जब बच्चे नहीं तो किसको पढ़ायेंगे परिषदीय शिक्षक? बेसिक शिक्षा विभाग के अव्यावहारिक आदेश पर शिक्षक संघों सहित एमएलसी ने भी उठाए सवाल
परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को 16 जून से आना है स्कूल
14 जून । बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अव्यावहारिक आदेश से पूरे प्रदेश के शिक्षक संगठन व शिक्षकों में नाराजगी है। पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी के चलते बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की छुट्टियां 30 जून तक बढ़ा दी हैं, लेकिन शिक्षकों और कर्मचारियों को 16 जून से स्कूल आना होगा।
प्राथमिक शिक्षक संघ एवं जूनियर शिक्षक संघ ने इस आदेश का विरोध किया है। इसे अव्यावहारिक बताया है। उनका कहना है कि जब बज्चे नहीं आ रहे हैं तो शिक्षकों को बुलाना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। जानलेवा भीषण गर्मी और हीट वेव को देखते हुए शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग व उसके नियंत्रणाधीन मान्यता प्राप्त स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश 30 जून तक बढ़ा दिए हैं। बज्चों की छुट्टी रहेगी, परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों को उपस्थित रहना होगा, जिसका शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं।
इसके साथ ही शिक्षकों की इस समस्या को लेकर एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिक्षक का मूल कार्य छात्रों को शिक्षा देना है, जब विद्यालय में छात्र ही नहीं आएंगे तो इस भीषण गर्मी और हीट वेव में शिक्षकों को प्रतिदिन विद्यालय बुलाना मानवीय दृष्टिकोण से उचित नहीं है, कृपया ग्रीष्मकाल का अवकाश 30 जून तक बढ़ाने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को देने का कष्ट करें।
30 जून तक स्कूल पूरी तरह बंद करने की मांग, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की छुट्टी 30 जून तक बढ़ा दी गई है, जबकि शिक्षकों व कर्मचारियों को 16 जून से स्कूल आना होगा। बेसिक शिक्षा परिषद के इस आदेश को लेकर शिक्षक संगठनों में काफी नाराजगी है। उन्होंने भीषण गर्मी को देखते हुए परिषदीय विद्यालयों को 30 जून तक पूरी तरह बंद रखने की मांग की है।
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संतोष तिवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की कि परिषदीय विद्यालयों को पूर्व की भांति ही चलाया जाए। पूर्व में परिषदीय विद्यालयों को गर्मी की छुट्टियों के बाद एक जुलाई से चलाया जाता था। हाल के वर्षों में कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर 16 जून से स्कूल खोलने का प्रावधान कर दिया गया।
प्रदेश महासचिव दिलीप चौहान ने कहा जून सबसे गर्म माह होता है। वर्तमान में प्रदेश के कई जिलों में तापमान 40 से 50 डिग्री सेल्सियस है। इसका विपरीत असर शिक्षकों के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। ऐसे में बिना किसी काम के शिक्षकों को स्कूल बुलाने का निर्णय अव्यवहारिक है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष शालिनी मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में बहुत से विद्यालय एकल शिक्षक वाले हैं। ऐसे में शिक्षकों की सुरक्षा भी एक प्रमुख बिंदु है। इसे देखते हुए विद्यालय शिक्षकों के लिए भी एक जुलाई से ही खोले जाएं।
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