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Sunday, February 28, 2021

टीजीटी-पीजीटी सहायक शिक्षक भर्ती में कंप्यूटर शिक्षक के पद जोड़ने को संबंधित अधिकारी से संपर्क करें याची, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिया आदेश

 

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी-पीजीटी सहायक शिक्षक भर्ती में कंप्यूटर शिक्षकों का पद जोड़ने के आग्रह के मामले में याचियों को संबंधित प्राधिकारी के समक्ष मांग रखने की छूट दे दी है। साथ ही कोर्ट ने कोर्ट ने इसे वापस लिए जाने के आधार पर जनहित याचिका खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति जनहित याचिका पर दिया। मनीष माथुर की खंडपीठ ने यह आदेश नरेंद्र कुमार मिश्रा व एक अन्य व्यक्ति की याचिका में टीजीटी-पीजीटी सहायक शिक्षक भर्ती में कंप्यूटर शिक्षकों के पद भी शामिल करने के निर्देश राज्य सरकार समेत सभी पक्षकारों को देने की गुजारिश की गई थी। याचियों का कहना था कि स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा भी दी जाती है। वहां इसके लिए अलग से शिक्षक भी होने चाहिए इस मामले की सुनवाई के दौरान याचियों के अधिवक्ता ने कोर्ट से याचिका वापस लेने और संबंधित अफसर के अपनी मांग रखने की छूट दिए जाने का आग्रह किया अदालत ने इसकी छूट देते हुए वापस लिए जाने के आधार पर याचिका को खारिज कर दिया।



Saturday, January 30, 2021

माध्यमिक शिक्षक भर्ती में टीईटी पास होना जरूरी, इंटर के शिक्षकों के लिए तीसरे स्तर की होगी परीक्षा

माध्यमिक शिक्षक भर्ती में टीईटी पास होना जरूरी, इंटर के शिक्षकों के लिए तीसरे स्तर की होगी परीक्षा

तैयारी

▪️2021 -22 के शैक्षणिक सत्र में तैयार हो जाएगी रूपरेखा

▪️लिखित परीक्षा,साक्षात्कार और पढ़ाने का प्रदर्शन आधार बनेगा

लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में भर्ती के लिए अब शिक्षकों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करनी होगी। इसके लिए टीईटी-3 यानी तीसरे स्तर की परीक्षा कराई जाएगी ।


सरकारी व सहायता प्राप्त के साथ ही प्रदेश के सभी हाई स्कूलों और इंटर कॉलेजों (कक्षा नौवीं से बारहवीं ) में भी ये व्यवस्था लागू होगी। इसकी रूपरेखा 2021-22 के शैक्षिणिक सत्र में तैयार हो जाएगी । उम्मीद है कि 2023 के बाद वाली भर्तियों में टीईटी अनिवार्य कर दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत यह लागू किया जाएगा। अभी तक कक्षा एक से आठ तक के लिए दो अलग-अलग स्तरों की टीईटी होती है नई व्यवस्था के लिए एलटी ग्रेड की शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधन होगा । अभी तक सरकारी स्कूलों में लोक सेवा आयोग व सहायता प्राप्त स्कूलों में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग लिखित परीक्षा से भर्ती करता है। लेकिन संशोधन के बाद शिक्षकों को पहले टीईटी भी पास करना होगा।

इसके अलावा शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा, शैक्षिक गुणांक के अलावा साक्षात्कार व पढ़ाने के प्रदर्शन को भी जोड़ा जाएगा।



इंटर के शिक्षकों के लिए तीसरे स्तर की परीक्षा

नई शिक्षा नीति

लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में भर्ती के लिए अभी तक लोक सेवा आयोग से लिखित परीक्षा के आधारपर भर्ती की जा रही है। कक्षा एक से पांच तक औरकक्षा 6 से 8 तक के लिए अलग-अलग अध्यापक पात्रता परीक्षा होती है। यह तीसरे स्तर की परीक्षा होगी जो हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों के लिए मान्य होगी। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी के बीच में

