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Friday, September 8, 2023

बेसिक शिक्षा की तरह माध्यमिक शिक्षा में लागू होगा लर्निंग आउटकम, जानिए! क्या है लर्निंग आउटकम?

बेसिक शिक्षा की तरह माध्यमिक शिक्षा में लागू होगा लर्निंग आउटकम, जानिए! क्या है लर्निंग आउटकम?

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कक्षा एक से आठ की तरह माध्यमिक कक्षाओं में भी लर्निंग आउटकम से छात्र-छात्राओं के ज्ञान का स्तर परखेंगे। यूपी बोर्ड से जुड़े प्रदेशभर के 27 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक विद्यार्थियों के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने पाठ्यसामग्री और लर्निंग आउटकम विकसित किया है।


इसकी समीक्षा करने के लिए गठित प्रमाणीकरण कमेटी की पहली बैठक 29 अगस्त को एससीईआरटी लखनऊ में हो चुकी। बैठक में यूपी बोर्ड, राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान, राज्य शिक्षा संस्थान एवं आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। पाठ्यसामग्री और लर्निंग आउटकम को मंजूरी मिलने के बाद इन्हें माध्यमिक कक्षाओं में लागू किया जाएगा।


क्या है लर्निंग आउटकम

लर्निंग आउटकम का मतलब है कि बच्चे ने किसी विषय में कितना सीखा या ज्ञान अर्जित किया। समय-समय पर मूल्यांकन के जरिए इसका पता चलता है। बच्चे कई तरीकों से सीखते हैं जैसे सुनकर, पढ़कर, खेलकर, बातचीत से और काम करते हुए। इस तरह सीखने से उनके व्यवहार में परिवर्तन आते हैं। ये परिवर्तन जब महसूस किए जाते हैं और आकलित किए जाते हैं तो ये सीखने के प्रतिफल (लर्निंग आउटकम) कहलाते हैं।



माध्यमिक शिक्षा में भी लागू होगा ‘लर्निंग आउटकम’

लखनऊ : लर्निंग आउटकम के माध्यम से कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के ज्ञान का स्तर परखा जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से इसके लिए बकायदा पाठ्य सामग्री एवं लर्निंग आउटकम विकसित किया गया है। सरकार ने इसके लिए विशेषज्ञों की एक प्रमाणीकरण समिति बना दी है जो जल्द ही तैयार पाठ्य सामग्री और लर्निंग आउटकम की ग्राह्यता की जांच करेगी। समिति की मंजूरी के बाद माध्यमिक शिक्षा में इसे लागू किया जाएगा।


प्राइमरी व अपर प्राइमरी की भांति माध्यमिक कक्षाओं में भी लर्निंग आउटकम का ज्ञान बढ़ाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं ताकि कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों द्वारा अर्जित किये गये ज्ञान का मूल्यांकन किया जा सके। मंगलवार को समिति की हुई बैठक में विषय वस्तु विशेषज्ञों के अलावा यूपी बोर्ड, राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान, राज्य शिक्षा संस्थान तथा आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।


लर्निंग आउटकम

किसी विषय में बच्चे ने कितना सीखा या ज्ञान अर्जित किया उसे लर्निंग आउटकम कहते हैं। अलग-अलग अंतरालों पर किए जाने वाले मूल्यांकन के माध्यम से इसका पता चलता है।



माध्यमिक कक्षाओं में भी होगा लर्निंग आउटकम, यूपी बोर्ड के एक करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को पढ़ाई में होगा लाभ, लर्निंग आउटकम से परखा जाएगा छात्रों के ज्ञान का स्तर



प्रयागराज : कक्षा एक से आठ की तरह माध्यमिक कक्षाओं में भी लर्निंग आउटकम से छात्र-छात्राओं के ज्ञान का स्तर परखेंगे। यूपी बोर्ड से जुड़े प्रदेशभर के 27 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक विद्यार्थियों के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने पाठ्यसामग्री और लर्निंग आउटकम विकसित किया है।


इसकी समीक्षा करने के लिए गठित प्रमाणीकरण कमेटी की पहली बैठक 29 अगस्त को एससीईआरटी लखनऊ में होने जा रही है। बैठक में यूपी बोर्ड, राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान, राज्य शिक्षा संस्थान एवं आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है। पाठ्यसामग्री और लर्निंग आउटकम को मंजूरी मिलने के बाद माध्यमिक कक्षाओं में लागू किया जाएगा।

