स्कूलों में लेट-लेतीफ पहुंचने की आदत वाले परिषदीय शिक्षकों के लिए यह खबर चिंता बढ़ाने वाली हो सकती है। शीतकाल में प्रात: 9 बजे से 3 बजे तक के शिक्षण व मध्याह्न अवकाश काल में ही प्रार्थना कराए जाने पर एडी बेसिक ने नाराजगी जतायी है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि प्रार्थना के लिए 30 मिनट पहले विद्यालय खोले जाएं। यानि अब शिक्षकों को 9 के बजाए 8.30 बजे ही स्कूल पहुंचना होगा। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक डा. फतेहबहादुर सिंह ने मंडल के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने ग्रीष्मकाल में प्रात: 8 से 1 व शीतकाल में प्रात: 9 से 3 बजे तक इंटरवल सहित शिक्षण काल निर्धारित किया है। विद्यालयों में इससे 30 मिनट पूर्व का समय प्रार्थना सभा व उपस्थिति हेतु निर्धारित है। निरीक्षण के दौरान यह पाया जाता है कि प्रार्थना सभा शिक्षण काल के समय में ही कराई जा रही। उन्होंने कहा कि उपस्थिति रजिस्टर व मध्याह्न भोजन पंजिका में छात्र उपस्थिति का योग भी निरीक्षण के दौरान अंकित नहीं पाया जाता है। निरीक्षण के दिन मौके पर उपस्थिति कम मिलती है, लेकिन पिछले दिनों की उपस्थिति अधिक दर्ज पाई जाती है। प्रतीत होता है कि छात्र संख्या में हेराफेरी के उद्देश्य से योग का कालम रिक्त रखा जाता। इसलिए अब प्रथम वादन में ही छात्र उपस्थिति का कक्षावार योग दर्ज किया जाए तथा तय समय ही एमडीएम पंजिका पर छात्रों की संख्या दर्ज कर ली जाए। बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप चौधरी ने कहा कि निर्देशों का अनुपालन कराने के लिए बीईओ को निर्देशित किया जाएगा।
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