प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नेतृत्व विकास संबंधित प्रशिक्षण माड्यूल के विकास में अमेरिका तक अपना अहम योगदान देने वाले जय प्रकाश ओझा राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किए गए हैं। 27 फरवरी 1987 को शिक्षा के क्षेत्र में आने के बाद से ही वह लगातार शिक्षा की बेहतरी के लिए कार्य कर रहे हैं। वह कहते हैं, बेहतरी के लिए कोई लघु रास्ता नहीं होता है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में सहायक अध्यापक पद पर तैनात जय प्रकाश ओझा सम्मान मिलने की सूचना पाकर खुश लग रहे थे। उनका कहना है कि हर पुरस्कार खुद को प्रोत्साहन देने के साथ दूसरों को भी प्रोत्साहित करता है। यह पुरस्कार उन्हें और बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा। जीवन और कार्य क्षेत्र में समझौते करने पड़ते हैं, लेकिन अवरोधों की परवाह किए बिना निर्धारित पथ पर आगे बढ़ना ही सफलता सुनिश्चित करता है। जय प्रकाश शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर देते हैं। कहते हैं, भविष्य में उनका प्रयास होगा कि वह शिक्षकों का एक ऐसा समूह तैयार करें जो खुद अभिप्रेरित हों। पिता रामचंद्र ओझा राम रेखा सिंह इंटर कालेज उरुवा में शिक्षक थे। वह अक्सर शैक्षिक वातावरण को लेकर चिंतित रहते थे। तब उनकी चिंताओं को वह समझ नहीं पाते थे, लेकिन आज शैक्षिक माहौल का महत्व समझ में आ रहा है। इसके लिए शिक्षकों को आगे आना ही होगा।
No comments:
Write comments