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Sunday, December 1, 2024

यूपी बोर्ड प्रश्नपत्रों की नए सिरे से बनेगी रूपरेखा, 15 दिसंबर से पहले दो दिवसीय कार्यशाला में होगा मंथन, 2026 की यूपी बोर्ड परीक्षा से लागू हो सकता है नया प्रारूप

यूपी बोर्ड प्रश्नपत्रों की नए सिरे से बनेगी रूपरेखा, 15 दिसंबर से पहले दो दिवसीय कार्यशाला में होगा मंथन, 2026 की यूपी बोर्ड परीक्षा से लागू हो सकता है नया प्रारूप

■ कक्षा नौ से 12 तक के प्रश्नपत्रों के प्रारूप पर विचार

■ हाई ऑर्डर थिंकिंग स्किल पर होगा गंभीर मंथन


प्रयागराज । यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के प्रश्नपत्रों की रूपरेखा नए सिरे से तय की जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के परिप्रेक्ष्य में कक्षा नौ से 12 तक की परीक्षाओं के प्रश्नपत्र का प्रारूप फिर से निर्धारित करने के लिए बोर्ड 15 दिसंबर से पहले दो दिनी कार्यशाला आयोजित करने जा रहा है।


प्रश्नपत्रों में हाई ऑर्डर थिंकिंग स्किल (हॉट्स) समेत अन्य प्रकार के प्रश्नों को कितने अनुपात में शामिल करना है और प्रश्नपत्र में सरल, सामान्य और कठिन प्रश्नों की संख्या कितनी होनी चाहिए आदि बिन्दुओं पर विशेषज्ञ मंथन करेंगे।


वैचारिक समझ बढ़ेगीः प्रश्नपत्रों में बदलाव का मकसद छात्र-छात्राओं में रटने और परीक्षा के लिए सीखने की बजाए वैचारिक समझ बढ़ाने पर जोर होगा। नया प्रारूप तैयार करने के बाद शासन को भेजा जाएगा जिसकी मंजूरी मिलने के बाद 2026 की परीक्षा से लागू हो सकता है। सचिव भगवती सिंह के अनुसार प्रश्नपत्रों के प्रारूप पर कार्यशाला से यूपी बोर्ड के विषय विशेषज्ञों की समझ भी बेहतर होगी।


क्षमताओं और योग्यताओं का करेंगे परीक्षण

बोर्ड परीक्षा और प्रवेश परीक्षा सहित माध्यमिक विद्यालय परीक्षाओं की वर्तमान प्रकृति और आज की कोचिंग संस्कृति विशेष रूप से माध्यमिक विद्यालय स्तर पर बहुत नुकसान पहुंचा रही है। इससे वास्तव में सीखने की बजाए विद्यार्थी अपना मूल्यवान समय परीक्षा, कोचिंग और तैयारी में दे रहा है। ये परीक्षाएं छात्रों को एक ही स्ट्रीम में बहुत ही सीमित सामग्री सीखने के लिए मजबूर करती हैं। बोर्ड परीक्षाओं को इस तरह बनाया जाएगा कि वे महीनों की कोचिंग और याद करने की बजाय मुख्य रूप से विद्यार्थियों की मूल क्षमताओं और योग्यताओं का परीक्षण कर सकें।

Wednesday, November 6, 2024

यूपी बोर्ड में 30 अंक का होगा आंतरिक मूल्यांकन, पाठ्यक्रम में बदलाव और आंतरिक मूल्यांकन के लिये दो दिवसीय कार्यशाला सीमैट में शुरू

यूपी बोर्ड में 30 अंक का होगा आंतरिक मूल्यांकन, पाठ्यक्रम में बदलाव और आंतरिक मूल्यांकन के लिये दो दिवसीय कार्यशाला सीमैट में शुरू



प्रयागराज। नई शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में बदलाव और आंतरिक मूल्यांकन के लिए मंगलवार से दो दिवसीय कार्यशाला सीमैट में शुरू हो गई। पहले दिन आंतरिक मूल्यांकन और क्रेडिट फ्रेमवर्क पर चर्चा हुई। इस दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि परीक्षा ऐसी हो कि बच्चे का समग्र मूल्यांकन हो। खासकर आंतरिक परीक्षा के मूल्यांकन पर लंबी चर्चा हुई।


