बीएसए दफ्तर की लापरवाही के चलते बरेली के तीन शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार के इंटरव्यू देने से वंचित रह गए। शिक्षकों ने प्रकरण की निदेशक बेसिक शिक्षा से शिकायत की है। निदेशक ने बीएसए बरेली से जवाब तलब करने की बात कही।राष्ट्रीय पुरस्कार 2016 के लिए बरेली से पहले चरण में शिक्षक संतोष नीरज और सुंदर लाल की फाइल जिला कमेटी की संस्तुति के बाद भेजी गई थी। शिकायत के चलते जून में शासन ने और फाइलों को भी भेजे जाने का आदेश दिया था। तब बरेली से अनिल चौबे, बुधपाल सिंह और भानु प्रताप सिंह की फाइलों को भेजा गया था। गुरुवार को इन लोगों का लखनऊ में इंटरव्यू था। इंटरव्यू से ठीक पहले पता चला कि तीनों ही फाइल जिला कमेटी की संस्तुति के बिना ही भेज दी गई हैं। इस आधार पर इन लोगों को इंटरव्यू देने से रोक दिया गया। पूरे प्रदेश के 121 शिक्षकों में से सिर्फ यह 3 शिक्षक ही इंटरव्यू देने से वंचित रह गए। शिक्षकों ने इसकी शिकायत निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह से की। निदेशक ने भी कमेटी की संस्तुति नहीं होने के कारण इंटरव्यू से इंकार कर दिया। शिक्षकों ने मामले को हाईकोर्ट में ले जाने की बात कही है। उनका कहना है कि शासन के पत्र में संस्तुति का साफ उल्लेख किया गया था।
इस बारे में बीएसए चंदना राम इकबाल यादव ने कहा कि दोबारा फाइल मंगवाते समय जिला कमेटी की संस्तुति के विषय में स्पष्ट निर्देश नहीं थे। इस लिए बिना संस्तुति के ही फाइलों को भेज दिया गया था। हमारी मंशा किसी को इंटरव्यू से रोकने की नहीं थी।
इस बारे में बीएसए चंदना राम इकबाल यादव ने कहा कि दोबारा फाइल मंगवाते समय जिला कमेटी की संस्तुति के विषय में स्पष्ट निर्देश नहीं थे। इस लिए बिना संस्तुति के ही फाइलों को भेज दिया गया था। हमारी मंशा किसी को इंटरव्यू से रोकने की नहीं थी।
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