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Thursday, February 16, 2017

यूपी बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों को परिचय पत्र परिषद मुख्यालय से देने का प्रकरण अधर में, जिले स्तर पर ही बनेंगे परिचय पत्र

कक्ष निरीक्षकों को परिचय पत्र इस बार भी जिला स्तर पर ही मिलेंगे। इस प्रक्रिया का अब तक कोई हल नहीं सका है। पिछले साल अफसरों ने इस मामले में शासन को प्रस्ताव भेजकर पूछा था कि माध्यमिक शिक्षा परिषद मुख्यालय पर परिचय पत्र कैसे बनाए जाएं, जबकि इस बार यह मान लिया गया कि पुराने पैटर्न पर परिचय पत्र जारी हो जाएंगे। असल में प्राथमिक शिक्षकों का परिचय पत्र बनाने का कोई रास्ता नहीं निकल सका है। परीक्षा शुरू होने में सिर्फ एक माह का समय बचा है। अब कोई नया आदेश जारी होने के बिल्कुल आसार नहीं है।

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा 2017 की तैयारियां लगभग पूरी होने को हैं। इस बार करीब 60 लाख परीक्षार्थी हैं, जो पिछले साल की अपेक्षा साढ़े सात लाख कम हैं। परीक्षार्थी घटने से पिछले साल की अपेक्षा केंद्रों की संख्या में बहुत कमी नहीं आई है। इस बार 11 हजार 413 केंद्रों पर परीक्षा होनी है। परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए बड़ी संख्या में कक्ष निरीक्षकों की जरूरत होगी। एक अनुमान के मुताबिक करीब तीन लाख शिक्षकों को परीक्षा कक्षों व परीक्षा कार्य में तैनात किया जाएगा। इसमें सिर्फ हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट कालेजों के शिक्षक ही कक्ष निरीक्षक के रूप में तैनात नहीं होते हैं, बल्कि प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक भी लगाए जाते हैं। नकल रोकने एवं फर्जी शिक्षकों पर अंकुश लगाने के लिए कक्ष निरीक्षकों को परिचय पत्र जारी किया जाता है। यह परिचय पत्र जिला स्तर पर जिला विद्यालय निरीक्षक यानी डीआइओएस जारी करते रहे हैं। पिछले वर्ष शासन की ओर से कहा गया कि सारे परिचय पत्र बोर्ड मुख्यालय स्तर पर ही बनाए जाने पर मंथन किया जाए। बोर्ड ने इस संबंध में शिक्षकों का पूरा ब्योरा परिषद की वेबसाइट पर ऑनलाइन मांगा। कई कालेजों ने शिक्षकों का ब्योरा देने के साथ ही शिक्षणोत्तर कर्मियों का ब्योरा भी उसमें अपलोड कर दिया। इससे परिषद की सचिव ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजा। इसमें कहा गया है कि 31 दिसंबर तक शिक्षकों का पूरा ब्योरा अपलोड कर दिया जाए। इसके आधार पर ही शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में लगाए जाएंगे और यदि शासन ने बोर्ड को निर्देश दिया कि वह अपने स्तर पर परिचय पत्र बनाकर जारी करे तो उसे सहूलियत रहेगी, लेकिन प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शिक्षकों का परिचय पत्र कैसे और कितने व किस आधार पर बनाया जाए। यह पेंच फंस गया। शासन स्तर पर इस मुद्दे पर मंथन हुआ, लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका। आखिरकार जिला स्तर से ही परिचय पत्र जारी हुए। इस बार तो इस मुद्दे पर अफसरों ने मौन साध लिया है।पिछले साल शासन से मांगा गया निर्देश, इस बार अफसर मौन परीक्षा में एक माह शेष, नये आदेश के आसार नहीं

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