सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटी अखिलेश सरकार ने प्रदेश के 59 हजार से अधिक ग्राम प्रधानों की मुरादें पूरी कर दीं। कैबिनेट की बैठक में गुरुवार को मानदेय वृद्धि के साथ भत्ते व वित्तीय अधिकारों में बढ़ोत्तरी पर भी मुहर लगा दी। अब ग्राम प्रधान को प्रति माह 2500 रुपये के बजाए 3500 रुपये मानदेय मिलेगा। आकस्मिक खर्च एक हजार से बढ़ाकर 5 हजार रुपये किया गया है यानि प्रधान अपने पास में पांच हजार रुपये तक रख सकेंगे। प्रधानों को मिलने वाले यात्र और अनुषंगिक खर्च के नाम पर मिलने वाले 5000 रुपये को बढ़ाकर 15 हजार किया गया है। केंद्रीय एवं वित्त आयोग के तहत दो लाख रुपये की रकम ग्राम प्रधान अपनी मर्जी से विकास कायरे पर खर्च कर सकते है। अब तक प्रधान के पास केवल 50 हजार रुपये खर्च करने का अधिकार था। प्रधानों का मानदेय बढ़ाने का वित्तीय बोझा सरकार नहीं वहन करेगी। इन मदों पर होने वाले व्यय की पूर्ति ग्राम निधि में जमा धनराशि से ही की जाएगी। इसके लिए अलग से बजट की व्यवस्था नहीं की जाएगी।
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