अलीगंज में अवैध शराब से हुई मौत का काफी हल्ला-गुल्ला है। लेकिन इस बीच अन्य व्यवस्थाओं से प्रशासन का ध्यान पूरी तरह हट गया है। स्कूलों में बच्चों को मुहैया कराए जा रहे मध्यान्ह भोजन की जांच-परख के लिए कोई सक्रियता नहीं बरती जा रही है। जबकि इस मौसम में भोजन और राशन के जल्द खराब होने की संभावना ज्यादा रहती है।स्कूलों में मध्यान्ह भोजन से बच्चों की तबियत बिगड़ने की खबरें अक्सर कहीं न कहीं से आती रहती हैं। इसे लेकर शासन ने साफ निर्देश जारी किए हैं कि निरंतर रूप से अभियान चलाते हुए स्कूलों में उपलब्ध खाद्य सामग्री के नमूने लेकर जांच कराई जाए। इसके अलावा प्रशासनिक और अन्य अधिकारियों को भी निर्देश हैं कि समय-समय पर स्कूलों में पहुंचकर मध्यान्ह भोजन और इसके पकाने की व्यवस्था का जायजा लें लेकिन एक हफ्ते से पूरा प्रशासनिक अमला अलीगंज के जहरीली शराब कांड में उलझा हुआ है। लगभग सभी विभागों को शराब से प्रभावित लोगों के सत्यापन आदि कार्य में लगाया गया है। इसके चलते अन्य कार्यों में शिथिलता आ गई है। इसमें मध्यान्ह भोजन भी शामिल है लेकिन अफसरों की यह लापरवाही उमस भरे इस मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। बरसात और उमस के मौसम में अक्सर डायरिया, उल्टी, दस्त जैसी बीमारी पनपती हैं। जिसकी मुख्य वजह दूषित खाद्य पदार्थ ही रहते हैं।
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