हरदोई : आई स्कूली ड्रेस, मचल रहा साहब का मन
हरदोई, जागरण संवाददाता: लो फिर बच्चों की ड्रेस वितरण का उत्सव आ गया। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को दो-दो सेट ड्रेस मिलेगी। बच्चों पर भले ही कोई खास असर न दिख रहा हो लेकिन साहब लोगों का मन जरूर विचलित होने लगा है। हो भी क्यों न बच्चों के कपड़ों से हर साल जेबें जो भरी जाती हैं। वैसे देखा जाए तो शासन ने फिर ड्रेस वितरण को लेकर शिकंजा कसा है लेकिन शासनादेश का कितना असर पड़ेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को हर साल दो-दो सौ रुपये के दो-दो सेट स्कूली ड्रेस दी जाती है। शैक्षिक सत्र 2016-17 में ड्रेस वितरण को शासन ने हरी झंडी दे दी है और एक जुलाई से 30 अगस्त तक ड्रेस वितरण का फरमान जारी किया है। ड्रेस की गुणवत्ता को लेकर फिर वही शिकंजा कसा गया है। विद्यालय प्रबंध समिति कपड़े की जांच कर कपड़ा खरीदेगी और फिर बच्चों की नाप के अनुसार किसी स्वयं सहायता समूह या फिर स्थानीय दर्जी आदि से सिलवाई जाए। गुणवत्ता की जांच के लिए स्थानीय स्तर से शासन तक की टीम बने और हर हालत में बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण ड्रेस ही मिले। अब बच्चों को जब भी नए कपड़े मिलते हैं तो बाल मन विचलित होता है लेकिन ड्रेस वितरण में बच्चों की जगह साहब लोगों और जिम्मेदारों में खुशी दिख रही है। हर साल बच्चों की ड्रेस में खुलेआम खेल होता है। कहने को तो जांच समिति से लेकर टास्क फोर्स तक गठित है लेकिन यह केवल कागजों तक ही सीमित होकर रह जाता है। हालांकि शासन ने पूरा शिकंजा कसा है लेकिन अब जुगाड़ और व्यवस्था पर कौन भारी पड़ेगा यह तो हकीकत ही बताएगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मसीहुज्जमा सिद्दीकी का कहना है कि शासन की मंशा का पालन होगा और जिला स्तरीय समिति जांच करेगी। प्रधान देंगे बच्चों की संख्या को हरी झंडी : स्कूली ड्रेस वितरण को लेकर शासन ने फिर कड़ा रुख अपनाया है। वैसे हर साल बच्चों की संख्या में खेल होता था लेकिन इस बार कुछ परिवर्तन किया गया है और बच्चों की वास्तविक संख्या पर ही ड्रेस दी जाएगी। वैसे तो हर साल की तरह व्यवस्था की गई है लेकिन विद्यालय स्तर पर क्रय प्रक्रिया में थोड़ा बदलाव किया गया है। विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय टीम जिसमें अभिभावक अध्यक्ष, प्रधानाध्यापक, एक ग्राम पंचायत का नामित सदस्य और एक अन्य की सहमति से कपड़ा खरीदा जाएगा। प्रधान विशिष्ट आमंत्री होंगे और उन्हें आमंत्रित किया जाएगा। जोकि विद्यालय आने वाले बच्चों की वास्तविक संख्या के आधार पर खरीद को हरी झंडी देंगे और उन्हीं बच्चों को ड्रेस मिलेगी।
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