क्या है लर्निंग आउटकम

लर्निंग आउटकम का मतलब है कि बच्चे ने किसी विषय में कितना सीखा या ज्ञान अर्जित किया। समय-समय पर मूल्यांकन के जरिए इसका पता चलता है। बच्चे कई तरीकों से सीखते हैं जैसे सुनकर, पढ़कर, खेलकर, बातचीत से और काम करते हुए। इस तरह सीखने से उनके व्यवहार में परिवर्तन आते हैं। ये परिवर्तन जब महसूस किए जाते हैं और आंकलित किए जाते हैं तो ये सीखने के प्रतिफल कहलाते है।

Wednesday, November 3, 2021

12 नवंबर को होगी नेशनल अचीवमेंट सर्वे के तहत लर्निंग आउटकम की परीक्षा NATIONAL ACHIEVEMENT SURVEY

12 नवंबर को होगी नेशनल अचीवमेंट सर्वे के तहत लर्निंग आउटकम की परीक्षा NATIONAL ACHIEVEMENT SURVEY


● तीसरी, पांचवीं, आठवीं एवं 10वीं कक्षा के स्तर पर सीखने परिणाम जांचने को परीक्षा

● स्कूली छात्रों के शिक्षा के स्तर के आकलन के लिए 12 नवंबर को  नेशनल एचीवमेंट सर्वे

    

National Achievement Survey 2021: राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में इस वर्ष 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 733 जिलों में 1.23 लाख स्कूल हिस्सा ले रहे हैं. शिक्षा के स्तर का आकलन करने के लिये राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 का आयोजन होगा.

स्कूली छात्रों में शिक्षा के स्तर का आकलन करने के लिये राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 का आयोजन 12 नवंबर को किया जायेगा. शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 के तहत तीसरी, पांचवीं, आठवीं एवं 10वीं कक्षा के छात्रों के शैक्षणिक स्तर का आकलन किया जाता है. इस बार इसके संचालन में निजी स्कूलों को भी शामिल करने का निर्णय किया गया है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में इस वर्ष 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 733 जिलों में 1.23 लाख स्कूल हिस्सा ले रहे हैं.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने छात्रों के सीखने के परिणामों एवं उनकी क्षमता का आकलन करने के लिये मूल्यांकन ढांचा तैयार किया है. राष्ट्रीय स्तर पर यह सर्वेक्षण केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा आयोजित किया जायेगा.

मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण से छात्रों में सीखने से जुड़ी कमियों का पता लगाने और उसके अनुरूप शिक्षा नीति में जरूरी उपाए करने में मदद मिलेगी. इससे शिक्षा एवं अधिकारियों के क्षमता उन्नयन में भी मदद मिलेगी.

राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 में केंद्र एवं राज्य सरकार के सरकारी विद्यालयों, सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों तथा निजी एवं गैर सहायता प्राप्त स्कूल शामिल होंगे. सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के अलावा राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में निजी एवं गैर पंजीकृत स्कूलों को भी शामिल किया जाए ताकि छात्रों के सीखने के नतीजों के समग्र दृष्टिकोण का पता लगाया जा सके और एकीकृत राष्ट्रीय मानकों का विकास किया जा सके.
मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी जिलों को एनसीईआरटी द्वारा विकसित ढांचे के अनुरूप तीसरी, पांचवीं, आठवीं एवं 10वीं कक्षा के स्तर पर सीखने के परिणामों, जनजातीय छात्रों की शैक्षणिक स्थिति सहित उपलब्धियों का आकलन किया जायेगा.




नेशनल अचीवमेंट सर्वे के तहत लर्निंग आउटकम की परीक्षा पूरे देश में 12 नवंबर को प्रस्तावित है।

इसके पूर्व नेशनल अचीवमेंट सर्वे की परीक्षा 2017 में हुई थी। प्रत्येक तीन वर्ष पर होने वाली नेशनल अचीवमेंट सर्वे की परीक्षा 2020 में प्रस्तावित थी, लेकिन कोविड-19 के कारण तब यह परीक्षा नहीं हो सकी। 



परीक्षा कराने के लिए नामित सभी फील्ड इंवेस्टिगेटर जो मूल रूप से एआरपी, शिक्षक संकुल, एसआरजी, प्रशिक्षु और विभिन्न संस्थानों के प्रवक्ता हैं। इनको डायट  द्वारा लर्निंग आउटकम परीक्षा से संबंधित विभिन्न गतिविधियों की सूक्ष्म जानकारी विस्तार से दी जानी है।

इस अभियान के तहत प्रदेश के चुनिंदा विद्यालयों का चयन किया है। इन विद्यालय में परीक्षा कराने के लिए कई फील्ड इंवेस्टिगेटर को नामित किया है।

 परीक्षा कक्षा तीन, पांच, आठ और दस के विद्यार्थियों से संबंधित है। परीक्षा कराने के लिए प्रत्येक विद्यालयों में फील्ड इन्वेस्टिगेटर के अलावा एक ऑब्जर्वर को भी नामित किया है। 

