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Friday, April 14, 2017

गोरखपुर : विद्यालय के पुस्तकालय में बच्चे पढ़ेंगे पंचतंत्र की कहानियां, पहले चरण में हुआ 100 विद्यालयों का चयन


इन विद्यालयों का हुआ चयन पुस्तकालय स्थापित करने के लिए विद्यालयों का चयन विकास खंडवार किया गया है। जनपद के चार विकास खंडों से चार-चार और बाकी विकासखंडों से पांच-पांच विद्यालयों का चयन किया गया है। कस्तूरबा विद्यालयों का चयन अलग से किया गया है। चयन में उन विद्यालयों को प्राथमिकता दी गयी है जहां अल्पसंख्यक छात्र अधिक संख्या में हैं।

बच्चों में पढ़ने के प्रति इच्छा जागृति करने के उद्देश्य से विद्यालयों में पुस्तकालय स्थापित किए जा रहे हैं। कविता, कहानी की किताबें पढ़ने से बच्चों में पढ़ने की आदत का विकास होगा। जिससे पाठ्यक्रम से जुड़ी किताबों के प्रति भी उनका रुझान बढ़ेगा।  एसके चौबे, जिला प्रशिक्षण समन्वयक

परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था ठीक करने के लिए रोज नई-नई योजनाएं बन रही हैं। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि जगाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत अब पुस्तकालय स्थापित करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए शासन ने धन भी अवमुक्त कर दिया। यह धनराशि विद्यालयों को भेजी जा चुकी है। पुस्तकालय में पंचतंत्र की कहानियों जैसी किताबें रखी जाएंगी। ताकि इनको पढ़कर बच्चों में पढ़ने की आदत का विकास हो सके। इस योजना के तहत गोरखपुर में पहले चरण में 100 विद्यालयों का चयन किया गया है। इसमें 96 परिषदीय विद्यालय और चार कस्तूरबा विद्यालय हैं। इस माह के अंत तक चयनित विद्यालयों में पुस्तकालय की स्थापना कर ली जाएगी। यहां रखी जाने वाली पुस्तकें एनसीआरटी द्वारा अनुमोदित हैं। किताबों की खरीद नेशनल बुक ट्रस्ट से की जानी है। वैसे तो प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई के लिए पाठ्यक्रम निर्धारित है लेकिन इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए पाठ्यक्रम से अलग हटकर शिक्षा देने की जरूरत महसूस की जा रही थी।

कविता, कहानियों की होंगी किताबें : विद्यालयों में खुलने वाले पुस्तकालय में कविता और कहानियों की किताबें रखी जाएंगी। खासकर जो किताबें बच्चों के सोच को विकसित करने में मददगार साबित हों। किताबें खरीदने के लिए शासन ने छह हजार रुपये तथा बुक शेल्फ बनवाने के लिए आठ हजार रुपये अवमुक्त किए हैं।

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