परिषदीय विद्यालयों में शौचालयों और हैंडपंपों की दशा काफी खराब है। कागजों पर सब दुरुस्त है लेकिन हकीकत कुछ और है। सबसे खास बात यह है कि अधिकांश विद्यालयों में ही मतदान केंद्र हैं फिर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। जागरण ने हकीकत दिखाई जिस पर डीएम ने कड़ा रुख अपनाया, साफ साफ कहा कि ग्राम पंचायतों के राज्य वित्त आयोग की धनराशि से इसी सही कराया जाए। विद्यालयों में शौचालयों और हैंडपंप पर जोर दिया जा रहा है लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा। बच्चे पानी पीने घर जाते, नल खराब हैं और विधान सभा चुनाव के पूर्व सही कराने का आदेश दिया गया लेकिन कुछ नहीं हुआ। जागरण ने मुद्दा उठाया। डीएम ने गंभीरता से लेते हुए साफ कहा कि राज्य वित्त आयोग की धनराशि से इसे सही कराया जाए। जिन जिन विद्यालयों में रैंप, हैंडपंप या शौचालय सही नहीं हैं उन्हें सही कराया जाए और अगर ऐसा नहीं कराया गया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।
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