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Thursday, September 28, 2023

राजकीय विद्यालयों में बढ़ेंगे शिक्षकों के 1298 पद

राजकीय विद्यालयों में बढ़ेंगे शिक्षकों के 1298 पद

प्रयागराज : प्रदेश के नवनिर्मित राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों के 1298 पद बढ़ेंगे। वर्तमान सत्र 2023-24 में खुले 71 राजकीय इंटर कॉलेज और 13 हाईस्कूलों में प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों के कुल 1298 पदों के सृजन का प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय की ओर से शासन को भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद रिक्त पदों का अधियाचन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा जाएगा, ताकि इन पदों पर नियमित शिक्षकों की नियुक्ति हो सके।


फिलहाल यहां दूसरे स्कूलों के शिक्षकों को संबद्ध कर पढ़ाई कराई जा रही है। इस सत्र से विभिन्न जिलों में 53 राजकीय इंटर कॉलेज, एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज और 17 प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम के तहत कुल 71 इंटर कॉलेज खुले हैं। इनमें से प्रत्येक विद्यालय में प्रवक्ता के 10-10 कुल 710 और सहायक अध्यापक के सात-सात कुल 497 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है।


इसके अलावा 13 राजकीय हाईस्कूलों में से प्रत्येक में सात-सात के हिसाब से कुल 91 सहायक अध्यापकों की आवश्यकता है। इस प्रकार प्रवक्ता और सहायक अध्यापक के 1298 पद सृजित होने हैं। इसके अलावा इंटर कॉलेज में 71 प्रधानाचार्य और हाईस्कूल में 13 प्रधानाध्यापक की भी नियुक्ति होगी।

536 बाबू और चपरासी की भी भर्ती होगी इन स्कूलों में बाबू और चपरासी के 536 पदों पर भी भर्ती होगी। चतुर्थ श्रेणी या स्वीपर के 381, जबकि 71 वरिष्ठ सहायक और 84 कनिष्ठ सहायकों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा गया है। चतुर्थ श्रेणी की भर्ती आउटसोर्स से, जबकि लिपिक के पदों पर अधीनस्थ सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्ति होती है।

2020 के बाद से नहीं हुई शिक्षकों की भर्ती

राजकीय विद्यालयों में आखिरी बार 2020 में प्रवक्ता की भर्ती हुई थी। उस समय बालक वर्ग में 991 व बालिका वर्ग में 482 पदों पर नियुक्ति हुई थी। वहीं सहायक अध्यापकों (एलटी ग्रेड) की भर्ती 2018 के बाद से नहीं हुई। उस समय आयोग ने बालक वर्ग में 5364 व बालिका वर्ग में 5404 कुल 10768 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे।

Friday, June 17, 2022

जीजीआइसी में खाली हैं पद मुख्यालयों पर मनचाही तैनाती

जीजीआइसी में खाली हैं पद मुख्यालयों पर मनचाही तैनाती

प्रयागराज : प्रदेश के कई जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित राजकीय बालिका इंटर कालेजों (जीजीआइसी) में विषयवार महिला प्रवक्ताओं और सहायक अध्यापिकाओं की कमी है। इसके बावजूद जिला मुख्यालय के राजकीय इंटर कालेजों (जीआइसी) में महिला शिक्षिकाओं को पुरुष पदों पर तैनाती दे दी गई है। इतना ही नहीं, प्रयागराज में मनोविज्ञान शाला, पत्राचार शिक्षा संस्थान में भी पुरुष पदों पर महिला प्रवक्ता मेहरबानी से तैनाती पा गई हैं। राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ ने इस विषमता को खत्म कर महिलाओं को जीजीआइसी में रिक्त पदों पर स्थानांतरित करने की मांग उठाई है।


प्रयागराज, झांसी, वाराणसी, बांदा, मीरजापुर, बरेली, गोरखपुर, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, कानपुर देहात, उन्नाव, रायबरेली, सुल्तानपुर, अयोध्या बस्ती आदि जिलों के ग्रामीण अंचलों में स्थित जीजीआइसी हाईस्कूल में महिला प्रवक्ताओं एवं सहायक अध्यापिकाओं के पद वर्ष से रिक्त हैं। बालिकाओं को सभी विषयों की शिक्षा प्राप्त नहीं हो पा रही है। इस स्थिति का राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय ने विरोध किया है। उन्होंने बताया कि प्रोन्नति पाईं महिला प्रवक्ता को विगत चार माह से जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में संबद्धता मिली हुई है।

Monday, November 9, 2020

सूबे के 2235 स्कूल में बनेंगे यूथ और इको क्लब, राजकीय विद्यालयों के युवाओं को जिम्मेदार बनाएंगे ये क्लब

सूबे के 2235 स्कूल में बनेंगे यूथ और इको क्लब, राजकीय विद्यालयों के युवाओं को जिम्मेदार बनाएंगे ये क्लब।


05 करोड़ 58 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं।

25 हजार रुपये प्रति स्कूल के हिसाब से दिए जाएंगे।

तैयारी

▪️स्कूल के प्रधानाचार्य या उप प्रधानाचार्य यूथ और इको क्लब के प्रभारी होंगे।

▪️खेल मैदान और लाइब्रेरी का उपयोग क्लास के बाद या छुट्टियों में कर सकेंगे।

प्रयागराज : प्रदेशभर के 2235 राजकीय हाईस्कूल एवं इंटर कॉलेजों में यूथ और इको क्लब बनेंगे। शिक्षा मंत्रालय ने युवाओं के बहुमुखी विकास के उद्देश्य से 2020-21 शैक्षणिक सत्र के लिए यूपी के 2235 स्कूलों में यूथ और इको क्लब बनाने के लिए प्रति विद्यालय 25 हजार और कुल पांच करोड़ 58 लाख रुपये मंजूर किए हैं।


यूथ क्लब का मकसद स्कूल के अनुपयोगी संसाधन जैसे खेल का मैदान, खेल के सामान, लाइब्रेरी, संगीत एवं कला कक्ष, ऑडिटोरियम आदि का उपयोग सह शैक्षणिक गतिविधियों जैसे ड्रामा, वाद विवाद, कला, खेलकूद, संगीत आदि से छात्रों के व्यक्तिगत एवं सामूहिक विकास को बढ़ावा देना होगा।

खेल का मैदान और लाइब्रेरी का उपयोग क्लास के बाद या छुट्टियों के दौरान कर सकेंगे। इसी प्रकार  इको क्लब का उद्देश्य पर्यावरण, जैव विविधता, स्थानीय पारिस्थितिकी, पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता आदि के प्रति जागरूकता एवं बच्चों में रुचि पैदा करना है। प्रधानाचार्य या उप प्रधानाचार्या यूथ और इको क्लब के प्रभारी होंगे।

एक शिक्षक को नोडल अधिकारी बनाएंगे जो स्कूल की छुट्टी के बाद यूथ क्लब की गतिविधियों में सहयोग करेंगे। इन कार्यों में बच्चों का मार्गदर्शन करने और उनके साथ समय बिताने के लिए अभिभावकों, सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी और शिक्षक आदि की मदद ली जा सकेगी।



बच्चों में बढ़ेगा आत्मविश्वास

समग्र शिक्षा अभियान के तहत मंजूर यूथ और इको क्लब से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। साथ ही स्कूलों में पंजीकरण और उनके ठहराव में भी सुधार की आशा है। इको क्लब से विज्ञान, तकनीक और जैव-चिकित्सा के क्षेत्र में रुचि पैदा होगी।