DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़
Showing posts with label कन्वर्जन कास्ट. Show all posts
Showing posts with label कन्वर्जन कास्ट. Show all posts

Wednesday, November 24, 2021

नहीं बढ़ रही कन्वर्जन कास्ट, कब तक बनें गुणवत्तापूर्ण मिड-डे मील

नहीं बढ़ रही कन्वर्जन कास्ट, कब तक बनें गुणवत्तापूर्ण मिड-डे मील


पिछले कुछ महीनों में खाद्य सामग्री के दाम तेजी के साथ बढ़े हैं, लेकिन मिड-डे मील के कन्वर्जन कास्ट में कोई वृद्धि नहीं हुई है। ऐसे में बच्चों को स्कूल में विभागीय अधिकारियों के लिए चुनौती बन गया है। प्राथमिक विद्यालय में 4.97 और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 7.45 रुपये प्रति बच्चों की दर से भुगतान किया जा रहा है।


 कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए मिड-डे मील बनाने में लगने वाली लागत (कन्वर्जन कास्ट) में वृद्धि नहीं होने से शिक्षक परेशान हैं।


बाजार में मिर्च-मसाला एक साल में काफी महंगा हो गया है तो दूध का भाव गांव में ही 50 रुपये लीटर हो चुका है। गैस सिलेंडर भी 900 रुपये से अधिक हो चुका है। सरसों का तेल बंद बोतल में 180 रुपये लीटर मिल रहा है, लेकिन बेसिक के बच्चों को आज भी गुरुजी प्राथमिक विद्यालय में 4.97 और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 7.45 रुपये लागत पुरानी दरों पर ही भोजन करा रहे हैं।

 मिड-डे मील की कन्वर्जन कास्ट में वृद्धि न होने से परेशानी होती है। इतनी कम लागत में गुणवत्ता पूर्ण भोजन नहीं दिया जाता है। कई बार अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन कन्वर्जन कास्ट में वृद्धि नहीं हो रही है।

Wednesday, October 27, 2021

मिड डे मील पर महंगाई की मार, डेढ़ साल में महंगाई भागी पर कन्वर्जन कास्ट जस की तस

मिड डे मील पर महंगाई की मार, डेढ़ साल में महंगाई भागी पर कन्वर्जन कास्ट जस की तस



सब्जी, तेल व रसोई गैस की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है। इसका असर अब परिषदीय व सहायता प्राप्त जूनियर स्कूलों में बन रहे एमडीएम पर भी पड़ता दिख रहा है।


प्रति बच्चा कन्वर्जन कास्ट की पुरानी लागत से एमडीएम बनवा रहे गुरुजी भी लगभग दोगुनी कीमतों पर खाना बनवाने पर मजबूर है। 


कोरोना के कारण लंबे समय बंद रहे परिषदीय व सहायता प्राप्त स्कूल खुलते ही बच्चों के लिए एमडीएम भी बनना शुरू हो गया है। इसी के साथ खाद्य पदार्थों में बढ़ती महंगाई का भी संकट आ गया। स्कूलों में खाना बनाने के लिए शासन से केवल रसोइयों को मानदेय पर रखा गया है इसके अलावा तेल, गैस, सब्जी, सोयाबीन, दाल व मसालों आदि का प्रबंध प्रधानाध्यापक या जिम्मेदार शिक्षक को करना होता है।


जिसके लिए प्रति बच्चा प्राइमरी स्तर पर 4.97 पैसे व जूनियर स्तर पर 7:45 पैसे शासन से भेजे जाते हैं। इसी पैसे से प्रत्येक बुधवार को दूध भी लेना पड़ता है। यह मानदेय पर रख गया है। इसके कन्वर्जन कास्ट एक अप्रैल 2020 से चली आ रही है।


उस समय से अब तक रसोई गैस व तेल के दाम तो लगभग दोगुने स्तर पर पहुंच गए, वहीं सब्जियों में टमाटर, बैंगन व गोभी सहित सोयाबीन व दालों आदि के दाम भी चरम पर हैं। इसके अलावा एक तरफ अब तक शासन से विगत महीनों को कन्वर्जन राशि न भेजे जाने के चलते शिक्षक अपने दूसरी ओर महंगाई की वजह से वेतन से खाना बनवा रहे हैं तो खर्चा भी काफी बढ़ गया है।

