लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि (एकेटीयू) में शोध पत्रों की नकल करने वालों की अब खैर नहीं। एमटेक/एमआर्क/एमफार्म एवं पीएचडी के शोधपत्रों कीनकल रोकने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति शोध प्रबंध में शोध पत्र के नकल की सीमा तय करेगी। इसके तहत नामी जर्नल्स में ही एमटेक व पीएचडी छात्रों को शोध पत्रों का प्रकाशन करना होगा। इससे किसी दूसरे के शोध पत्र की नकल पर अंकुश लग सकेगी। यह अहम निर्णय मंगलवार को एकेटीयू की विद्या परिषद की बैठक में हुए।
कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में हुई बैठक में शोध पत्रों की नकल पर अंकुश लगाने के लिए नियमावली बनाए जाने पर भी सहमति हुई। बैठक में टेक्निकल एजूकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम (टेक्विप) तृतीय के तहत पीएचडी में प्रवेश के लिए ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा का प्रस्ताव रखा गया। विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर के छात्र-छात्रओं को मूक्स (मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज) से जोड़ने के लिए विवि के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया। यह समिति इसकी एक पालिसी बनाएगी। साथ ही 50 संबद्ध संस्थानों के शिक्षकों में से 50 प्रतिशत शिक्षकों को स्वयं पोर्टल पर पंजीयन करवाना संबद्धता के लिए अनिवार्य होगा।
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