केंद्र सरकार से नई शिक्षा नीति जारी कर दी गई लेकिन अब तक किसी राज्य ने उसे लागू नहीं किया है। हर राज्य में इसे लागू करने को मंथन चल रहा है। यूपी बोर्ड में उस नीति के अनुसार पाठ्यक्रम निर्धारण पर एक कार्यशाला पूर्व में हो चुकी है। दूसरी कार्यशाला अब शुरू हुई है।


 इस कार्यशाला में सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली और पूर्व परीक्षा नियंत्रक पवनेश कुमार शामिल हुए। पिछली कार्यशाला पाठ्यक्रम पर फोकस थी। इसमें मूल्यांकन पर जोर दिया गया। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बोर्ड परीक्षा 70 अंकों की होगी और 30 अंकों का आंतरिक मूल्यांकन होगा। 30 अंकों की परीक्षा तीन बार में कराने की व्यवस्था थी लेकिन विशेषज्ञ इस पर सहमत नहीं।


विशेषज्ञों ने कहा कि यह परीक्षा 15-15 की अंकों की दो बार में कराई जाए। इसके लिए एक मानक निर्धारित किया जाए और उसी के अनुसार यूपी बोर्ड के सभी विद्यालयों में मूल्यांकन हो। इस मूल्यांकन में पूरा पाठ्यक्रम समाहित होना चाहिए। अध्याय वार अंक भी तय होने चाहिए। 


क्रेडिट व्यवस्था लागू करने की तैयारी

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत अब प्रत्येक कक्षा में क्रेडिट दिया जाएगा। क्रेडिट व्यवस्था कक्षा एक से ही लागू होगी लेकिन अब तक यह शुरू नहीं हुई है। यूपी बोर्ड में 10 विषय पढ़ाने जाने की तैयारी है लेकिन उसके अनुसार संसाधन उपलब्ध होने में समय लग सकता है। इसलिए वर्तमान में पढ़ाए जा रहे छह विषयों के अनुसार ही क्रेडिट व्यवस्था शुरू करने की तैयारी है। इसका फायदा बच्चे को अगली कक्षा में प्रवेश के लिए मिलेगा। यह भी मूल्यांकन की एक प्रणाली है।

Wednesday, October 23, 2024

वाराणसी में राज्य स्तरीय शिक्षक कार्यशाला का आयोजन

वाराणसी में राज्य स्तरीय शिक्षक कार्यशाला का आयोजन


वाराणसी, 22 अक्टूबर 2024: बेसिक शिक्षा विभाग वाराणसी और एडुस्टफ उत्तर प्रदेश समूह के सहयोग से आगामी 27 अक्टूबर 2024 को एक महत्वपूर्ण राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी। यह कार्यशाला निपुण भारत मिशन के अंतर्गत शिक्षकों के नवाचारी प्रयासों पर केंद्रित होगी और इसका आयोजन सनबीम वरुणा स्कूल में किया जा रहा है। 

कार्यशाला में शिक्षकों को अपने अनुभव साझा करने और नए शैक्षिक नवाचारों पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा। विभिन्न जिलों से चयनित शिक्षकों की सूची जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा संबंधित जिलों को भेज दी गई है, और उनसे प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।

कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण तकनीकों से अवगत कराना और निपुण भारत मिशन के उद्देश्यों को मजबूत करना है।  कार्यशाला का आयोजन 27 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजे से शुरू होगा, जिसमें विभिन्न जिलों के शिक्षक सम्मिलित होंगे। 

Thursday, August 15, 2024

यूपी बोर्ड : हाईस्कूल में दस और इंटर में सात विषय की करनी होगी पढ़ाई, बदलेगा मूल्यांकन का तरीका


यूपी बोर्ड : हाईस्कूल में दस और इंटर में सात विषय की करनी होगी पढ़ाई, बदलेगा मूल्यांकन का तरीका


यूपी बोर्ड : इंटर में सात विषय की करनी होगी पढ़ाई

प्रयागराज : यूपी बोर्ड कक्षा 9 से 12 तक एनईपी 2020 और एनसीएफ 2023 को लागू करने के लिए चरणबद्ध बदलाव करेगा। कक्षा 9 और 10 में 6 की बजाय 10 विषय, और कक्षा 11 और 12 में 5 की बजाय 7 विषय होंगे। 


प्रयागराज। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) 2023 लागू करने के लिए यूपी बोर्ड में कक्षा नौ से 12 तक चरणबद्ध तरीके से बदलाव होगा। पहले कक्षा नौ और दस में छह की बजाय दस विषय लागू होंगे। उसके बाद कक्षा 11 और 12 में पांच की बजाय सात विषय का पैटर्न लागू होगा। समूह एक में विद्यार्थियों के लिए दो भाषाएं पढ़ना अनिवार्य होगा। 


