क्या बीएड वाले भी भर सकते हैं CTET का फॉर्म? कंफ्यूजन पर NCTE ने दिया स्पष्टीकरण
BEd Eligibility In CTET 2026: राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने सोशल मीडिया पर चल रही उन सभी "गलत खबरों" को सख्ती से नकार दिया है, जिनमें कहा जा रहा था कि सीटेट 2026 के लिए बीएड फिर से मान्य कर दिया गया है। परिषद ने साफ कहा है कि उसने अपनी वेबसाइट या किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सीटेट 2026 के प्राथमिक स्तर (पेपर 1) में बीएड को पात्रता मानदंड में वापस जोड़ने को लेकर कोई नोटिस या आधिकारिक जानकारी जारी नहीं की है।
NCTE ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर लिखा, "NCTE ने अपनी वेबसाइट ncte.gov.in या किसी सोशल मीडिया चैनल NCTE_Official (X अकाउंट) पर पेपर 1 (प्राथमिक स्तर) सीटेट 2026 के लिए बीएड पात्रता की बहाली से संबंधित कोई भी सार्वजनिक नोटिस या आधिकारिक परिपत्र जारी नहीं किया है।"
चालू है सीटेट 2026 के लिए आवेदन प्रक्रिया
सीटेट 2026 एक राष्ट्रीय परीक्षा है, जिसके जरिए केंद्र सरकार के स्कूलों, जैसे केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय तथा अन्य संस्थान जो सीटेट स्कोर मानते हैं, में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने के लिए उम्मीदवारों की योग्यता जांची जाती है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सीटेट फरवरी 2026 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। योग्य उम्मीदवार 18 दिसंबर तक सीटेट फरवरी 2026 सत्र के लिए आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
कम होने का नाम नहीं ले रही बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की परेशानियां, नहीं भर पा रहे सीटीईटी का आवेदन
लखनऊ, परिषदीय स्कूलों के बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। टीईटी अनिवार्यता के सुप्रीम आदेश के बाद से जिन शिक्षकों के पास टीईटी नहीं है, उन्हें दो वर्षों में टीईटी उत्तीर्ण करना जरूरी है। प्राइमरी से जूनियर में पदोन्नति के लिए भी टीईटी जरूरी है, लेकिन पिछले दो सालों से प्रदेश में टीईटी के लिए आवेदन तक नहीं लिए गए हैं, जबकि सीटीईटी (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) के फार्म निकल चुके हैं। इसके लिए 18 दिसंबर अंतिम तिथि निर्धारित है, लेकिन बीएड पास शिक्षक आवेदन भी नहीं भर पा रहे हैं।
सीटीईटी आवेदन फार्म में प्राइमरी स्तर (कक्षा 1–5) के लिए बीएड डिग्रीधारियों का विकल्प ही नहीं है, क्योंकि एनसीटीई के नियमों के अनुसार प्राइमरी शिक्षक के लिए केवल डीएलएड (बीटीसी) ही मान्य योग्यता है।
इस कारण प्रदेश के करीब पौने दो लाख बीएड शिक्षक, जो पहले से प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं और टीईटी अनिवार्यता के दायरे में आते हैं, लेकिन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष निर्भय सिंह का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने टीईटी अनिवार्य कर रखा है, तो पहले से प्राथमिक विद्यालयों में बीएड के आधार पर नियुक्त शिक्षकों को आवेदन का विकल्प मिलना चाहिए।
यूपी टीईटी वर्ष में दो बार होनी चाहिए, लेकिन दो साल से परीक्षा ही नहीं कराई गई है। इसके साथ ही बीएड करने वाले वे शिक्षक जिन्होंने विशिष्ट बीटीसी का छह माह का ब्रिज कोर्स अभी तक नहीं किया है, वे भी संकट में हैं।
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