Monday, October 25, 2021

उधार के तेल-नमक से बन रहा बच्चों का मिड-डे-मील, परिवर्तन लगात बढ़ाने पर भी अब तक कोई निर्णय नहीं, चार लाख रसोइयों को सात महीने से नहीं मिला मानदेय, दशहरा के बाद दीपावली भी फीकी रहने की आशंका

उधार के तेल-नमक से बन रहा बच्चों का मिड-डे-मील, परिवर्तन लगात बढ़ाने पर भी अब तक कोई निर्णय नहीं

चार लाख रसोइयों को सात महीने से नहीं मिला मानदेय, 
दशहरा के बाद दीपावली भी फीकी रहने की आशंका


● 2021-22 शैक्षिक सत्र को अब तक नहीं मिली परिवर्तन लागत
● शिक्षक उधार सामान लेकर बनवा रहे स्कूलों में खाना


प्रयागराज : परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में उधार के तेल, नमक और सब्जी से बच्चों का मिड-डे-मील बन रहा है। कोरोना काल की बंदी के बाद 24 अगस्त से उच्च प्राथमिक और एक सितंबर से प्राथमिक स्कूल खुल चुके हैं। लेकिन सरकार ने मध्याह्न भोजन बनाने के लिए परिवर्तन लागत का बजट जारी नहीं किया है।


कक्षा 1 से 5 तक के प्रत्येक बच्चे के लिए 4.97 रुपये और उच्च प्राथमिक स्कूल के प्रत्येक बच्चे के लिए 7.45 रुपये परिवर्तन लागत के रूप में मिलते हैं। इससे प्रधानाध्यापक गैस, सब्जी, दाल, तेल, नमक, मसाजा, सब्जी वगैरह का इंतजाम करते हैं। प्रत्येक बच्चे को हर सोमवार एक फल और बुधवार को दूध भी इसी पैसे से दिया जाता है।


परिवर्तन लागत न मिलने से प्रधानाध्यापक या तो उधार लेकर भोजन बनवा रह हैं या फिर अपने वेतन से खर्च कर रहे हैं। अप्रैल में हुए पंचायत चुनाव में जिन गांवों में नये प्रधान चुने गए हैं वहां शिक्षकों को और परेशानी हो रही है क्योंकि प्रधान मदद करने को तैयार नहीं हो रहे। पुराने प्रधान जानते हैं कि लेट-लतीफी से ही सही रुपया आ जाएगा तो वे सहयोग कर रहे हैं। मिड-डे-मील के जिला समन्वयक राजीव त्रिपाठी का कहना है कि शासन से बजट मिलते ही खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।


परिवर्तन लगात बढ़ाने पर भी कोई निर्णय नहीं

केंद्र सरकार हर साल अप्रैल में परिवर्तन लागत का निर्धारण करती है। लेकिन इस बार अब तक नई दरें तय नहीं हो सकी है। एक अप्रैल 2020 के बाद इसका नया मानक नहीं तय किया गया। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि तबसे अब तक महंगाई आसमान छू रही है। ऐसे में महंगाई को देखते हुए परिवर्तन लागत में भी उसी अनुपात में वृद्धि होनी चाहिए।


चार लाख रसोइयों को सात महीने से नहीं मिला मानदेय, 
दशहरा के बाद दीपावली भी फीकी रहने की आशंका

सूबे के चार लाख रसोइयों को भी सात महीने से मानदेय नहीं मिला है। रसोइयों को साल के 12 महीनों में से 10 महीने प्रतिमाह डेढ़ हजार रुपये मिड-डे-मील पकाने के लिए मिलते हैं। मानदेय न मिलने से दशहरा तो सूना बीता ही दीपावली भी फीकी रहने की आशंका है।

Thursday, September 16, 2021

खाद्य सामग्रियों की कीमतों में हुई दोगुनी वृद्धि, लेकिन नहीं बढ़ी मिड-डे मील की कन्वर्जन कास्ट

प्रयागराज : कन्वर्जन कास्ट का निर्धारण नहीं, गुरुजी के छूट रहे पसीने

खाद्य सामग्रियों की कीमतों में हुई दोगुनी वृद्धि, लेकिन नहीं बढ़ी मिड-डे मील की कन्वर्जन कास्ट