समूह दो के तहत कला शिक्षा, शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा व व्यावसायिक शिक्षा, समूह तीन सामाजिक विज्ञान और मानविकी व अंतरविषयक क्षेत्र जबकि समूह चार विज्ञान, गणित और कंप्यूटेशनल सोच में से किन्हीं दो समूहों में से चार और एक वैकल्पिक कुल सात विषय का अध्ययन करना होगा। पाठ्यक्रम, परीक्षा और मूल्यांकन में बदलाव पर चर्चा के लिए यूपी बोर्ड की ओर से सीमैट सभागार में आयोजित दो दिनी कार्यशाला का समापन बुधवार को हुआ। 

समापन अवसर पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली और सीबीएसई के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पवनेश कुमार ने विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने आभार ज्ञापित किया।



UP Board : यूपी बोर्ड में अगले सत्र से 10 विषय पढ़ाने की तैयारी, पाठ्यक्रम बनाने को लेकर मंथन

नई शिक्षा नीति चार वर्ष पहले घोषित की गई थी, अब उस पर अमल करने की तैयारी है। नई शिक्षा नीति के क्रम में जारी नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ)-2023 के अंतर्गत हाईस्कूल में 10 विषय पढ़ाए जाने हैं। इसमें तीन विषय भाषा के होंगे। इसके अलावा सात विषयों में गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंतर्विषयक क्षेत्र, शारीरिक शिक्षा, कला शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा के होंगे।

नई शिक्षा नीति के अनुसार यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम और प्रश्नपत्र के स्वरूप में काफी कुछ बदलाव की तैयारी है। इसके लिए मंगलवार से दो दिवसीय मंथन शुरू हुआ। इसमें सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली और पूर्व परीक्षा नियंत्रक पवनेश कुमार ने बदलाव के संबंध में बोर्ड के अधिकारियों को कई सुझाव दिए।

नई शिक्षा नीति चार वर्ष पहले घोषित की गई थी, अब उस पर अमल करने की तैयारी है। नई शिक्षा नीति के क्रम में जारी नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ)-2023 के अंतर्गत हाईस्कूल में 10 विषय पढ़ाए जाने हैं। इसमें तीन विषय भाषा के होंगे। इसके अलावा सात विषयों में गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंतर्विषयक क्षेत्र, शारीरिक शिक्षा, कला शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा के होंगे।

इन विषयों का पाठ्यक्रम और प्रश्नपत्र का स्वरूप तैयार करने के लिए सीमैट में दो दिवसीय कार्यशाला हुई। इसमें अशोक गांगुली ने कहा कि हाईस्कूल स्तर के विद्यार्थियों पर अतिरिक्त दबाव न पड़े, इसके लिए जरूरी है कि पाठ्यक्रम संक्षिप्त किया जाए।

हाईस्कूल स्तर पर प्रत्येक विषय के पाठ्यक्रम में केवल आधारभूत जानकारी शामिल की जाए। अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी का ले सकते हैं। अन्य विषय में बोर्ड बदलाव करे।

वहीं, पवनेश कुमार कहा कि हमारी मूल्यांकन प्रक्रिया पर सवाल उठते रहे हैं। वर्षभर पढ़ाई की और तीन घंटे में पांच प्रश्न हल करवाकर बच्चे का हम मूल्यांकन करते हैं, यह उचित नहीं है। जो कुछ पढ़ाया है, उन सबमें से प्रश्न पूछे जाए। हर अध्याय से प्रश्न रहने पर ही सही मूल्यांकन हो सकेगा।

उन्होंने प्रश्नपत्र निर्माण की विधि बताई। यूपी बोर्ड के अफसरों ने कई प्रश्न भी पूछे। कार्यशाला में यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह, अपर सचिव एसके सिंह, अपर सचिव प्रशासन सरदार सिंह और उप सचिव देवव्रत सिंह थे।

बदलेगा मूल्यांकन का तरीका
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 100 अंक के प्रश्नपत्र में 80 अंक की लिखित परीक्षा और 20 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा। तीन भाषाओं और गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व अंतर्विषयक क्षेत्र के प्रश्नों की सार्वजनिक परीक्षा होगी। जबकि शारीरिक शिक्षा, कला और व्यावसायिक शिक्षा का मूल्यांकन वाह्यपरीक्षक करेंगे। इन तीनों विषयों में लिखित परीक्षा 30 अंकों की और आंतरिक मूल्यांकन 70 अंक का होगा।



