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Tuesday, June 17, 2025

शिक्षकों का ग्रीष्मावकाश बढ़ाने को कई जनप्रतिनिधियों ने सीएम को भेजा पत्र

शिक्षकों का ग्रीष्मावकाश बढ़ाने को कई जनप्रतिनिधियों ने सीएम को भेजा पत्र 

ग्रीष्मावकाश के बाद 16 जून से खुल गए परिषदीय विद्यालय

शासन ने बच्चों की छुट्टी बढ़ाई पर शिक्षकों की उपस्थिति की अनिवार्य


प्रयागराज । कक्षा एक से आठ तक के बच्चों की गर्मी की छुट्टियां 30 जून तक बढ़ाने और शिक्षकों समेत दूसरे स्टाफ को स्कूल पहुंचने के आदेश को लेकर हलचल बढ़ गई है। ऐसा पहली बार हुआ है कि एकसाथ कई जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि शिक्षकों को भी 30 जून तक का अवकाश दिया जाए। एकसाथ इतने हमदर्द पाकर शिक्षक भी आश्चर्यचकित हैं और व्हाट्सएप ग्रुपों पर पत्र वायरल हो रहे हैं।

कौशाम्बी से सपा सांसद पुष्पेन्द्र सरोज ने 15 जून को मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में लिखा है कि स्कूलों में एक जुलाई से शिक्षण कार्य शुरू होना है। गर्मी बढ़ती जा रही है और मौसम विभाग ने सूचना दी है कि गर्मी और बढ़ेगी। शिक्षक-शिक्षिकाओं को जिले के दूर-दराज के स्कूलों में पढ़ाने के लिए जाना होता है। बच्चों के स्कूल में न रहने से शिक्षकों की दौड़ अनावश्यक होगी। शेष विद्यालयी दायित्वों का संपादन स्मार्टफोन के जरिए घर से ही संभव हो सकता है।

उन्होंने शिक्षकों के लिए भी ग्रीष्मावकाश 30 जून तक बढ़ाने का निर्देश देने का आग्रह किया है। विधान परिषद की प्रश्न एवं संदर्भ समिति के सभापति राजबहादुर सिंह चंदेल, भाजपा एमएलसी डॉ. बाबू लाल तिवारी, एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह, एमएलसी आशुतोष सिन्हा और एमएलसी अवनीश कुमार सिंह समेत अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री को तकरीबन ऐसा ही पत्र लिखा है। 

पत्र लिखने के पीछे एक कारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव भी माना जा रहा है। चूंकि पूरे प्रदेश में सबसे अधिक संख्या परिषदीय शिक्षकों की है तो इन चुनावों में उनका वोट निर्णायक होता है। ऐसे में माना जा रहा है कि इन शिक्षकों का विश्वास जीतने के लिए ये पत्र लिखे गए हैं।




जनप्रतिनिधियों ने भी स्कूल 30 जून तक बंद करने के लिए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

लखनऊ। परिषदीय विद्यालय गर्मी की छुट्टियों के बाद सोमवार से खुल जाएंगे। बेसिक शिक्षा परिषद ने बच्चों के लिए तो स्कूल में 30 तक छुट्टी कर दी है, लेकिन शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, शिक्षणेतर कर्मचारियों को स्कूल आना होगा। प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए कई जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इनको भी राहत देने की मांग की है। कौशाम्बी से सपा सांसद पुष्पेंद्र सरोज, एमएलसी आशुतोष सिन्हा, अरुण पाठक, डॉ. बाबूलाल तिवारी आदि ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षकों-कर्मचारियों के लिए भी विद्यालय 30 जून तक बंद करने की मांग की है।


