DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Monday, August 25, 2025

तीन महीने विलंबित हो गया 2025-26 सत्र का दाखिला, कानूनी अड़चन के कारण फंसा डीएलएड का प्रवेश


तीन महीने विलंबित हो गया 2025-26 सत्र का दाखिला, कानूनी अड़चन के कारण फंसा डीएलएड का प्रवेश

12वीं पास के प्रवेश को लेकर बना है विवाद, डायट व निजी कॉलेजों में 2,33,350 सीटें हैं


प्रयागराज । प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) या पूर्व में बीटीसी प्रशिक्षण के 2025-26 शैक्षणिक सत्र का प्रवेश कानूनी अड़चनों के कारण फंस गया है। पिछले साल हाईकोर्ट ने डीएलएड प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रवेश की अर्हता इंटरमीडिएट की जगह स्नातक करने संबंधी राज्य सरकार के शासनादेश को रद कर दिया था। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना के मुताबिक 12 वीं के बाद डीएलएड का प्रशिक्षण होना चाहिए हालांकि उत्तर प्रदेश में स्नातक पास अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाता था।

चूंकि पिछले साल हाईकोर्ट का आदेश आने से पहले ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी तो याचिका करनेवाले अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग में शामिल होने का मौका देते हुए प्रवेश पूरे कर लिए गए थे लेकिन यह मामला अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है और यही कारण है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से प्रवेश के लिए प्रस्ताव शासन को नहीं भेजा जा रहा है। हाईकोर्ट से कोई निर्णय होने के बाद ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी।

 डीएलएड में प्रवेश के लिए हर साल आमतौर पर ऑनलाइन आवेदन मई या जून में शुरू हो जाते हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो प्रवेश प्रक्रिया पहले ही तीन महीने पिछड़ चुकी है। प्रदेश के 67 डायट की 10600 व 2974 निजी कॉलेजों की 2,22,750 कुल 2,33,350 सीटें हैं।

काउंसिलिंग में शामिल नहीं हुए थे याचिकाकर्ता
12वीं के बाद डीएलएड में प्रवेश के लिए याचिका करने वाले यशांक खंडेलवाल और नौ अन्य अभ्यर्थी में से कोई भी प्रवेश के लिए काउंसिलिंग में शामिल नहीं हुआ था। पिछले साल परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने इन याचिकाकर्ताओं को पत्र भेजकर काउंसिलिंग में शामिल होने को कहा था लेकिन कोई नहीं आया था।




डीएलएड प्रवेश प्रक्रिया फंसी, अर्हता पर निर्णय नहीं

 लखनऊ। निजी कॉलेजों में चलाए जाने वाले डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) कोर्स में नए सत्र में अब तक प्रवेश प्रक्रिया नहीं शुरू हो पाई है। इसका कारण प्रवेश के लिए अर्हता पर निर्णय न होना बताया जा रहा है। इससे युवाओं में ऊहापोह की स्थिति है।


 डीएलएड में स्नातक पास छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इसकी अर्हता इंटरमीडिएट तय की थी। इसके बाद कुछ अभ्यर्थी न्यायालय चले गए। फिलहाल अर्हता को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। प्रदेश में 2400 कॉलेजों में 2.34 लाख सीटें हैं। 


निजी कॉलेजों का कहना है कि नए सत्र के चार महीने बीत गए हैं, अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं की गई। प्रवेश को लेकर भी निर्देश नहीं जारी किए गए। सरकार चाहे तो स्नातक पास को ही प्रवेश देने की पुरानी व्यवस्था लागू कर सकती है। इस पर जल्द निर्णय लिया जाए नहीं तो प्रवेश के लिए अभ्यर्थी नहीं मिलेंगे। 

No comments:
Write comments