DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Wednesday, October 29, 2025

शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को कमेटी की रिपोर्ट पर शीघ्र निर्णय लें सरकार : हाईकोर्ट

शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को कमेटी की रिपोर्ट पर शीघ्र निर्णय लें सरकार : हाईकोर्ट

राज्य सरकार को फिर से दिया निर्देश अवमानना याचिका खारिज

प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को एक बार फिर से शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के बारे में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट कहा है कि सरकार पूर्व निर्देश अनुपालन में मानदेय बढ़ाने के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट पर शीघ्र निर्णय ले। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने वाराणसी निवासी विवेकानंद की अवमानना अर्जी खारिज करते हुए दिया है।

 शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर पूर्व में याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट ने 12 जनवरी 2024 को राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर उच्चस्तरीय समिति गठित करने का आदेश दिया था। इस समिति ने शिक्षामित्रों के सम्मानजनक मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रिपोर्ट प्रस्तुत है। रिपोर्ट पर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो अवमानना याचिका दाखिल की गई।

याची के अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी का कहना था कि शिक्षामित्रों को सम्मानजनक मानदेय नहीं मिल पा रहा है। उन्हें कम से कम न्यूनतम वेतन के बराबर मानदेय दिया जाए। कोर्ट 18 सितंबर 2025 को सुनवाई के दौरान अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा सहित अन्य अधिकारियों से अनुपालन हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था। 

सोमवार को सुनवाई के दौरान अपर मुख्य सचिव ने अनुपालन हलफनामा दाखिल किया। इसमें कहा गया कि समिति ने 21 अक्तूबर की बैठक में सम्मानजनक मानदेय बढ़ाने के मुद्दे पर विचार किया है, चूंकि यह मामला समिति के दायरे से बाहर है और इसके लिए कैबिनेट की स्वीकृति आवश्यक है, इसलिए समिति ने अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी है। कोर्ट ने समिति की रिपोर्ट और हलफनामे पर विचार के बाद कहा, अवमानना याचिका लंबित रखने का औचित्य नहीं है।




शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि के मामले में दाखिल अवमानना याचिका खारिज

शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ोतरी पर सरकार उचित कार्रवाई करेः हाईकोर्ट


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि के मामले में दाखिल अवमानना याचिका खारिज कर दी। हालांकि, कोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह न्यायालय के निर्देश पर गठित समिति की शिक्षामित्रों के सम्मानजनक मानदेय बढ़ाने की सिफारिशों पर उचित कार्रवाई सुनिश्चित करे। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकलपीठ ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना अर्जी पर दिया है।

शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर पूर्व में एक याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट ने 12 जनवरी 2024 को प्रदेश सरकार को चार सप्ताह के भीतर एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने का आदेश दिया था। इस समिति ने शिक्षामित्रों के सम्मानजनक मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रिपोर्ट प्रस्तुत की। हालांकि, कोर्ट के सम्मानजनक मानदेय बढ़ाने के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर वर्तमान अवमानना अर्जी दाखिल की गई।

याची अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने दलील दी कि शिक्षामित्रों को सम्मानजनक मानदेय नहीं मिल पा रहा है। उन्हें कम से कम न्यूनतम वेतन के बराबर मानदेय दिया जाए। 18 सितंबर 2025 को कोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश सहित अन्य अधिकारियों से अनुपालन का हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था। 

सोमवार को सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अनुपालन हलफनामा दाखिल किया। इसमें कहा गया कि समिति ने 21 अक्तूबर 2025 को बैठक में सम्मानजनक मानदेय बढ़ाने के मुद्दे पर विचार किया। इस दौरान निर्णय लिया कि यह मामला समिति के दायरे से बाहर है। इसके लिए मंत्रिमंडल की स्वीकृति आवश्यक है। समिति ने अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंप दी है।

कोर्ट ने समिति की रिपोर्ट और हलफनामे पर विचार करने के बाद अवमानना अर्जी खारिज कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देशित किया कि वह शिक्षामित्र के मानदेय को बढ़ाने को लेकर समिति की सिफारिश पर उचित कार्रवाई सुनिश्चित करे। 





अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा आदेश का पालन करें या हाजिर हों,  हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने के मामले में अवमानना पर दिया आदेश 

19 सितंबर 2025
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार को निर्देश दिया कि वह शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के मामले में का पालन करते हुए अनुपालन हलफनामा दाखिल करें या 27 अक्तूबर को हाजिर हों। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना अर्जी पर दिया।

हाईकोर्ट में 18 सितंबर 2025 को सुनवाई में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा, शिक्षा निदेशक (बेसिक) प्रताप सिंह बघेल और सचिव यूपी बेसिक शिक्षा बोर्ड सुरेंद्र कुमार तिवारी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित थे। इनके हलफनामों को कोर्ट ने रिकॉर्ड में ले लिया। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सुनवाई के दौरान अनुपस्थित थे लेकिन सचिव  19 सितंबर तक पूरी उन्होंने छूट के आवेदन के साथ अपना हलफनामा प्रस्तुत किया। इस पर कोर्ट ने बृहस्पतिवार लिए व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी।

सरकारी वकील ने कोर्ट से रिट कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए चार सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा। वहीं, याची ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई और कहा कि पिछली बार भी समय मांगा गया था लेकिन आदेश का पालन नहीं किया गया।

कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार को अगली सुनवाई की तारीख 27 अक्तूबर 2025 पर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। इस हलफनामे में रिट कोर्ट के आदेश का पूर्ण अनुपालन दिखाया जाना चाहिए। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि वह ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उन पर आरोप तय करने के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित रहना होगा। वहीं, अन्य अधिकारियों को अगले आदेश तक व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी गई है।




शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने पर विचार करें या हाईकोर्ट आएं, बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को हाईकोर्ट की हिदायत

सम्मानजनक मानदेय का दिया गया था आदेश पर नहीं हुई कोई कार्यवाही

हाईकोर्ट में बताया गया कि 2023 में जितेंद्र कुमार भारती सहित 10 अन्य ने शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने इस मांग को मानने से इन्कार कर दिया था हालांकि कोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय को न्यूनतम मानते हुए राज्य को समिति का गठन कर एक सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने का निर्देश दिया था। अब तक समिति का गठन व मानदेय बढ़ाए जाने पर सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं लिए जाने पर वाराणसी के विवेकानंद ने अवमानना याचिका दाखिल की है।


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग को शिक्षामित्रों शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के लिए कमेटी गठित कर निर्णय लेने के आदेश का पूरी तरह से पालन करने या विभाग के संबंधित चार अफसरों को 11 सितंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर अधिवक्ता सत्येन्द्र चंद्र त्रिपाठी को सुनकर दिया है।


कोर्ट ने महानिदेशक स्कूली शिक्षा/प्रोजेक्ट डायरेक्टर समग्र शिक्षा कंचनवर्मा, डायरेक्टर बेसिकशिक्षाप्रताप सिंह बघेल, सचिव बेसिक शिक्षा बोर्ड सुरेन्द्र कुमार तिवारी व अपर मुख्यसचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार को आदेश के अनुपालन हलफनामा दाखिल करने या सुनवाई की अगली तारीख पर अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है। है। एडवोकेट सत्येन्द्र का कहना है कि हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर विचार कर निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार को कमेटी गठित कर तीन माह का समय दिया था।


इस आदेश की विभागीय अधिकारियों को जानकारी दी गई लेकिन अब तक आदेश का पालन नहीं किया गया है। इस पर यह अवमानना याचिका की गई है। इससे पहले कोर्टने विपक्षियों से जानकारी मांगी थी। हलफनामा दाखिल कर एक माह का अतिरिक्त समय मांगा गया। इस पर कोर्ट ने आदेश का पालन कर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है और कहा है कि यदि पालन नहीं किया तो सभी चारों अधिकारी न्यायालय में हाजिर हों।


No comments:
Write comments