Saturday, January 23, 2021

बच्चों की परीक्षा ग्रेड से पदोन्नत होंगे परिषदीय विद्यालयों के गुरुजी, ये हैं नई व्यवस्था के तहत नए नियम

बच्चों की परीक्षा ग्रेड से पदोन्नत होंगे परिषदीय विद्यालयों के गुरुजी, ये हैं नई व्यवस्था के तहत नए नियम


शिक्षकों का ब्योरा अब मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड होगा। इसमें शिक्षकों के अंक निर्धारित किए गए हैं। इनके आधार पर ही अध्यापकों को अंक मिलेंगे। इस संबंध में बेसिक शिक्षा महानिदेशक ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है।


सर्वाधिक अंक लरनिंग आउटकम की अंतिम परीक्षा में बच्चों को प्राप्त ग्रेड से ही गुरुजनों को पदोन्नति मिलेगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाध्यापकों एवं सहायक अध्यापकों की गोपनीय आख्या तैयार करने के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। शिक्षक 15 अप्रैल तक निर्धारित प्रारूप पर ब्योरा भरेंगे। अलग-अलग कार्यों के लिए निर्धारित कुल 100 अंकों वाले इस ब्योरे को मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करना होगा।



बीएसए 31 मई तक वार्षिक आख्या को पोर्टल पर सबमिट करेंगे। सर्वाधिक अंक लर्निंग आउटकम की अंतिम परीक्षा में बच्चों को प्राप्त ग्रेड से ही गुरुजनों को पदोन्नति मिलेगी। इसमें बच्चों की उपस्थिति एवं आउट ऑफ स्कूल बच्चों के नामांकन पर भी अच्छे अंक दिए जाएंगे।


वहीं, ऑपरेशन कायाकल्प के सभी पैरामीटर संतृप्त होने पर अंक मिलेंगे कोई पैरामीटर असंतृप्त रह गया तो उसके लिए शून्य अंक दिया जाएगा । बीएसए ने बताया कि यह व्यवस्था शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए शुरू की गई है। इससे शिक्षा व्यवस्था बेहतर होगी।


यह है नियम
आधारशिला, ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह माड्यूल को शिक्षण कार्य में नियमित प्रयोग करने पर 10 अंक मिलेंगे। वहीं, इसके न होने पर शून्य अंक मिलेंगे न पर शून्य अंक मिलेंगे। विद्यालय में 60 से 80 फीसद तक छात्रों की उपस्थिति पर पांच अंक मिलना तय हुआ है डिजिटल शिक्षा सामग्री का नियमित  प्रयोग करने पर 10 अंक, इसके अलावा रिजल्ट कार्ड सभी छात्रों को शत-प्रतिशत वितरित करने पर 10 अंक दिए जाएंगे। 



आउट आफ स्कूल बच्चों का सर्वेक्षण व चिह्नित बच्चों का नामांकन कराने पर 10 अंक दिए जाएंगे। विद्यालय प्रबंध समिति की नियमित बैठक में प्रतिभाग करने पर 10 अंक शिक्षकों के 60 से 80 फीसद उपस्थिति पर पांच अंक, 80 फीसद से अधिक पर 10 अंक निर्धारित किया गया है। छात्रों द्वारा पुस्तकालय का नियमित प्रयोग करने पर 10 अंक और विद्यालय में छात्रों की 80 फीसद से अधिक उपस्थिति पर 10 अंक दिए जाएंगे।

Sunday, February 23, 2020

फतेहपुर : लर्निंग आउटकम के आधार पर SAT-2 की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन बी0टी0सी0/डी0एल0एड0 प्रशिक्षुओं से कराए जाने के सम्बन्ध में आदेश जारी, देखें

फतेहपुर : लर्निंग आउटकम के आधार पर SAT-2 की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन बी0टी0सी0/डी0एल0एड0 प्रशिक्षुओं से कराए जाने के सम्बन्ध में आदेश जारी, देखें।





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Monday, February 17, 2020

फतेहपुर : लर्निंग आउटकम के आधार पर उपलब्धि स्तर के आकलन (SAT-2) हेतु दिशा निर्देश जारी, देखें

फतेहपुर : लर्निंग आउटकम के आधार पर उपलब्धि स्तर के आकलन (SAT-2) हेतु दिशा निर्देश जारी, देखें।






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Friday, February 7, 2020

फतेहपुर : लर्निंग आउटकम परीक्षा सुचारू रूप से सम्पन्न कराने हेतु नोडल अधिकारी हुए नियुक्त, देखें सूची

फतेहपुर : लर्निंग आउटकम परीक्षा सुचारू रूप से सम्पन्न कराने हेतु नोडल अधिकारी हुए नियुक्त, देखें सूची।























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