समन्वय स्थापित किया जाएगा। अध्यापक पात्रता परीक्षा से योग्य शिक्षक मिलेंगे । इससे पढ़ाई और शिक्षकों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी। शिक्षकों की भर्ती में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरियां पाने के कई मामले सामने आ चुके हैं क्योंकि भर्तियां शैक्षिक गुणांक के आधार पर हो रही थीं | टीईटी से इस फर्जीवाड़े पर भी अंकुश लगेगा। राज्य में प्राइमरी व माध्यमिक शिक्षा की शिक्षक भर्तियों में लिखित परीक्षा पहले ही अनिवार्य की जा चुकी है।

2025 तक तक होने वाली रिक्तियों की गणना होगी

शिक्षक के खाली पदों की संख्या के आकलन के लिए तकनीक आधारित व्यवस्था होगी ताकि इंतजार न करना पड़े । मानव सम्पदा पोर्टल और अन्य स्रोतों से 2025 तक होने वाली शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की रिक्तियों की गणना जून 2021 तक कर ली जाएगी। चयन करने वाली संस्था को प्रस्ताव भेजा जाएगा। सहायता प्राप्त स्कूलों में अप्रैल, 2021 तक भर्ती : माध्यमिक शिक्षा विभाग की नई शिक्षा नीति की कार्ययोजना के मुताबिक अप्रैल तक सहायता प्राप्त स्कूलों में सभी रिक्तियों पर भर्ती करनी है। हालांकि ये संभव नहीं है, क्योंकि 15508 शिक्षक भर्ती का विज्ञापन रद्द हुए दो महीने से अधिक समय हो चुका है और अभी तक माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग भर्ती के लिए दोबारा विज्ञापन नहीं निकाल पाया है।

Thursday, November 5, 2020

TGT-PGT : रिक्त पदों पर खेल करने वाले नपेंगे डीआईओएस, 2016 के चयन में चयनित शिक्षकों के कार्यभार ग्रहण न करने का मामला

TGT-PGT : रिक्त पदों पर खेल करने वाले नपेंगे डीआईओएस, 2016 के चयन में चयनित शिक्षकों के कार्यभार ग्रहण न करने का मामला।

टीजीटी-पीजीटी

▪️2016 के चयनित शिक्षकों के कार्यभार ग्रहण न करने का मामला

▪️ डीआईओएस के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में चयन बोर्ड अध्यक्ष

▪️रिक्त पदों की सूचना भेजने के बाद भी कार्यभार ग्रहण नहीं कराते अफसर

प्रयागराज : प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों में खेल करने वाले जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) पर कार्रवाई होगी। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयनबोर्ड के अध्यक्ष वीरेश कुमार प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और (पीजीटी) 2016 के चयनित शिक्षकों के स्कूल आवंटन के बावजूद कार्यभार ग्रहण नहीं कराए जाने को लेकर काफी गंभीर है।


डीआईओएस एक तरह से समानान्तर चयन बोर्ड चला रहे हैं। जो पद पहले रिक्त थे उसे अब अलग- अलग कारणों से भरा बताकर ये अफसर चयन बोर्ड से भेजे गए शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण नहीं करा रहे। चयन बोर्ड को 2016 की भर्ती के अब तक 125 ऐसे शिक्षकों की जानकारी हो चुकी है जिन्हें कार्यभार ग्रहण नहीं कराया जा सका है।

इनमें से कई स्कूल ऐसे हैं जहां तदर्थ शिक्षक तैनात हैं। कुछ पद पदोन्नति से भर लिए गए हैं तो कुछ अन्य में रिक्ति ही नहीं बची है। पिछले  दिनों सुप्रीम कोर्ट में चल रहे तदर्थ शिक्षकों के चर्चित मामले में भी डीआईओएस की मनमानी का खुलासा हुआ था। कई डीआईओएस ने चयन बोर्ड को रिक्त पदों की सूचना नहीं भेजी थी, जिसकी आड़ में प्रबंधकों को तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति का मौका मिल गया।


चयन बोर्ड की अगले सप्ताह होने जा रही बैठक में रिक्त पदों के साथ खेल करने वाले डीआईओएस के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति शासन से करने पर भी निर्णय लिया जाएगा। इस बार अध्यक्ष कड़ा संदेश देना चाहते हैं ताकि भविष्य में डीआईओएस रुपयों के लालच में चयनित शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करने पाएं।