इलाहाबाद : जल्द ही शिक्षा निदेशालय बदला-बदला नजर आएगा। इस अहम कार्यालय की शक्ल भले ही न बदले, लेकिन कार्यशैली पहले जैसी नहीं रहेगी। यहां महालेखाकार कार्यालय की छाप दिखेगी जहां कर्मचारियों का आना-जाना और उनके काम करने का तरीका बिल्कुल प्राइवेट ऑफिस जैसा होगा। यह सब यहां इसलिए संभव हो सकेगा, क्योंकि यहां सीसीटीवी कैमरे व अन्य प्रबंध करने की तैयारी है।
शिक्षा निदेशालय की मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे मिनिस्टीरियल संघ के कर्मचारियों की बीते 22 दिसंबर 2015 को प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार के साथ वार्ता हुई। इसमें सालों से लंबित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई और उसमें अपेक्षित जवाब हासिल नहीं हो सका, लेकिन आला अफसर ने कर्मचारियों की निगरानी का पूरा बंदोबस्त कर दिया है। उनसे कहा गया कि निदेशालय की स्वच्छ छवि, पारदर्शिता एवं समस्याओं का त्वरित निस्तारण करने के लिए निदेशालय में कुछ प्रावधान जरूरी हैं। इसमें निदेशालय के हर कक्ष में सीसीटीवी कैमरा लगाया जाना चाहिए, ताकि कौन क्या कर रहा है इसकी जानकारी रहे। ऐसे ही कर्मचारियों के आने-जाने की निगरानी के लिए बायोमेटिक मशीन लगना जरूरी है। साथ ही हर कर्मचारी के पटल पर नेम प्लेट होना चाहिए। बताते हैं कि संघ ने भी इसमें सहमति जताई।
शिक्षा निदेशक माध्यमिक अमर नाथ वर्मा ने अपर निदेशक रमेश को पत्र भेजा है और इसमें कहा गया है कि शासन के कार्यवृत्त में लिए गए निर्णय के अनुसार प्रस्ताव तत्काल शासन को भेजा जाए। माना जा रहा है कि इसके बाद यहां पर आज के परिवेश के मुताबिक जरूरी प्रबंध किए जाएंगे। असल में महालेखाकार कार्यालय में भी कैमरे आदि तभी लगे जब वहां कर्मचारी आंदोलनरत हो गए थे। ऐसे ही हालात शिक्षा निदेशालय के बन रहे हैं। इसलिए कर्मचारियों पर नकेल कसने के लिए अब हाईटेक प्रबंध होंगे।
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