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Wednesday, June 8, 2016

हमीरपुर : गर्मी की छुट्टी का मिड डे मील परखने आए एमडीएम निदेशक, बच्चों की संख्या काफी कम होने की शासन को भेजेंगे रिपोर्ट


हमीरपुर: लखनऊ से आए मध्यान्ह भोजन योजना के निदेशक ने जिले के आधा दर्जन प्राथमिक विद्यालयों का निरीक्षण कर मिड डे मील व्यवस्था का जायजा लिया। इस औचक निरीक्षण से विद्यालयों में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा है। निदेशक ने बताया कि विद्यालयों में बच्चों की संख्या काफी कम है। जो चिंता का विषय है। निरीक्षण की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। शासन ने बुंदेलखण्ड के जनपदों को सूखाग्रस्त घोषित कर रखा है। जिसके चलते गर्मियों की छुट्टियों में भी परिषदीय विद्यालयों में दोपहर में भोजन पकाया जा रहा है ताकि ग्रामीण इलाकों के बच्चों को एक वक्त का खाना मिल सके। प्रतिदिन स्कूल खुलते हैं और अध्यापक गांवों में भ्रमण कर बच्चों को मिड डे मील खाने की दावत देते घूमते हैं। लेकिन बच्चों की संख्या बढ़ने का नाम नहीं ले रही है। इससे शिक्षकों को भी मिड डे मील का संचालन करना अखर रहा है। कल लखनऊ से एमडीएम के निदेशक डॉ.रामचंद्र को जनपद हमीरपुर तथा महोबा में मिड डे मील की व्यवस्था को परखने के लिए भेजा गया था। पहले दिन डॉ.रामचंद्र ने शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग आधा दर्जन प्राथमिक विद्यालयों का निरीक्षण किया। जिसमें शहर के रहुनियां धर्मशाला स्थित प्राथमिक विद्यालय, आर्य समाज प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय कालपी चौराहा, बोर्डिग हाउस, प्राथमिक विद्यालय जमुना घाट सहित ग्रामीण क्षेत्र के कुछेछा के कन्या प्राथमिक विद्यालय, जूनियर स्कूल, तथा बालक विद्यालय हैं। यहां पर मिड डे मील का संचालन होता पाया गया, मगर बच्चों की संख्या बहुत ही कम मिली। निदेशक ने जानकारी देते हुए बताया कि एमडीएम का संचालन तो हो रहा है मगर बच्चों की संख्या बहुत ही कम है।


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