प्रयागराज: खाद्य सामग्रियों पर छाई महंगाई का असर विद्यार्थियों की थाली पर भी पड़ा है। ऐसे में प्रधानाचार्य के लिए बच्चों को गुणवत्ता भोजन देना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। डेढ़ साल में दाल सरसों तेल रिफाइंड सब्जी मसाला फल और दूध की कीमत दोगुनी तक बढ़ गई है लेकिन परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की मिड डे मील के लिए आए भी पुरानी दरों से ही भुगतान हो रहा है। शिक्षा विभाग के अफसर स्कूल के निरीक्षण में एमडीएम गुणवत्ता परखने पर खूब जोर देते हैं लेकिन बच्चों के भोजन के लिए मिलने वाली धनराशि अप्रैल 2020 के बाद से नहीं बढ़ाई गई।

यानी आज भी प्राइमरी स्कूल में4.97 रुपए और उच्च प्राथमिक विद्यालय में 7.45 रुपए प्रति बच्चे के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। जबकि महंगाई का आलम यह है कि अरहर की दाल पहले ₹90 प्रति किलोग्राम की दर से मिल रही थी लेकिन अब ₹110 किलो है। सरसों के तेल की कीमत ₹110 से बढ़कर लगभग ₹220 किलो पहुंच गई ‌‌आलू ₹10 की जगह 17 प्रति किलोग्राम है। प्याज 20 की जगह 30 में है टमाटर ₹15 की जगह ₹40 प्रति किलो हो गया है। गैस सिलेंडर की कीमत बढ़कर ₹940 हो गई है हल्दी ₹200 किलो है। ऐसे में सवाल उठता है कि इस महंगाई में प्रधानाचार्य बच्चों को गुणवत्ता भोजन कैसे परोस रहे हैं।

उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिला संयोजक बृजेंद्र सिंह का कहना है कि अप्रैल 2020 में एमडीएम की दर में संशोधन हुआ था। तब से लगातार बढ़ती महंगाई को देखते हुए इसे पुनः रिवाइज किए जाने की जरूरत है। मिड डे मील के जिला समन्वयक राजीव त्रिपाठी का कहना है कि इस साल कन्वर्जन कास्ट अभी निर्धारित नहीं हुआ है। जैसे ही शासन स्तर पर निर्धारण किया जाएगा जिले में भी एमडीएम कन्वर्जन कास्ट की नई दर लागू कर दी जाएगी।



प्रयागराज : कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को मिलने वाले मिड-डे-मील को बनाने में लगने वाली लागत (कन्वर्जन कास्ट) का अब तक निर्धारण न होने से शिक्षक परेशान हैं। केंद्र सरकार हर साल अप्रैल में कन्वर्जन कास्ट या परिवर्तन लागत का निर्धारण कर देती है। लेकिन इस कोरोना काल में अब तक नई दरें तय नहीं हो सकी है।


पिछले एक अप्रैल 2020 से कक्षा 1 से 5 तक के प्रत्येक बच्चे के लिए 4.97 रुपये और उच्च प्राथमिक स्कूल के प्रत्येक बच्चे के लिए 7.45 रुपये परिवर्तन लागत के रूप में मिल रही है। शिक्षकों का कहना है कि महंगाई को देखते हुए कन्वर्जन कास्ट में भी वृद्धि होनी चाहिए। पहले ही मध्यान्ह भोजन मुश्किल हो रहा है।

पहले सरसों के तेल की कीमत 100 रुपये थी, जो आज 180 रुपये प्रति लीटर है। गैस सिलेंडर, दाल, मसाले, सोयाबीन आदि सभी चीजों में बढ़ोत्तरी हुई है।

इस साल की बंदी का रुपया भी खाते में जाएगा: प्रयागराज। 2021-22 में एक अप्रैल से लेकर स्कूल खुलने तक की कन्वर्जन कास्ट भी जल्द बच्चों के खाते में भेजी जाएगी। उच्च प्राथमिक स्कूल 24 अगस्त और प्राथमिक स्कूल एक सितंबर से खुले हैं। इस प्रकार 1 से 5 तक के बच्चों को एक अप्रैल से 31 अगस्त तक और 6 से 8 तक के बच्चों को 23 अगस्त की परिवर्तन लागत की राशि मिलेगी। जिला समन्वयक मिड-डे-मील राजीव त्रिपाठी ने बताया कि नए सत्र में बंदी के समय का राशन देने का आदेश हो गया है।

