प्रोत्साहन से बच्चों में क्षमता का विकास संभव, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की शिक्षिकाओं का प्रशिक्षण जारी
इलाहाबाद : शिक्षक कई बार विभिन्न विषयों पर गतिविधियां आयोजित करते हैं। यह अध्ययन अध्यापन से उत्पन्न नीरसता को तो दूर करता ही है। साथ ही बच्चों को विभिन्न विषयों पर कार्य करने का अवसर भी प्रदान करता है। ऐसी गतिविधियों का आयोजन करते समय शिक्षक इस बात का ध्यान रखे कि यह कोई प्रतियोगिता नहीं है जिसे जीतना आवश्यक है, बल्कि यह अधिक से अधिक बच्चों को अपना प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करने के लिए है। सही और गलत की तुलना में बच्चों को कार्य करने का अवसर देना चाहिए। एक बार बच्चे गतिविधियों में भाग लेना प्रारंभ कर देंगे उसके बाद उनमें सुधार करना कठिन न होगा। 1ये बात राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) उप्र इलाहाबाद के निदेशक संजय सिन्हा ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की शिक्षिकाओं के विशिष्ट कौशल विकास विषय पर आधारित प्रशिक्षण के द्वितीय चक्र के उद्घाटन अवसर पर कही।
सिन्हा ने कहा कि समय-समय पर पूर्व में की गई गतिविधियों को दोहराये। यह बच्चों को पूर्व में की गई गलतियों से सीखने का अवसर देता है। प्रोत्साहन के मार्ग पर चल कर अध्यापक बच्चों की प्रतिभा को निखार सकते हैं। कार्यक्रम समन्वयक प्रभात मिश्र ने कहा कि सीखने के लिए शैक्षिक वातावरण निर्माण की सभी व्यवस्थाएं सीमैट में की गई हैं। विभागाध्यक्ष डॉ. अमित खन्ना, प्रवक्ता पवन सावंत, सरदार अहमद, सुफिया फारूकी, बीआर आबिदी मौजूद थे।
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