है, जबकि दोनों अफसर शासन को प्रत्यावेदन दे चुके हैं। नियमानुसार यदि किसी मामले में प्रत्यावेदन दिया जा चुका हो तो उससे अफसर को डीपीसी से वंचित नहीं किया जा सकता।
पदोन्नति सूची से इन दो अफसरों का हटना इसलिए जरूरी था क्योंकि विभागीय ‘बड़े’ अफसर को अपने करीबी अफसर को पदोन्नति देनी थी। सूची में पहले तीन नाम संतराम सोनी, संजय यादव व सुरेंद्र तिवारी के बाद अजय कुमार द्विवेदी और फिर अरविंद पांडेय को पदोन्नति सूची में शामिल किया गया। इसमें अरविंद कुमार पांडेय पर बस्ती मंडल का जेडी रहने के दौरान संस्कृत माध्यमिक विद्यालय में एक शिक्षिका की नियुक्ति में अनियमितता का आरोप है। इस संबंध में बीते 11 मई को ही शासन से अरविंद पांडेय को कारण बताओ नोटिस जारी हो चुका है। माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने भी चयन पर सवाल खड़े किये। इतना ही नहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के स्टैंडिंग काउंसिल उपेंद्र सिंह ने भी कड़ी टिप्पणी की है।
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