कन्वर्जन कास्ट की दर प्रत्येक वर्ष मंहगाई के अनुसार संशोधित की जाती है। पिछले वर्ष अप्रैल 2020 में संशोधित हुई थी। तब से मंहगाई को देखते हुए पुन: दरें संशोधित होनी चाहिए। कुछ सामग्रियों के दाम में तो अत्यधिक वृद्धि देखी जा रही है।

-ब्रजेंद्र सिंह, शिक्षक नेता

Wednesday, July 29, 2020

चित्रकूट मण्डल : चार फीसदी पर अटकी राशन और कन्वर्जन कास्ट की योजना, छह लाख में से 24 हजार बालकों को ही मिल पाया लाभ

चित्रकूट मण्डल : चार फीसदी पर अटकी राशन और कन्वर्जन कास्ट की योजना, छह लाख में से 24 हजार बालकों को ही मिल पाया लाभ।

बांदा : लॉकडाउन के दौरान बंद परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को घर बैठे राशन व पैसा देने की योजना चित्रकूट धाम मंडल में परवान नहीं चढ़ पाई। महज चार फीसदी बच्चों को ही योजना का लाभ मिला है। चारों जनपदों में छह लाख बच्चों में सिर्फ 24 हजार बच्चों को ही पैसा और राशन मिला है। अधिकारी बजट का अभाव बता रहे हैं।




प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के दौरान 24 मार्च से 26 जून तक बंद रहे परिषदीय स्कूलों के पहली कक्षा से 8वीं तक के बच्चों को सर्व शिक्षा अभियान के तहत 76 दिन के मिड-डे मील का राशन और कन्वर्जन कास्ट का पैसा देने के निर्देश दिए थे। चित्रकूट धाम मंडल के चारों जनपदों में 9,684 विद्यालय हैं। इनमें 6,03,880 बच्चे पंजीकृत हैं। स्कूल बंद रहने के दौरान मिड-डे मील के राशन और कन्वर्जन कास्ट का लाभ सिर्फ 24,603 बच्चों को मिल पाया है। यह मात्र चार फीसदी है। 5,79,277 बच्चे राशन व पैसा पाने से वंचित हैं। परिषदीय व प्राइमरी स्कूल के प्रत्येक बच्चे को 76 दिन का राशन कुल 7 किलो 600 ग्राम और कन्वर्जन कास्ट प्रति बालक 4.14 रुपये की दर से तथा जूनियर में 11 किलो 400 ग्राम राशन और कन्वर्जन कास्ट प्रति बालक 5.66 रुपये की दर से दी जानी है। राशन कोटे की दुकान से मिलेगा। कन्वर्जन कास्ट का पैसा खाते में भेजा जाएगा।

लॉकडाउन में स्कूलों के बंद रहने की अवधि के मिड-डे मील के लिए शासन ने फिलहाल कुल 40 फीसदी बजट दिया है। यह खर्च किया जा चुका है। शेष बजट के लिए शासन को पत्र भेजकर अनुरोध किया गया है।

गंगा सिंह राजपूत, अपर निदेशक (बेसिक शिक्षा) चित्रकूट धाम मंडल, बांदा




Sunday, May 17, 2020

फतेहपुर : एमडीएम का राशन व कन्वर्जन कास्ट पहुंचेगी बच्चों के पास : बेसिक शिक्षा मंत्री

फतेहपुर : एमडीएम का राशन व कन्वर्जन कास्ट पहुंचेगी बच्चों के पास : बेसिक शिक्षा मंत्री।


