DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Friday, July 25, 2025

स्कूलों के विलय के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार

स्कूलों के विलय के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार

25 जुलाई 2025
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सैकड़ों सरकारी स्कूलों के विलय के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया। जस्टिस दीपंकर दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि चूंकि मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहा है इसलिए याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाना चाहिए।

 तैय्यब खान सलमानी की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया था कि सरकार के इस कदम से राज्य में हजारों से अधिक छात्रों को निजी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। सात जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को राहत देते हुए सैकड़ों स्कूलों के विलय के फैसले को हरी झंडी दी थी। 



स्कूल मर्जर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

21 जुलाई 2025
परिषदीय स्कूलों के विलय के विरोध में अब पीलीभीत के बच्चों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका हुई है। कल्याणपुर गांव राठ पीलीभीत की दस वर्षीय छात्रा सेन्सी देवी, चांदपुर गांव राठ पीलीभीत की नौ वर्षीय कोमल और इसी गांव की सात वर्षीय मिली देवी ने अपने अभिभावकों के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

 याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता की दलील है कि बच्चों के मौलिक एवं संवैधानिक शिक्षा के अधिकार को बिना संसदीय स्वीकृति के बाधित नहीं किया जा सकता। यही नहीं सरकार के इस कदम को मनमाना भी बताया है। गौरतलब है कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका हो चुकी है।

मामला Sensi Devi बनाम State of U.P. (डायरी संख्या 38597/2025) है, जो स्कूल पेयरिंग मामले को लेकर है। Sensi Devi केस चीफ जस्टिस की पीठ में सूचीबद्ध है। 




स्कूल मर्जर के खिलाफ अब बच्चे पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

18 जुलाई 2025
प्रयागराज । परिषदीय स्कूलों के विलय के विरोध में अब पीलीभीत के बच्चों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका हुई है। कल्याणपुर गांव राठ पीलीभीत की दस वर्षीय छात्रा सेन्सी देवी, चांदपुर गांव राठ पीलीभीत की नौ वर्षीय कोमल और इसी गांव की सात वर्षीय मिली देवी ने अपने अभिभावकों के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

 याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता की दलील है कि बच्चों के मौलिक एवं संवैधानिक शिक्षा के अधिकार को बिना संसदीय स्वीकृति के बाधित नहीं किया जा सकता। यही नहीं सरकार के इस कदम को मनमाना भी बताया है। गौरतलब है कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका हो चुकी है।



सुप्रीम कोर्ट पहुंचा स्कूलों के मर्जर का मामला, यूपी में हजारों स्कूल बंद करने के फैसले को जनहित याचिका के जरिए चुनौती

15 जुलाई 2025
उत्तर प्रदेश में हजारों सरकारी स्कूलों को बंद करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई. याचिका में कहा गया कि सरकार के इस कदम से राज्य में 3 लाख 50 हज़ार से ज़्यादा छात्रों को निजी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.


उत्तर प्रदेश में 5 हजार सरकारी स्कूलों को बंद करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई. याचिका में कहा गया कि सरकार के इस कदम से राज्य में 3 लाख 50 हज़ार से ज़्यादा छात्रों को निजी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की.सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई का भरोसा देते हुए कहा कि हालांकि यह सरकार का नीतिगत मामला है. याचिकाकर्ता के वकील प्रदीप यादव ने कोर्ट से इस संवेदनशील मामले पर शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया.

सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग
उत्तर प्रदेश में 70 से कम छात्र संख्या वाले 5 हजार सरकारी प्राथमिक स्कूलों को बंद करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई. याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के निर्णय को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया कि सरकार के इस कदम से राज्य में 3 लाख 50 हज़ार से ज़्यादा छात्रों को निजी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की. सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई का भरोसा देते हुए कहा कि हालांकि यह सरकार का नीतिगत मामला है. याचिकाकर्ता के वकील  प्रदीप यादव ने कोर्ट से इस संवेदनशील मामले पर शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया.


5,000 स्कूलों के मर्जर के फैसले को मिली थी हरी झंडी
पिछले हफ्ते सोमवार सात जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को राहत देते हुए 5,000 स्कूलों के मर्जर के फैसले को हरी झंडी दिखा दी थी. कोर्ट ने सरकार के 16 जून 2025 के शासनादेश की अधिसूचना के खिलाफ सीतापुर और पीलीभीत के 51 छात्रों की याचिका खारिज कर दी. अधिसूचना के मुताबिक राज्य के दूरदराज में स्थित जिन सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में 70 या इससे कम छात्र हों उनका आसपास के अन्य विद्यालयों में विलय कर दिया गया.

No comments:
Write comments