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Wednesday, August 19, 2020

प्रतापगढ़ में 17 परिषदीय शिक्षक मिले फर्जी, पांच पर एफआइआर

प्रतापगढ़ में 17 परिषदीय शिक्षक मिले फर्जी, पांच पर एफआइआर।


बीईओ ने बताया है कि सुबोध का चयन 68 हजार 500 शिक्षकों की नियुक्ति में हुआ था। शिक्षक का टीईटी प्रमाण पत्र जांच में फर्जी मिला है। 

प्रयागराज : पडोसी जनपद प्रतापगढ़ में जिले के परिषदीय स्कूलों में 17 परिषदीय शिक्षकों के अभिलेख फर्जी मिले हैं। इनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का आदेश बीएसए ने दिया है। इनमें से मंगलवार को पांच परिषदीय शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। यह सभी फर्जी दस्तावेज से नौकरी हासिल किए थे। इनके विरुद्ध धोखाधड़ी, जालसाजी का मुकदमा थानों में दर्ज कराया गया है।



नौकरी के लिए बन गए थे भूतपूर्व सैनिक
जिले के परिषदीय स्कूलों में फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल करने वालों पर विभाग ने शिकंजा कसा है। वर्ष 2017-18 में फर्जी दस्तावेज से शिक्षक की नौकरी हासिल करने वाले 17 शिक्षकों के अभिलेख फर्जी पाए गए हैं। इनके विरुद्ध बेसिक शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सिंह ने एफआइआर का आदेश दिया है। लालगंज प्रतिनिधि के अनुसार रामपुर संग्रामगढ़ के खंड शिक्षा अधिकारी मो. रिजवान ने लालगंज कोतवाली में दी गई तहरीर में कहा है कि प्राथमिक विद्यालय ढिंगवस में उर्दू भाषा में जिले के मधुपुर प्रतापगढ़ निवासी रियासत अली पुत्र अब्दुल खालिक ने हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट के अंक पत्र फर्जी लगाकर नियुक्ति हासिल कर ली थी। यही नहीं शिक्षक ने स्वयं को भूतपूर्व सैनिक होने का भी फर्जी प्रमाण पत्र लगाया था। जांच में फर्जीवाड़े का राजफाश हुआ।

बीएड का फर्जी अंकपत्र लगाकर कर रहे थे नौकरी
इसी तरह प्राथमिक विद्यालय वीरसिंहपुर में कौशांबी जिले के पूरे पोखरा निवासी अरविंद कुमार पुत्र अमरनाथ ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी से फर्जी बीएड का अंकपत्र लगाकर सहायक अध्यापक पद पर धोखे से चयन करा लिया था। जांच में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने आरोपित द्वारा दिए गए अनुक्रमांक को फर्जी बताया। इसी तरह जिले के मेंहदियावारी मुस्तर्का प्रतापगढ़ निवासी संजीव कुमार पुत्र रामनाथ ने विकासखंड के ग्राम पंचायत जेवई पूरे विश्राम प्राथमिक विद्यालय में फर्जी अंकपत्र लगाकर सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हासिल कर ली थी। जांच में संजीव कुमार के अभिलेख कूटरचित पाए गए। बीईओ मो. रिजवान ने बताया कि तीनों शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है। सांगीपुर प्रतिनिधि के अनुसार सहायक अध्यापिका पर फर्जी दस्तावेज से नौकरी हासिल करने पर  कोठा नेवडिय़ा प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका उमा देवी सरोज पुत्री अजय सरोज के खिलाफ सांगीपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

जांच में शिक्षिका का 2011 टीईटी का प्रमाण पत्र फर्जी मिला 
जांच में 2011 टीईटी का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करना पाया गया। इस पर  खंड शिक्षा अधिकारी संड़वा चंद्रिका राम शंकर ने मंगलवार को सांगीपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। संड़वाचंद्रिका प्रतिनिधि के अनुसार अंतू थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मझिलहा में टीईटी के फर्जी प्रणामपत्र पर नौकरी कर रहे शिक्षक सुबोध कुमार के खिलाफ बीईओ ने अंतू थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। जांच में मामला पकड़ में आने पर बीएसए ने बीईओ सदर को रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया था। बीईओ ने बताया है कि सुबोध का चयन 68 हजार 500 शिक्षकों की नियुक्ति में हुआ था। शिक्षक का टीईटी प्रमाण पत्र जांच में फर्जी मिला है। विभाग द्वारा शिक्षक को अभी वेतन निर्गत नहीं  किया गया है। बीएसए अशोक कुमार सिंह ने बताया कि 17 शिक्षकों ने फर्जी दस्तावेज से नौकरी हासिल की थी। इन सभी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का आदेश खंड शिक्षाधिकारियों को दिया गया है।

