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Thursday, September 5, 2024

बैगलेस डे पर स्कूल में बच्चे देखेंगे कार्टून आधारित संस्कृत कविता वीडियो, बेसिक शिक्षा विभाग की नई पहल

बैगलेस डे पर स्कूल में बच्चे देखेंगे कार्टून आधारित संस्कृत कविता वीडियो, बेसिक शिक्षा विभाग की नई पहल 

बच्चों में संस्कृत से लगाव के लिए तैयार किए गए कविता आधारित वीडियो

बेसिक शिक्षा परिषद के 8वीं तक के स्कूलों में इसी माह से होगी शुरुआत


प्रयागराज : परिषदीय स्कूलों के बच्चों में संस्कृत के प्रति लगाव पैदा करने, संस्कृत सीखने और बोलने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने नई पहल की है। इसके लिए राज्य शिक्षा संस्थान ने कार्टून आधारित संस्कृत भाषा में 13 ऐसे कविता आधारित वीडियो तैयार कराए हैं, जिसमें बच्चों की पसंद का ध्यान रखा गया है। 


बैगलेस डे यानी शनिवार को बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा आठ तक के बच्चे स्कूल में संस्कृत भाषा में कविता आधारित वीडियो देखेंगे, सुनेंगे और वीडियो में नीचे चल रहे वाक्यों को पढ़कर संस्कृत सीखेंगे। 


इसमें कार्टून आधारित बैलगाड़ी, मेला, गुब्बारे, घूमता झूला, उमड़ते घुमड़ते बादल, सुबह के दृश्यों का समावेश बच्चों को आकर्षित करेगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने संस्कृत भाषा में एनिमेटेड वीडियो पहली बार तैयार कराए हैं। 


राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य नवल किशोर के निर्देशन में इसे तत्कालीन कार्यक्रम समन्वयक डा. दीप्ति मिश्रा एवं सह समन्वयक मो. कासिम फारूकी ने तैयार कराया है। समन्वयकों का मानना है कि इसे तैयार करने में आर्ट वर्क बनाना बड़ा चुनौती था, क्योंकि संस्थान के पास संसाधन कम थे, लेकिन इस विधा में दक्ष शिक्षकों ने सहयोग दिया। इसमें एनिमेशन इसलिए किया गया ताकि बच्चे जुड़ें और संस्कृत सीख सकें, तभी इसी सार्थकता है। 


तीन से पांच मिनट के इन वीडियो में हे भगवन्, भारत देशः, 'मम् शकटिका (मेरी बैलगाड़ी), अवकर पात्रम, का कुरुते, मनोहर दृश्यम, मेघम, मेलाम् अहम्, पत्र वाहकम्, प्रबोधनम्, प्रातःकाले, वायु लूनकम् (गुब्बारा), वृहद् विहारः हैं। इसके माध्यम से बच्चे रचनात्मकता, भाषा, संगीत, देशजता व समाज से जुड़ाव भी सीखेंगे। वीडियो तीन से पांच मिनट के हैं। इसे इसी माह से स्कूलों में दिखाया जाएगा। ये सभी वीडियो डीटीएच पर पीएम-ई-विद्या चैनल पर भी प्रसारित होंगे।

Thursday, September 14, 2023

वैदिक गणित से चुटकियों में हल होंगे सवाल, नए सत्र से परिषदीय विद्यालयों में शुरू होनी है पढ़ाई, राज्य शिक्षा संस्थान में शिक्षकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

वैदिक गणित से चुटकियों में हल होंगे सवाल

नए सत्र से परिषदीय विद्यालयों में शुरू होनी है पढ़ाई, राज्य शिक्षा संस्थान में शिक्षकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण


प्रयागराज ।  वैदिक गणित से कम समय में बड़ी से बड़ी गणना आसानी से की जा सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए एससीईआरटी ने अपनी कार्य योजना में वैदिक गणित को शामिल किया है। परिषदीय स्कूलों की प्राथमिक कक्षाओं में नए सत्र से इसकी पढ़ाई शुरू होनी है। वैदिक गणित का प्रशिक्षण देने के लिए राज्य शिक्षा संस्थान, एलनगंज में 11 सितंबर से शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका समापन एक अक्तूबर को होगा।


संस्थान की सहायक उप शिक्षा निदेशिका डॉ. दीप्ति मिश्रा ने बताया कि वैदिक गणित को समझाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा विशेष रूप से मॉड्यूल तैयार कराया गया है। इसमें वैदिक गणित का परिचय, जोड़, घटाव व गुणन संक्रिया, लघुत्तम समापवर्त्य, महत्तम समापवर्त्य को प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाया जाएगा। 


प्राथमिक स्तर पर कक्षा तीन, चार और पांच में वैदिक गणित सिखाने के लिए सभी 75 जिलों से एक डायट प्रवक्ता, दो प्राथमिक कक्षाओं के शिक्षक को मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह सभी प्रशिक्षित शिक्षक अपने जिलों में जाकर अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे।