एमडीएम का राशन और कन्वर्जन कास्ट पहुंचे बच्चों के पास

फतेहपुर : कोविड-19 को लेकर शिक्षण संस्थानों में तालाबंदी का एलान कर दिया गया था। इसके चलते स्कूलों में छुट्टी चल रही| है मौजूदा समय में तमाम स्कूल क्वारंटाइन सेंटर बने हुए हैं। ऐसी दशा में बच्चों का स्कूल आना 55 दिनों से बंद है। शासन ने निर्णय लिया है कि स्कूल बंदी की अवधि में बच्चों को उनका हक दिया जाएगा। जिले के 2750 परिषदीय, 72 शक्ति, 45 राजकीय स्कूल, 6 मदरसों में मध्याह्न भोजन योजना चल ही है। योजना | में 2 लाख 65 हजार 456 बच्चे पंजीकृत हैं। शिक्षण संस्थानों में तालाबंदी के चलते भोजन बंद चल रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा है कि तालाबंदी अवधि का राशन और कन्वर्जन कास्ट बच्चों तक पहुंचाई जाएगी। इस आदेश से जिले के शिक्षण संस्थानों में कक्षा 8 तक अध्ययनरत बालक-बालिकाओं को इस लाभ से लाभान्वित किया जाना है। स्थानीय स्तर पर वितरण का खाका बनाया जा रहा है। प्रति विद्यालय पंजीकृत छात्रों की संख्या का डाटा प्रधानाध्यापक वर्क फ्रामहोम से तैयार करने में जुटे हुए हैं। बीएसएफ शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वितरण की गाइड | लाइन का इंतजार किया जा रहा है।


............



फतेहपुर : अभिभावकों के खातों में जाएगी अप्रैल मई की एमडीएम की कनवर्जन कास्ट, विद्यालयों में ऑनलाइन पंजीकरण का बनेगा खाका, निर्देश जारी।



फतेहपुर : अभिभावकों के खातों में जाएगी अप्रैल मई की एमडीएम की कनवर्जन कास्ट, विद्यालयों में ऑनलाइन पंजीकरण का बनेगा खाका,  निर्देश जारी

' रसोइयों को मिलेगा 10 माह का ही मानदेय

' विद्यालयों में आनलाइन पंजीकरण का बनेगा खाका


ऑनलाइन पंजीकरण पर दें जोर

बीएसए ने सभी एबीएसए को निर्देश दिया है कि लॉक डाउन के कारण बंद चल रहे विद्यालयों को लेकर सभी प्रधानाध्यापक अपने विद्यालयों में आन लाइन प्रवेश फॉर्म विकसित कर ले और लिंक के माध्यम से बच्चों के नामांकन कराएं। सभी विद्यालयों में रंगाई पुताई, लिखाई और जिन स्कूलों में ब्लैक बोर्ड न हो अथवा क्षतिग्रस्त हो, वह सभी 20 मई तक पूरा कराने के लिए कहा गया है।


फतेहपुर : कोरोना वायरस को लेकर बंद चल रहे परिषदीय विद्यालयों में अप्रैल और मई माह में मध्यान्ह भोजन के लिए विभाग खाद्यान्न उपलब्ध कराएगा और उसकी कनवर्जन कास्ट अभिभावकों के खातों में भेजी जाएगी। बीएसए ने कई बिंदुओं पर सभी खंड शिक्षाधिकारियों एवं समन्वयकों को दिशा निर्देश जारी किया है।


समाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए बीएसए शिवेन्द्र प्रताप सिंह ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंन बताया कि सभी रसोइयों को केवल 10 माह का मानदेय ही दिया जाएगा। अप्रैल और मई में मिड डे मील का खाद्यान्न छात्रों के विभाग से दिया जाएगा। कंवर्जन कॉस्ट अभिभावको के खातों में भेजी जाएगी। सभी प्रधानाध्यापक/इंचार्ज अभिभावकों के बैंक खाते समेत अन्य जानकारियां लेकर सूची बनाई जाएगी। आपरेशन कायाकल्प में 18 बिन्दुओं पर जो कार्य शेष हैं उनकी विद्यालयवार फाइनल सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा नि:शुल्क ड्रेस वितरण की तैयारी पूरी की जाए।

ऑनलाइन प्रशिक्षण में करें प्रतिभाग: बीएसए ने बताया कि दीक्षा एप के माध्यम से मिशन प्रेरणा ई-पाठशाला में सभी शिक्षकों का आनलाइन प्रशिक्षण चल रहा है, उसमें सभी शिक्षक अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करें। इसमें कोई भी शिक्षक लापरवाही न करें।




 व्हाट्सप के जरिये जुड़ने के लिए क्लिक करें।