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प्रतापगढ़ : दो शिक्षकों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज, फर्जी दस्तावेजों से हासिल की थी नौकरी, बीईओ ने दी तहरीर।

प्रतापगढ़ : दो शिक्षकों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज, फर्जी दस्तावेजों से हासिल की थी नौकरी, बीईओ ने दी तहरीर।

फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी हासिल करने वाले दो शिक्षकों पर बाघराय पुलिस ने धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की है। यह लोग कभी विद्यालय में नहीं आए। उनके अभिलेख फर्जी होने की जानकारी पर पुलिस ने बीईओ की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।


क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में फर्जी अभिलेख लगाकर नौकरी हथियाने वाले दो शिक्षक बिहार ब्लाक में भी मिले हैं। बीएसएफ की तहरीर पर बाघराय पुलिस ने उन पर भी मुकदमा दर्ज कर लिया है। बिहार विकास खंड के बीईओ आशीष पांडेय की तहरीर पर प्राथमिक विद्यालय शकरदहा में नियुक्त शिक्षक पुष्पा पटेल पुत्री रामलखन निवासी गांव चकनुद्दीनपुर थाना कोरांव प्रयागराज व प्राथमिक विद्यालय शकरदहा में तैनात सुनील कुमार शुक्ला पुत्र खेमचंद शुक्ल निवासी समा की सराय बेधनगोपालपुर थाना बाघराय के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। 

यह लोग फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी कर रहेथे। बाघराय पुलिस ने उन पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। उधर, महेशगंज थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सरायस्वामी में कार्यरत शिवमूरत सिंह और प्राथमिक विद्यालय पूरेजनक राजापुर में कार्यरत कमलेश कुमार के खिलाफ खंड शिक्षा अधिकारी मोहम्मद रिजवान ने जालसाजी कूट रचित दस्तावेज तैयार कर नौकरी हासिल करने की तहरीर दी है। तहरीर मिलने के बाद पुलिस देर शाम दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की तैयारी में थी।

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फर्जीवाड़ा में 12 और शिक्षकों पर एफआईआर।


फर्जीवाड़ा कर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल करने वाले 17 में से16 शिक्षकों के विरुद्ध एफआईआर हो चुकी है। तहरीर देने के बावजूद अभी एक शिक्षक पर एफआईआर नहीं हो सकी है। चार के खिलाफ मंगलवार को तो 12 के विरुद्ध बुधवार को रिपोर्ट दर्ज की गई।
प्राथमिक शिक्षक बनने में बहुत से लोगों ने अभिलेखों में हेरफेर कर कामयाबी हासिल की है। फर्जीवाड़ा करने वाले ऐसे शिक्षकों के खिलाफ शासन स्तर से जांच कराई जा रही है। एसटीएफ, एसआईटी व विभाग की जांच में फर्जीवाड़ा करने वाले सामने आ रहे हैं। जिले में मंगलवार को 17 शिक्षक इस तरह के पकड़ में आए।

 मंगलवार को ही खंड शिक्षा अधिकारियों की तहरीर पर चार शिक्षकों के विरुद्ध एफआईआर हुई थी जबकि 13 के खिलाफ तहरीर पुलिस को दी जा चुकी है। बुधवार को लक्ष्मणपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका मीना देवी, प्राथमिक विद्यालय समसपुर कुंडा के शिक्षक बृजेन्द्र कुमार, प्राथमिक विद्यालय मझिलहा सदर के शिक्षक सुबोध कुमार सिंह, प्राथमिक विद्यालय सराय बिहार के शिक्षक सुनील कुमार शुक्ल, प्राथमिक विद्यालय शकरदहा प्रथम बिहार की शिक्षिका पुष्पा पटेल और प्राथमिक विद्यालय शाहपुर कुंडा के शिक्षक राकेश कुमार के विरुद्ध संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों की तहरीर पर अलग अलग थानों में रिपोर्ट दर्ज की गई।

