अंतरजनपदीय स्थानांतरण की राह तक रहे शिक्षकों के लिए राज्य सरकार ने पांच जुलाई को स्थानांतरण के लिए आवेदन पत्र मांगे थे। हैरानी की बात तो यह है कि जब शिक्षकों ने अपना आवेदन पत्र भरने के लिए विभाग की साइट पर जाकर लॉगिन किया तो उन्हें अपना आवेदन पत्र ही नहीं मिला। जानकारी करने पर पता चला कि खंड शिक्षा अधिकारियों की उदासीनता के चलते अध्यापकों का डाटा ही एनआइसी को नहीं भेजा जा सका है। जिससे उनका आवेदन पत्र ही नहीं खुल रहा है। उल्लेखनीय है कि खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने ब्लॉक के शिक्षकों का डाटा एनआइसी के माध्यम से ऑन लाइन करना था। जिससे कि अध्यापक अपने एकाउंट नंबर और पैन नंबर को विभाग की साइट पर भरकर अपने आवेदन को भर सकता है। लापरवाही के चलते यह काम अभी तक नहीं हो सका और इसका खामियाजा शिक्षकों को उठाना पड़ रहा है। शिक्षक संगठनों के आवाज उठाने पर अब बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिख कर इस फी¨डग को 8 जुलाई तक करने का निर्देश दिया है। प्रश्न यह उठता है कि अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए विभाग की साइट केवल 5 जुलाई से 12 जुलाई तक ही खुली हैं। इसके बाद आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किये जाएंगे और आवेदन पत्रों की एक प्रति विभाग को भी देनी हैं। ऐसी स्थिति में जो शिक्षक सालों से अपने गृह जनपद में जाने की राह देख रहे हैं वह अपने जिले में नहीं जा सकेंगे। ऐसे में आठ जुलाई तक डाटा फी¨डग का काम करा भी लिया गया तो भी कब वह अपना आवेदन भरेगा और कब जमा करेगा। पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री मनीष पांडेय का कहना है कि यह स्थिति अत्यंत खेदजनक है। जब सरकार ने भी शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए मौका दिया है तो शिक्षक हितों से किसी को खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा।
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