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Wednesday, August 13, 2025

बेसिक स्कूलों में 50 छात्रों पर दो शिक्षक व एक शिक्षामित्र होंगे तैनात

बेसिक स्कूलों में 50 छात्रों पर दो शिक्षक व एक शिक्षामित्र होंगे तैनात

विधान सभा प्रश्नकाल में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह बोले, छात्र-शिक्षक अनुपात और बेहतर बनाया जाएगा

कहा- विपक्ष ने विलय व्यवस्था का राजनीतिकरण कर आमजन को किया है गुमराह


लखनऊ । बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने मंगलवार को विधान सभा में एक प्रश्न के जवाब में बताया कि विलय के बाद विद्यालयों में 50 छात्रों पर दो शिक्षक और एक शिक्षामित्र की तैनाती की जाएगी। छात्र-शिक्षक अनुपात को सुधारने और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए ऐसा किया जाएगा। स्कूलों में बच्चों के प्रवेश की आयु चार वर्ष करना संभव नहीं, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रविधान इसकी अनुमति नहीं देते हैं। तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी में पढ़ाई व पोषण की व्यवस्था पहले से है। वर्तमान में प्राथमिक विद्यालयों में 1.05 करोड़ बच्चे नामांकित हैं। इनमें 3,38,590 शिक्षक और 1,43,450 शिक्षामित्र तैनात हैं।


सपा के पंकज पटेल, अनिल प्रधान व प्रभु नारायण सिंह के प्रश्न पर संदीप ने कहा कि विपक्ष ने स्कूलों की विलय व्यवस्था का पूरी तरह राजनीतिकरण कर आमजन को गुमराह किया है। सच्चाई यह है कि सरकार ने शिक्षा के स्तर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए ऐतिहासिक कार्य किए हैं। वर्तमान में परिषदीय विद्यालयों में कुल नामांकित छात्रों की संख्या लगभग 1.48 करोड़ से अधिक है। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की कुल संख्या 6.28 लाख से अधिक है। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 43,01,483 बच्चों को पढ़ाने के लिए 1,20,860 शिक्षक और 25,223 अनुदेशक हैं।

प्राथमिक शिक्षा में छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 और उच्च प्राथमिक शिक्षा में 35:1 का अनुपात है। यह पूरी तरह संतुलित है और इसे बनाए रखने की कार्रवाई जारी रहेगी। स्कूल बंद करने के आरोपों को खारिज करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ने एक भी विद्यालय बंद करने का निर्णय नहीं किया है।

सभी परिषदीय विद्यालय बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित हो रहे हैं। स्कूलों के विलय पर मंत्री ने बताया कि एक किलोमीटर के दायरे और 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों की ही पेयरिंग की गई है। इन स्कूलों को संसाधनयुक्त विद्यालयों में समाहित किया गया है, ताकि बच्चों को बेहतर सुविधा और निकटतम स्कूल की पहुंच मिले। 

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