फर्जीवाड़ा करने वाले छह और शिक्षकों पर बुधवार शाम पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। इनमें प्राथमिक विद्यालय सराय स्वामी बाबागंज के शिक्षक शिव मूरत सिंह, प्राथमिक विद्यालय मनकापुर बेलखरनाथ की शिक्षिका जाकिरा बानो, प्राथमिक विद्यालय नारायणपुर मंगरौरा की शिक्षिका सुषमा वर्मा, प्राथमिक विद्यालय मोहद्दीनपुर मानधाता की शिक्षिका रागिनी सिंह, प्राथमिक विद्यालय पूरे जनक बाबागंज के शिक्षक कमलेश कुमार सिंह और प्राथमिक विद्यालय सराय मेदीराय मानधाता की शिक्षिका उषा पटेल शामिल हैं। प्राथमिक विद्यालय चांदपुर मंगरौरा के शिक्षक रमीज खान के खिलाफ तहरीर दी गई है लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं दर्ज हो सकी है। बीएसए अशोक कुमार सिंह ने बताया कि फर्जीवाड़ा करने वाले 16 शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। रमीज खान पर रिपोर्ट के लिए उन्होंने डीएम से मिलने की बात कही।


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Thursday, August 13, 2020

माध्यमिक शिक्षा विभाग : फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने से बच रहे अधिकारी, एक अधिकारी दूसरे पर टाल रहे जिम्मेदारी

माध्यमिक शिक्षा विभाग : फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने से बच रहे अधिकारी, एक अधिकारी दूसरे पर टाल रहे जिम्मेदारी।

लखनऊ :  माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने में खुद को बचा रहे हैं। यही कारण है कि एक अधिकारी दूसरे को और दूसरे अधिकारी तीसरे को एफआईआर कराने का निर्देश दे रहे हैं। यही नहीं, फर्जी शिक्षिका के एक मामले में श्रावस्ती के जिला विद्यालय निरीक्षक चंद्रपाल ने राजकीय उच्च विद्यालय, भाभी की प्रधानाध्यापिका उषा गुप्ता को ही मुकदमे की चेतावनी दी है। कहा, अगर वह फर्जी शिक्षिका रीना यादव पुत्री हीरा लाल यादव के खिलाफ एफआईआर नहीं कराएंगी तो उनके ही खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया जाएगा। क्योंकि उषा गुप्ता ने एफआईआर कराने से असमर्थता जता दी थी।



सेवा नियमावली के तहत एलटी ग्रेड शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा निदेशक या जिला विद्यालय निरीक्षक की है। वहीं, प्रवक्ता के खिलाफ मुकदमा कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा निदेशक की है। जबकि माध्यमिक शिक्षा निदेशक वीके पांडेय ने मंडलीय संयुक्त निदेशकों को एफआईआर दर्ज कराने का फरमान जारी किया है। इस पर संयुक्त निदेशकों ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी कर दिए। अब जिला विद्यालय निरीक्षकों ने भी संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक या प्रधानाचार्य को इसके लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है।



गौरतलब है कि प्रदेश में बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग में सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जैसे-जैसे सत्यापन में फर्जी शिक्षक सामने आ रहे हैं, वैसे ही उन्हें बचाने के प्रयास भी तेज हो गए हैं। वहीं, फर्जी शिक्षकों को सेवा समाप्ति से ज्यादा भय एफआईआर का सता रहा है। इसलिए वे एफआईआर से बचने के लिए हर संभव प्रयास भी कर रहे हैं।

पहले सत्यापन में डिग्री को बताया फर्जी, दूसरे में कहा-सही : डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा ने एलटी ग्रेड शिक्षक तेजवीर सिंह पुत्र बृजलाल सिंह की वर्ष 2009 में बीएड के संबंध में पहली सत्यापन रिपोर्ट में बीएड नहीं करने की पुष्टि की। यानी बीएड की डिग्री फर्जी है। जब विवि को इस बाबत दोबारा पत्र लिखा गया तो विवि ने तेजवीर सिंह के वर्ष 2009 में बीएड करने की रिपोर्ट दी। यानी बीएड की डिग्री सही है।

सभी शिक्षकों के दस्तावेज की जांच पारदर्शिता से करा रहे हैं फर्जी शिक्षक मिलने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने में नियमानुसार कार्यवाही कराएंगे। -डॉ. दिनेश शर्मा, उप मुख्यमंत्री