हाईस्कूल में 10 विषय की कार्ययोजना पर कई बदलाव के सुझाव, NEP के तहत यूपी बोर्ड की तैयारी पर कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कराए कई बदलाव


• सीमैट में आज इंटर के पाठ्यक्रम और परीक्षा को लेकर बोर्ड अधिकारी करेंगे मंथन


राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के तहत यूपी बोर्ड के हाईस्कूल यानी कक्षा नौ व 10 में 10 विषय की परीक्षा, पाठ्यक्रम व मूल्यांकन को लेकर मंगलवार को कार्यशाला  आयोजित की गई। राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में पहले दिन विशेषज्ञों ने यूपी बोर्ड के अधिकारियों को कार्ययोजना में कई बदलाव करने के सुझाव दिए। व्यावसायिक पाठ्यक्रम को अपडेट करने की जरूरत बताई। बुधवार को इसे अपडेट करके फिर विशेषज्ञों के समक्ष रखा जाएगा। उसके तुरंत बाद इंटरमीडिएट यानी कक्षा 11 एवं कक्षा 12 के संबंध में चर्चा की जाएगी।

कार्यशाला के विशेषज्ञ सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली और सीबीएसई के सेवानिवृत्त परीक्षा नियंत्रक एवं यूपी बोर्ड के पूर्व सचिव पवनेश कुमार ने यूपी बोर्ड की तैयारियों के देखा। बताया कि इस बात का ध्यान रखना होगा कि छह विषय पढ़ रहे विद्यार्थियों को 10 विषय पढ़ने में कठिनाई महसूस न हो। इसके लिए पाठ्यक्रम के कंटेंट को छोटा करना होगा, जिससे सिलेबस छोटा रहे। 

अंतर विषयक क्षेत्र के विषयों में गृहविज्ञान, एनसीसी सहित अन्य विषयों को अलग-अलग न कर सभी से कंटेंट जुटाकर एक विषय के रूप में किया जाना चाहिए। व्यावसायिक पाठ्यक्रम इसके अलावा आंतरिक मूल्यांकन में विद्यालयों की ओर से मनमानी से नंबर देने के बजाय एक गाइडलाइन जारी की जाए, जिससे विषमता न हो।


नए व्यावसायिक पाठ्यक्रम बनाने की आवश्यकता 

प्रयागराज । यूपी बोर्ड में कक्षा नौ से 12 तक के पाठ्यक्रम, परीक्षा और मूल्यांकन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) 2023 लागू करने के उद्देश्य से सीमैट सभागार में दो दिनी कार्यशाला का उद्घाटन मंगलवार को हुआ। मुख्य अतिथि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली और सीबीएसई के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पवनेश कुमार ने 2025-26 सत्र से कक्षा नौ में छह की बजाय दस विषयों की परीक्षा लेने और त्रिभाषा फॉर्मूला समेत अन्य बदलाव को लेकर चर्चा की। नई व्यवस्था में बच्चों को छह की बजाय दस विषय पढ़ने होंगे, इसलिए पाठ्यक्रम को थोड़ा छोटा करने पर भी विचार करने को कहा गया। 

अशोक गांगुली ने कहा कि यूपी बोर्ड के व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को अपडेट करने की आवश्यकता है। नए उभरते व्यावसायिक कोर्स को लागू करने के साथ ही पहले से चल रहे पाठ्यक्रम की अध्ययन सामग्री भी बदलने की दिशा-निर्देश तैयार कर रहा है, जरूरत है। उनका मानना था कि बहुविकल्पीय और विस्तृत उत्तरीय प्रश्नपत्र अलग-अलग होने चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतर विषयक पाठ्यक्रम को लेकर एनसीईआरटी भाषा में पूछे जाने चाहिए कि हर बच्चे को समझ आए। प्रश्नपत्र में बच्चे के ज्ञान, बौद्धिक क्षमता, अनुप्रयोग आदि कौशल का परीक्षण होना चाहिए।

 आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान के प्राचार्य डॉ. स्कंद शुक्ल ने कहा कि भाषा को तीन समूहों की बजाय दो में रखा जाना चाहिए। एक अनिवार्य हिन्दी और दूसरे समूह में सभी भाषाओं को रखते हुए छात्र- छात्राओं को किन्हीं दो का विकल्प लेने की छूट मिले।


