शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने पर विचार करें या हाईकोर्ट आएं, बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को हाईकोर्ट की हिदायत
सम्मानजनक मानदेय का दिया गया था आदेश पर नहीं हुई कोई कार्यवाही
हाईकोर्ट में बताया गया कि 2023 में जितेंद्र कुमार भारती सहित 10 अन्य ने शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने इस मांग को मानने से इन्कार कर दिया था हालांकि कोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय को न्यूनतम मानते हुए राज्य को समिति का गठन कर एक सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने का निर्देश दिया था। अब तक समिति का गठन व मानदेय बढ़ाए जाने पर सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं लिए जाने पर वाराणसी के विवेकानंद ने अवमानना याचिका दाखिल की है।
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग को शिक्षामित्रों शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के लिए कमेटी गठित कर निर्णय लेने के आदेश का पूरी तरह से पालन करने या विभाग के संबंधित चार अफसरों को 11 सितंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर अधिवक्ता सत्येन्द्र चंद्र त्रिपाठी को सुनकर दिया है।
कोर्ट ने महानिदेशक स्कूली शिक्षा/प्रोजेक्ट डायरेक्टर समग्र शिक्षा कंचनवर्मा, डायरेक्टर बेसिकशिक्षाप्रताप सिंह बघेल, सचिव बेसिक शिक्षा बोर्ड सुरेन्द्र कुमार तिवारी व अपर मुख्यसचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार को आदेश के अनुपालन हलफनामा दाखिल करने या सुनवाई की अगली तारीख पर अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है। है। एडवोकेट सत्येन्द्र का कहना है कि हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर विचार कर निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार को कमेटी गठित कर तीन माह का समय दिया था।
इस आदेश की विभागीय अधिकारियों को जानकारी दी गई लेकिन अब तक आदेश का पालन नहीं किया गया है। इस पर यह अवमानना याचिका की गई है। इससे पहले कोर्टने विपक्षियों से जानकारी मांगी थी। हलफनामा दाखिल कर एक माह का अतिरिक्त समय मांगा गया। इस पर कोर्ट ने आदेश का पालन कर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है और कहा है कि यदि पालन नहीं किया तो सभी चारों अधिकारी न्यायालय में हाजिर हों।
No comments:
Write comments