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Monday, August 10, 2020

देवरिया : दो फर्जी शिक्षक जल्द होंगे बर्खास्त, बीएसए के नोटिस का नहीं दिया जवाब

देवरिया : दो फर्जी शिक्षक जल्द होंगे बर्खास्त, बीएसए के नोटिस का नहीं दिया जवाब।

देवरिया :: परिषदीय विद्यालय में फर्जी मिले दो शिक्षक, शीघ्र ही बर्खास्त होंगे। यह शिक्षक जांच शुरू होने के बाद से ही फरार चल रहे हैं। इन शिक्षकों ने बीएसए की नोटिसों का जवाब नहीं दिया है। परिषदीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों की जांच तेजी से चल रही है। अब तक 41 शिक्षकों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई हो चुकी है। इनमें से एक दर्जन से अधिक के खिलाफ केस दर्ज कराया जा चुका है। इसमें पुलिस जांच कर रही है।




दूसरी तरफ अन्य फर्जी शिक्षक भी सामने आ रहे हैं। ताजा मामला एक समान पैन कार्ड पर कार्यरत मिले शिक्षकों से जुड़ा है। बीएसए ने समान पैन कार्ड पर कार्यरत मिले सभी सभी शिक्षकों को नोटिस देकर पक्ष रखने को कहा था। इसमें से दो शिक्षकों ने नोटिस का जवाबनहीं दिया। बीएसएफ की तरफ से दूसरी और तीसरी नोटिस भेजी गयी पर दोनों शिक्षकों ने जवाब नहीं दिया। अब प्रेस विज्ञप्ति प्रकाशित कर सूचना दी गयी है। सूत्रों का कहना है कि दोनो शिक्षक जांच में फर्जी पाए गए हैं। इसके चलते नोटिस पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं।

● जांच शुरू होने के बाद से विद्यालय से हैं फरार

• बीएसए के नोटिस का भी नहीं दिया जवाब

जिले में अब तक हो चुकी है 41 शिक्षकों की बर्खास्तगी।

कस्तूरबा के शिक्षकों के खिलाफ हो रही है जांच : फर्जी शिक्षकों के मामले में जिले के कस्तूरबा आवासीय विद्यालय प्रदेश में अव्वल हैं। राज्य परियोजना में हुई जांच में 14 शिक्षक फर्जी मिले। इन्हें बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है। 11 शिक्षकों के खिलाफ जांच चल रही है। प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया जा रहा है। फर्जी मिलने पर इनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। एक वार्डेन को किसी व्यक्ति की शिकायत पर बर्खास्त किया जा चुका था।


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Saturday, August 1, 2020

गाजीपुर : छह माह से फरार फर्जी महिला शिक्षक गिरफ्तार, बेसिक शिक्षा विभाग ने दर्ज कराया था एफआइआर

गाजीपुर : छह माह से फरार फर्जी महिला शिक्षक गिरफ्तार, बेसिक शिक्षा विभाग ने दर्ज कराया था एफआईआर ।


गाजीपुर :  दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के अमारी रेलवे क्रासिंग के पास से शनिवार की सुबह दुल्लहपुर पुलिस ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर  नौकरी कर रही  महिला शिक्षक अनीता यादव को गिरफ्तार कर लिया। वह विगत छह माह से फरार चल रही थी। आरोपित शिक्षक का प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने इसी वर्ष जनवरी माह में दुल्लहपुर थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।




इस मामले की विवेचना कर रहे दुल्लहपुर थाने के एसआई रामअनुग्रह पांडेय ने बताया कि पकड़ी गयी फर्जी शिक्षिका अनीता यादव पत्नी शोभनाथ मऊ जनपद के चिरैयाकोट थाना के ग्राम हीरापुर पोस्ट सुल्तानीपुर की रहने वाली है। जिसकी नियुक्ति विकास खंड जखनियां  के  दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के  ओडऱाई स्थित प्राथमिक विद्यालय पर थी। जिसका बीटीसी एवं टेट का प्रमाण पत्र विभागीय जांच में फर्जी पाया गया। मुकदमा दर्ज होने के बाद उसे पकडऩे के लिए पुलिस ने कई बार इसके ठिकाने पर दबिश दी लेकिन फरार हो जाती थी। शनिवार की सुबह मुखबिर से सूचना मिली की उक्त फर्जी शिक्षिका अपने पति के इसी रास्ते से होकर कहीं जाने वाली है। सूचना पर एसआई रामअनुग्रह पांडेय के साथ पुलिस चंद्रमोहन यादव, चंद्रदेव के साथ महिला कांस्टेबल अंबालिका ने घेराबंदी कर फर्जी शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया। रामअनुग्रह पांडेय ने बताया कि उक्त महिला मेडिकल जांच के बाद उसे जेल भेज दिया गया।