वैदिक गणित, गणित की एक प्राचीन प्रणाली का नाम है। यह सामान्य नियमों और सिद्धांतों पर आधारित गणना की एक अद्वितीय विधि है। शोध और लेखों के आधार पर बीजगणित, लघुगणक, वर्गमूल, घनमूल आदि गणना की विभिन्न विधियों और शून्य की परिकल्पना रखी गई थी। इसमें सोलह सूत्र है। इससे कई गणनाओं को आसानी से और मौखिक रूप में हल किया जा सकता है।


बीजगणित और रेखागणित के सवाल हल करने में मिलती है। मदद वैदिक गणित के जरिए गणनाएं आसान हो जाती हैं। समय भी कम लगता है। यह गणित की वैज्ञानिक प्रणाली है। इसका प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थी भी लाभ उठा सकते हैं। इससे बीजगणित, रेखागणित कैलकुलस को हल करने में आसानी होती है।

Monday, August 21, 2023

शब्दकोश निर्माण से बच्चों में बेहतर होगी गणित की समझ, राज्य शिक्षा संस्थान पहली बार बना रहा है शब्दकोश, गणित के कठिन शब्दों को आसान भाषा में समझाएंगे

शब्दकोश निर्माण से बच्चों में बेहतर होगी गणित की समझ

05 वीं तक के एक करोड़ से अधिक बच्चों को लाभ

■ राज्य शिक्षा संस्थान पहली बार बना रहा है शब्दकोश 
■ गणित के कठिन शब्दों को आसान भाषा में समझाएंगे


प्रयागराज । प्रदेश के एक लाख से अधिक परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा एक से पांच तक के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं में गणित की समझ बेहतर बनाने के लिए पहली बार गणित विषय का शब्दकोश बनाया जा रहा है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से अनुमति मिलने के बाद शब्दकोश निर्माण के लिए राज्य शिक्षा संस्थान एलनगंज में सात अगस्त को कार्यशाला शुरू हुई है जो नौ सितंबर तक चलेगी।


संस्थान के प्राचार्य नवल किशोर का कहना है कि बच्चों के मानसिक स्तर के अनुसार गणित के कठिन शब्दों को सरल और रोजमर्रा की बोलचाल की भाषा में समझाने के लिए शब्दकोश बनवाया जा रहा है। इसके लिए बाहरी विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया है। संस्थान की सहायक उप शिक्षा निदेशक और समन्वयक समग्र शिक्षा डॉ. दीप्ति मिश्रा के अनुसार गणित के कई शब्द ऐसे होते हैं जो आसानी से समझ नहीं आते। इन शब्दों को समझने में छोटे बच्चों को अधिक परेशानी होती है। इसलिए शब्दकोश तैयार किया जा रहा है।


Thursday, July 6, 2023

प्राइमरी के बच्चे भी पढ़ेंगे हिंदी व्याकरण, राज्य शिक्षा संस्थान व्याकरण पुस्तिका तैयार कर रहा

प्राइमरी के बच्चे भी पढ़ेंगे हिंदी व्याकरण, राज्य शिक्षा संस्थान व्याकरण पुस्तिका तैयार कर रहा


प्रयागराज । सृजनात्मक और रचनात्मकता की क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी है कि हिंदी व्याकरण पर भी बेहतर पकड़ हो । इसी को देखते हुए प्राइमरी से ही बच्चों में हिंदी व्याकरण की समझ बढ़ाने के लिए राज्य शिक्षा संस्थान व्याकरण पुस्तिका तैयार कर रहा है। जो जल्द ही पाठ्यक्रम में शामिल होगी।


कक्षा एक से पांचवीं तक के लिए व्याकरण पुस्तिका पर काम अंतिम दौर में है। इसके माध्यम से छात्र-छात्राओं में भाषिक अनुशासन का विकास हो सकेगा। इसके साथ ही बच्चों में छोटी कक्षा से ही रचनात्मकता और सृजनात्मक क्षमता भी विकसित की जा सकेगी।

Wednesday, July 5, 2023

शब्दकोश आसान करेगा गणित की गणना, राज्य शिक्षा संस्थान की तैयारी

शब्दकोश आसान करेगा गणित की गणना, राज्य शिक्षा संस्थान की तैयारी 


प्रयागराज | गणित विषय का नाम लेते ही अक्सर बच्चों में डर दिखने लगता है। ऐसे में बच्चों को आसान रूप से गणित समझाने और उनके अंदर के डर को मिटाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य शिक्षा संस्थान एक गणित शब्दकोश तैयार कर रहा है। इसको जल्द ही परिषदीय स्कूलों में बच्चों के पाठ्यक्रम में लागू कर दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बच्चों की पढ़ाई को सरल बनाने के लिए हर स्तर पर तैयारी चल रही है।


 राज्य शिक्षा संस्थान इसके लिए अलग पहल कर रहा है। ऐसे में राज्य शिक्षा संस्थान की तरफ से गणित विषय को लेकर बच्चों के डर को खत्म करने  के लिए कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तक पर आधारित गणित शब्दकोश तैयार किया जा रहा है। इससे बच्चों को गणित की भाषा समझने में मदद मिलेगी, साथ ही गणित शब्दकोश के सहारे छात्र-छात्राएं गणित की कठिन शब्दावलियों से परिचित होंगे।