बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार पूरी तरह फलफूल रहा है। विभाग में कभी यूनिफार्म वितरण में बड़े पैमाने पर गोलमाल उजागर होता है, तो कभी स्कूलों की रंगाई-पुताई के नाम पर जमकर खेल हो रहा है। वर्तमान में परिषदीय स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत पहुंची धनराशि का सत्यापन हो रहा है। शिक्षकों का आरोप है कि अधिकांश स्कूलों में शिक्षा अधिकारी परिषदीय स्कूलों में रजिस्टरों की जांच के नाम पर उगाही कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में शिक्षा के अलावा सब कुछ होता है। डीएम व अन्य जांच टीमों के औचक निरीक्षण में बार बार स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता का गिरी हुई मिलती है। विभागीय अफसर कार्रवाई के नाम कुछ शिक्षकों का वेतन व अन्य कार्रवाई करते हैं, लेकिन स्थिति जस की तस है। हैरत की बात यह है कि शासन से बच्चों के लिए आने वाली सुविधाओं में जमकर खेल हो रहा है। हर शैक्षिक सत्र में परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्रओं को नि:शुल्क यूनिफार्म वितरण होती है। इसके अलावा स्कूलों में मिड-डे-मील वितरण किया जाता है। स्कूलों की रंगाई-पुताई के नाम पांच से दस हजार रुपए की धनराशि स्कूलों में जाती है। शिक्षकों का कहना है कि अब स्कूलों में रजिस्टर जांच के नाम पर उनसे उगाही की जा रही है।
No comments:
Write comments