 पवनेश कुमार ने प्रश्नपत्र के प्रारूप को लेकर खास चर्चा की। कहा कि प्रश्नपत्र में सवाल ऐसी बुधवार को भी बदलाव को लेकर चर्चा जारी रहेगी। अतिथियों का स्वागत यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने किया। इस दौरान अपर सचिव पाठ्यपुस्तक सतेन्द्र सिंह, उपसचिव देवव्रत कुमार, चेतन त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।



यूपी बोर्ड में नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए मंथन के लिए कार्यशाला आज से

13 अगस्त 2024
प्रयागराज। यूपी बोर्ड में नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार अगले वर्ष से पाठ्यक्रम लागू किया जा सकता है। इसके लिए मंगलवार से दो दिवसीय कार्यशाला सीमैट के सभागार में शुरू हो रही है। 


इस कार्यशाला में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली और पूर्व परीक्षा नियंत्रक पवनेश कुमार एनईपी के बारे में बताएंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 29 जुलाई 2020 को घोषित की गई थी। अब तक उसके सभी पहलुओं को लागू नहीं किया गया है। 


यूपी बोर्ड में इसे लागू करने के लिए अब मशक्कत शुरू हो गई है। अगले सत्र से हाईस्कूल के पाठ्यक्रम में 10 विषय लाने के लिए जून में सुझाव भी मांगे गए थे। उसमें तमाम लोगों ने सुझाव दिए हैं। बोर्ड में उन सुझावों पर भी काम चल रहा है। वर्तमान में हाईस्कूल में छह और इंटरमीडिएट में पांच विषय पढ़ाए जा रहे हैं। विषय बढ़ने पर कई तरह की दिक्कतें आएंगी। इन सभी मुद्दों पर दो दिन तक मंथन होगा। 

Sunday, December 17, 2023

आगामी दिनांक 20 और 21 दिसंबर 2023 को "नवाचारी शैक्षिक प्रयास एवं बच्चों के नैतिक मूल्यों का विकास" विषयक राज्य स्तरीय कार्यशाला में प्रतिभाग करने के सम्बन्ध में

आगामी दिनांक 20 और 21 दिसंबर 2023 को "नवाचारी शैक्षिक प्रयास एवं बच्चों के नैतिक मूल्यों का विकास" विषयक राज्य स्तरीय कार्यशाला में प्रतिभाग करने के सम्बन्ध में


Tuesday, August 29, 2023

बेसिक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम में शामिल होंगे महान गणितज्ञ और विज्ञानी, पुस्तक निर्माण के लिए राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान में चल रही कार्यशाला

बेसिक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम में शामिल होंगे महान गणितज्ञ और विज्ञानी, पुस्तक निर्माण के लिए राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान में चल रही कार्यशाला


प्रयागराज : चंद्रयान-3 की सफलता के बीच बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यार्थियों को देश के महान गणितज्ञों और विज्ञानियों को पढ़ाने की योजना पर कार्य शुरू कर दिया गया है। विज्ञान और गणित के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां अर्जित करने वाले विभूतियों पर केंद्रित पुस्तक निर्माण की कार्यशाला राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान में चल रही है। इसमें विषय विशेषज्ञों को बुलाया गया है जो मनीषियों के जीवन परिचय के साथ उनकी उपलब्धियों को संकलित करने का कार्य कर रहे हैं।


परिषदीय विद्यालयों के छात्र- छात्राओं को अगले सत्र से महान गणितज्ञ और खगोल विज्ञानी आर्यभट्ट, गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त, खगोल विज्ञानी वराहमिहिर, भाष्कर के साथ ही श्रीनिवास रामानुजन, डा. एपीजे अब्दुल कलाम, सत्येंद्र नाथ बोस, सीवी रमन आदि को पढ़ाए जाने की तैयारी है। इन महान विभूतियों की उपलब्धियों और उनकी विशेषताओं को संकलित करते हुए गणित और विज्ञान विषय में पूरक पुस्तक तैयार की जाएगी।


इसके माध्यम से छात्र-छात्राएं न सिर्फ इनकी उपलब्धियों को जान सकेंगे, बल्कि देश की समृद्ध विरासत से भी परिचित होंगे। इसके साथ ही उनमें गणित और विज्ञान विषय की पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़ेगा। राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के निदेशक अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि पुस्तक निर्माण के लिए कार्यशाला में विषयों के जानकार प्रवक्ता बुलाए गए हैं। पुस्तक तैयार होने के बाद इसे पढ़ाने के लिए शासन स्तर से निर्णय लिया जाएगा।