मदरसों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए शिक्षक, प्रबंधक देंगे सुझाव, शिक्षकों की योग्यता के पुर्निर्धारण और पाठ्यक्रम में बदलाव पर होगा विचार-विमर्श
अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में आज होगी बैठक
लखनऊ। मदरसों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए शासन स्तर पर गठित कमेटी ने मंगलवार को मदरसों के शिक्षक, प्रबंधक और पूर्व शिक्षकों से सुझाव लेने के लिए बैठक बुलाई है। बैठक में शिक्षकों की योग्यता के पुनर्निर्धारण और पाठ्यक्रम में बदलाव और सुधार पर विचार विमर्श होगा।
मदरसा बोर्ड की कामिल और फाजिल की डिग्री की यूजीसी से मान्यता न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने इन डिग्रियों को असांविधानिक घोषित कर दिया था। इसके बाद मदरसा शिक्षा में सुधार के लिए शासन स्तर पर अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी।
कमेटी मदरसों के शिक्षकों की योग्यता का पुनर्निर्धारण करने और नई शिक्षा नीति के मुताबिक पाठ्यक्रम में सुधार व बदलाव को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है। ऐसे में शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर विचार विमर्श करने के लिए अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक बुलाई गई है।
मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह की ओर से मदरसा इरम मॉडल स्कूल के प्रबंधक ख्वाजा फैजी यूनुस, टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के महामंत्री दीवान साहेब जमा, वहीदुल्ला खान सईदी सहित 23 शिक्षकों, प्रबंधकों और संगठन के लोगों को पत्र भेज कर आमंत्रित किया गया है।
सेवानिवृत्त शिक्षकों को बैठक में बुलाए जाने का विरोध
बैठक में पूर्व शिक्षकों को आमंत्रित किए जाने पर मदरसा शिक्षक मोहम्मद हसन रजा, नूरुल हसन अजहरी, अंजुम कादरी आदि ने विशेष सचिव अल्पसंख्यक कल्याण को पत्र भेजकर आपत्ति जताई। उनका कहना है कि अनुदानित मदरसों में करीब 10 हजार शिक्षकों के कार्यरत होने के बावजूद सेवानिवृत्त शिक्षकों को बुलाया जाना मुख्यमंत्री के विचारों और शिक्षकों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है।
No comments:
Write comments