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Friday, December 4, 2015

संभल : चुनाव के कारण स्कूलों में पढ़ाई चौपट अधर में लटकी परीक्षा

स्कूलों में पढ़ाई चौपट अधर में लटकी परीक्षा!
मतदान के लिए अधिग्रहित किए गए है विद्यालय

मनमोहन वार्ष्णेय बहजोई : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अगल-अलग समय पर कराए गए पंचायत चुनाव से सरकारी स्कूलों की पठन-पाठन व्यवस्था चौपट हो गई है। पहली बार जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत का चुनाव हुआ तो अब ग्राम प्रधानी व पंचायत सदस्यों के चुनाव से सरकारी स्कूलों की पढ़ाई चौपट होने की कगार पर है। अब आधे-अधूरे कोर्स के बीच ही वार्षिक परीक्षाओं को संपन्न कराने की तैयारी हो रही है। 1त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत का चुनाव ऐसे समय पर हुआ जब स्कूलों में परीक्षाओं का आयोजन होना था। उसके बाद जब पाठयक्रम पूरा कराना था तब तक प्रधानी चुनाव आ गया। अब विद्यालयों के अधिग्रहित करने व शिक्षकों के चुनाव डयूटी में लगने से पठन-पाठन व्यवस्था लड़खड़ा रही है। परिषदीय विद्यालयों को ही मतदान केन्द्र बनाया जाता है। एक व दो नवम्बर को मतगणना के बाद विद्यालयों में आनन-फानन में परीक्षाएं अधूरे कोर्स के बीच ही निपटा ली गयी। एक बार फिर पंचायत चुनाव का दूसरा चरण प्रधान व पंचायत सदस्य चुनाव का शुरू हो गया है। इस चुनाव में परिषदीय, प्राथमिक व जूनियर स्कूलों के शिक्षकों को मतदाता सूची पुनरीक्षण से लेकर मतदान कराने व मतगणना कराने तक की डयूटी करनी पड़ रही है। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता क्या होगी। प्रधानी चुनाव के बाद तेरह दिसम्बर को मतगणना होगी। ऐसे में स्कूल दिसम्बर के दूसरे पखवारे में ही सुचारू रूप से चल सकेंगे। 1न लिया जाए अतिरिक्त कार्य : शिक्षक अंजीव श्रोत्रिय ने कहा कि जब तक शिक्षकों से पढ़ाने के अलावा अतिरिक्त कार्य, जनगणना मकान गणना, पशु गणना, बाल गणना, मतदान एवं मतगणना का कार्य लिय जाएगा। तब तक प्राथमिक शिक्षा का स्तर बढ़ाना मुश्किल होगा। 1एक साथ होने चाहिए थे चुनाव : इंटर कालेज के प्रवक्ता ने कहा कि कोई भी चुनाव हो, यदि गांव के विद्यालयों को मतदान केन्द्र बनाया जाता है तो शिक्षण कार्य करीब एक माह पीछे चला जाता है। चुनाव से शिक्षा विभाग को अलग रखना चाहिए। 1स्कूल खुलने पर पूरा होगा कोर्स : छमाही की परीक्षा अधूरे कोर्स के बीच ही कराई गयी। अब वार्षिक परीक्षा की तैयारी हो या पंचायत चुनाव की। कभी छुट्टी तो कभी चुनाव ऐसे में बच्चों को पढ़ाने के लिए कब समय निकाला जाए। यह विभाग को तय कर देना चाहिए। 1गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह इस त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में परिषदीय, प्राथमिक व जूनियर स्कूलों के शिक्षकों को मतदाता सूची पुनरीक्षण से लेकर मतदान कराने व मतगणना कराने तक की डयूटी करनी पड़ रही है। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता क्या होगी। इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। 16मतदान के लिए अधिग्रहित किए गए है विद्यालय

शासन के निर्देश पर चुनाव कराना पहली प्राथमिकता है। केवल मतदान के दिन ही विद्यालय बंद किये गये। इसके अलावा परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक कार्य समयानुसार चल रहे हैं। अर्धवार्षिक परीक्षाओं को करा लिया गया है। 1प्रेमचन्द्र यादव जिला बेसिक शिक्षा अधिकारीशासन के निर्देश पर चुनाव कराना पहली प्राथमिकता है। केवल मतदान के दिन ही विद्यालय बंद किये गये। इसके अलावा परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक कार्य समयानुसार चल रहे हैं। अर्धवार्षिक परीक्षाओं को करा लिया गया है।
प्रेमचन्द्र यादव जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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