सुप्रीम कोर्ट पहुंचा स्कूलों के मर्जर का मामला, यूपी में हजारों स्कूल बंद करने के फैसले को जनहित याचिका के जरिए चुनौती
उत्तर प्रदेश में हजारों सरकारी स्कूलों को बंद करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई. याचिका में कहा गया कि सरकार के इस कदम से राज्य में 3 लाख 50 हज़ार से ज़्यादा छात्रों को निजी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
उत्तर प्रदेश में 5 हजार सरकारी स्कूलों को बंद करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई. याचिका में कहा गया कि सरकार के इस कदम से राज्य में 3 लाख 50 हज़ार से ज़्यादा छात्रों को निजी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की.सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई का भरोसा देते हुए कहा कि हालांकि यह सरकार का नीतिगत मामला है. याचिकाकर्ता के वकील प्रदीप यादव ने कोर्ट से इस संवेदनशील मामले पर शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया.
सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग
उत्तर प्रदेश में 70 से कम छात्र संख्या वाले 5 हजार सरकारी प्राथमिक स्कूलों को बंद करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई. याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के निर्णय को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया कि सरकार के इस कदम से राज्य में 3 लाख 50 हज़ार से ज़्यादा छात्रों को निजी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की. सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई का भरोसा देते हुए कहा कि हालांकि यह सरकार का नीतिगत मामला है. याचिकाकर्ता के वकील प्रदीप यादव ने कोर्ट से इस संवेदनशील मामले पर शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया.
5,000 स्कूलों के मर्जर के फैसले को मिली थी हरी झंडी
पिछले हफ्ते सोमवार सात जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को राहत देते हुए 5,000 स्कूलों के मर्जर के फैसले को हरी झंडी दिखा दी थी. कोर्ट ने सरकार के 16 जून 2025 के शासनादेश की अधिसूचना के खिलाफ सीतापुर और पीलीभीत के 51 छात्रों की याचिका खारिज कर दी. अधिसूचना के मुताबिक राज्य के दूरदराज में स्थित जिन सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में 70 या इससे कम छात्र हों उनका आसपास के अन्य विद्यालयों में विलय कर दिया गया.
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