इन्होंने कहा है कि इस दौरान आवश्यक काम ऑनलाइन घर से कराए जा सकते हैं। वहीं उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों का शिक्षण सत्र पूर्व की भांति 1 जुलाई से 20 मई तक किये जाने की मांग की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी ने कहा है कि पूर्व में प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों का शिक्षण सत्र बदलकर 1 जुलाई के स्थान पर 1 अप्रैल से कर दिया गया था जो कि पूर्णतः अव्यवहारिक है। इससे शिक्षकों, अभिभावकों तथा बच्चों को व्यवहारिक व भौगोलिक स्थितियों के कारण काफी कठिनाइयां आती हैं। गर्मी के कारण अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने में आनाकानी करते हैं। इसका असर नामांकन में भी पड़ता है। ऐसे में पूर्व की भांति प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों का शिक्षण सत्र 1 जुलाई से 20 मई तक किया जाए। 



जब बच्चे नहीं तो किसको पढ़ायेंगे परिषदीय शिक्षक? बेसिक शिक्षा विभाग के अव्यावहारिक आदेश पर शिक्षक संघों सहित एमएलसी ने भी उठाए सवाल

परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को 16 जून से आना है स्कूल

14 जून ।  बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अव्यावहारिक आदेश से पूरे प्रदेश के शिक्षक संगठन व शिक्षकों में नाराजगी है। पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी के चलते बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की छुट्टियां 30 जून तक बढ़ा दी हैं, लेकिन शिक्षकों और कर्मचारियों को 16 जून से स्कूल आना होगा।


प्राथमिक शिक्षक संघ एवं जूनियर शिक्षक संघ ने इस आदेश का विरोध किया है। इसे अव्यावहारिक बताया है। उनका कहना है कि जब बज्चे नहीं आ रहे हैं तो शिक्षकों को बुलाना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। जानलेवा भीषण गर्मी और हीट वेव को देखते हुए शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग व उसके नियंत्रणाधीन मान्यता प्राप्त स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश 30 जून तक बढ़ा दिए हैं। बज्चों की छुट्टी रहेगी, परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों को उपस्थित रहना होगा, जिसका शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं।


इसके साथ ही शिक्षकों की इस समस्या को लेकर एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिक्षक का मूल कार्य छात्रों को शिक्षा देना है, जब विद्यालय में छात्र ही नहीं आएंगे तो इस भीषण गर्मी और हीट वेव में शिक्षकों को प्रतिदिन विद्यालय बुलाना मानवीय दृष्टिकोण से उचित नहीं है, कृपया ग्रीष्मकाल का अवकाश 30 जून तक बढ़ाने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को देने का कष्ट करें।




30 जून तक स्कूल पूरी तरह बंद करने की मांग, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की छुट्टी 30 जून तक बढ़ा दी गई है, जबकि शिक्षकों व कर्मचारियों को 16 जून से स्कूल आना होगा। बेसिक शिक्षा परिषद के इस आदेश को लेकर शिक्षक संगठनों में काफी नाराजगी है। उन्होंने भीषण गर्मी को देखते हुए परिषदीय विद्यालयों को 30 जून तक पूरी तरह बंद रखने की मांग की है। 

विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संतोष तिवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की कि परिषदीय विद्यालयों को पूर्व की भांति ही चलाया जाए। पूर्व में परिषदीय विद्यालयों को गर्मी की छुट्टियों के बाद एक जुलाई से चलाया जाता था। हाल के वर्षों में कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर 16 जून से स्कूल खोलने का प्रावधान कर दिया गया।

प्रदेश महासचिव दिलीप चौहान ने कहा जून सबसे गर्म माह होता है। वर्तमान में प्रदेश के कई जिलों में तापमान 40 से 50 डिग्री सेल्सियस है। इसका विपरीत असर शिक्षकों के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। ऐसे में बिना किसी काम के शिक्षकों को स्कूल बुलाने का निर्णय अव्यवहारिक है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष शालिनी मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में बहुत से विद्यालय एकल शिक्षक वाले हैं। ऐसे में शिक्षकों की सुरक्षा भी एक प्रमुख बिंदु है। इसे देखते हुए विद्यालय शिक्षकों के लिए भी एक जुलाई से ही खोले जाएं। 



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