44 अनुदेशकों की सेवाएं समाप्त,100 से कम छात्र संख्या होने पर हुई कार्यवाही, बीएसए पर मनमानी का आरोप,
सीतापुर (ब्यूरो)। बीएसए ने 44 अनुदेशकों की सेवाएं समाप्त कर दी है। यह कार्रवाई अनुदेशकों का रिन्यूवल करते समय मानक अपूर्ण मिलने व स्कूलों में छात्र संख्या एक सैकड़ा से कम मिलने पर की गई है। इससे अनुदेशकों में हड़कंप मच गया है।
मालूम हो कि उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अनुदेशकों की संविदा के आधार पर नियुक्ति की गई थी। यह अनुदेशक खेल, शारीरिक शिक्षा, शिल्पकला सहित अन्य विषयों के रखे गए थे। इनको प्रतिमाह मानदेय मिलता है। अनुदेशकों का प्रतिवर्ष जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा रिन्यूवल कराया जाता है।
विभाग का कहना है कि अनुदेशकों की नियुक्ति के समय शर्त रखी गई थी। जिन विद्यालयों में छात्र संख्या एक सैकड़ा से अधिक है, वहां पर अनुदेशक रखे जाएंगे।
इस आधार पर बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों से अनुदेशक वाले स्कूलों की छात्र संख्या मांगी थी। इस पर बीईओ ने बीएसए को रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें जिले में 44 अनुदेशक ऐसे मिले है, जिनके स्कूलों में छात्र संख्या एक सैकड़ा से कम है।
इस आधार पर बीएसए ने इन अनुदेशकों की सेवाएं समाप्त कर दी है।
मानक पूरा न करने पर हुई कार्रवाई :
अनुदेशकों की नियुक्ति एक सैकड़ा छात्र संख्या के आधार पर की गई थी। यह मानक जिले में 44 अनुदेशक पूरा नहीं कर रहे थे। जिस पर इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
-संजीव सिंह, बीएसए
बीएसए पर मनमानी का आरोप :
सीतापुर। उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने छात्र संख्या के आधार पर निकाले गए अनुदेशकों के मामले में सोमवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। प्रदेश महामंत्री एवं जिला अध्यक्ष महेंद्र पाठक का कहना है कि अनुदेशकों के शासनादेश में एक सैकड़ा बच्चे न होने पर नवीनीकरण न करने की बात कहीं नहीं उल्लिखित है।
परियोजना द्वारा मई 2015 में सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि समय से सभी अनुदेशकों का नवीनीकरण कराकर सत्र को सुचारू रूप से संचालित किया जाए। उक्त निर्देशों का उल्लंघन करते हुए बीएसए ने अनुदेशकों का नवीनीकरण छह माह उपरान्त किया।
उन्होंने कहा कि यदि अनुदेशकों को नियम विरूद्ध मनमाने तरीके से बेरोजगार किया गया तो सभी अनुदेशक कार्य बहिष्कार करते हुए बीएसए ऑफिस पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने को बाध्य होंगे।
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