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Tuesday, July 28, 2020

आजमगढ़ : बेसिक शिक्षा विभाग के पांच शिक्षकों की सेवा समाप्त, फर्जी अभिलेख पर पाई थी नौकरी

आजमगढ़ : बेसिक शिक्षा विभाग के पांच शिक्षकों की सेवा समाप्त, फर्जी अभिलेख पर पाई थी नौकरी।

आजमगढ़ :  बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अभिलेखों पर नौकरी कर रहे पांच सहायक अध्यापकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। महानिदेशक स्कूल एवं राज्य परियोजना के आदेश पर बर्खास्त शिक्षकों से नियुक्ति से लेकर अब तक आहरित धनराशि की रिकवरी के लिए वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा और संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।




जिन सहायक अध्यापकों की सेवा समाप्त की गई है, उसमें शिक्षा क्षेत्र कोयलसा के प्राथमिक विद्यालय धनसिंहपुर में तैनात रहे मऊ जनपद के चांदमारी इमिलिया गांव निवासी आवेश कुमार पुत्र सतीश चंद्र शर्मा, शिक्षा क्षेत्र सठियांव के प्राथमिक विद्यालय सींहीं, निवासी इमलीडीह पोस्ट बारीपुर जनपद गोरखपुर की नेहा शुक्ला पुत्री ब्रह्मानंद शुक्ला, शिक्षा क्षेत्र बिलरियागंज के प्राथमिक विद्यालय शोधनपट्टी पर तैनात सहयक अध्यापक निवासी भुवनेश्वर प्रताप सिंह, 443, सिविल लाइन आजमगढ़, शिक्षा क्षेत्र महराजगंज के प्राथमिक विद्यालय पर तैनात रहे राजेश कुमार पुत्र रामदुलारे निवासी खलीलाबाद, जनपद संतकबीरनगर एवं शिक्षा क्षेत्र अतरौलिया के प्राथमिक विद्यालय पचरी पर तैनात बांकेबिहारी लाल पुत्र किशोर प्रसाद निवासी सल्लहपुर, तहसील सलेमपुर जनपद देवरिया शामिल हैं।


जांच प्रक्रिया के दौरान संबंधित शिक्षकों के अभिलेख फर्जी मिले थे

शासन के निर्देश पर जांच प्रक्रिया के दौरान संबंधित शिक्षकों के अभिलेख फर्जी मिले थे। कारण बताओ नोटिस जारी की गई थी। निर्धारित मूल प्रमाणपत्रों के साथ संबंधित सहायक अध्यापक कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए और ना ही अपना कोई प्रत्यावेदन ही दिया।इसलिए महानिदेशक के निर्देश पर इनकी सेवा समाप्त कर दी गई है।

-अमरनाथ राय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।

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Monday, July 27, 2020

कलंक कथा : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को बिना बताए 14 जनपदों के डीआईओएस ने कर लीं शिक्षकों की भर्तियां

कलंक कथा : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को बिना बताए 14 जनपदों के डीआईओएस ने कर लीं शिक्षकों की भर्तियां।

प्रयागराज : प्रदेशभर के 4300 से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रबंधकों और अफसरों की साठगांठ से शिक्षकों की नियुक्ति का मामला प्रकाश में आया है। इन स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों की सूचना प्रबंधकों से लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को भेजते हैं और फिर बोर्ड चयन करते हुए स्कूल आवंटित करता है।



 पिछले दो दशक में 14 जिलों के डीआईओएस ने रिक्त 271 पदों की सूचना चयन बोर्ड को न भेजकर प्रबंधकों से मिलीभगत करते हुए रुपये लेकर बैकडोर शिक्षकों की एडहॉक नियुक्ति करवाई और फिर सालों भर्ती न होने का आधारहीन आरोप चयन बोर्ड पर लगाते हुए एडहॉक शिक्षकों को नियमित करने की याचिकाएं हाईकोर्ट में कर दी। 14 जिलों के डीआईओएस ने शिक्षा निदेशालय को जानकारी दी है कि रिक्त पदों की सूचना चयन बोर्ड को भेजी गई थी, जबकि बोर्ड के पास इन रिक्त पदों के मिलने का रिकॉर्ड नहीं है।

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