प्रदेश सरकार ने कक्षा एक से आठ तक के पाठ्यक्रम में अब पोषण विषय अनिवार्य कर दिया है। वर्ष 2016-17 के शैक्षिक सत्र से ही इसे लागू किया जाएगा। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन व टैबलेट मिलेगा। पहले चरण में 20 जिलों की 98 परियोजनाओं 21,991 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं मुख्य सेविकाओं को स्मार्ट फोन व टैबलेट तत्काल उपलब्ध कराया जायेगा। मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में मंगलवार को पोषण मिशन की बैठक हुई, जिसमें यह फैसला किया गया। यह भी कहा गया कि कुपोषित बच्चों का वजन तौलने के लिए 5500 कंप्यूटरीकृत इलेक्ट्रॉनिक मशीनें खरीदी जाएं। कुपोषण से बचाव के लिए 36 जिलों में मोबाइल यूनिट शुरू की जाएं और साल में दो बार मातृत्व सप्ताह का आयोजन किया जाए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि गर्भवती महिलाओं को मेन्यू के मुताबिक भोजन उपलब्ध कराया जाए। राज्य पोषण मिशन में सृजित विशेषज्ञों के पदों पर फौरन भर्ती की कार्यवाही पूरी करने और इससे ग्राम प्रधानों को भी अवगत कराने के निर्देश दिये हैं। गोद लिए गए गांवों पर फोकस करने पर ध्यान दिया जाता है । मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव, सूचना नवनीत सहगल को राज्य पोषण मिशन का कार्यकारी सदस्य नामित करते हुए पोषण के लिए जागरूकता अभियान में सहयोग करने का निर्देश दिया। बैठक में प्रमुख सचिव, पंचायतराज चंचल कुमार तिवारी, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव बाल विकास डिंपल वर्मा, मिशन निदेशक कामरान रिजवी एवं सचिव वित्त कामिनी रतन चौहान समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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