कक्षा 9 और 11 में पंजीकरण को 'पेन' की अनिवार्यता समाप्त, हजारों विद्यार्थियों, स्कूल संचालकों को बड़ी राहत
अब यूपी बोर्ड किया वैकल्पिक बोर्ड ने पेन को
16 जुलाई 2025
प्रयागराज । यूपी बोर्ड ने कक्षा नौ और 11 में पंजीकरण के दौरान विद्यार्थियों के लिए परमानेंट एजुकेशन नंबर (पेन) को अब वैकल्पिक कर दिया है। पहले पेन अनिवार्य था, जिससे बड़ी संख्या में विद्यार्थियों का पंजीकरण अटक रहा था। इसके बाद मंगलवार को यूपी बोर्ड नेपेन की अनिवार्यता पर बड़ा निर्णय लिया। जिससे हजारों छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिली है।
विदित हो कि यूपी बोर्ड ने इस वर्ष पहली बार 9वीं और 11वीं में ऑनलाइन अग्रिम पंजीकरण के लिए पेन को अनिवार्य किया था। इस व्यवस्था का उद्देश्य विद्यार्थियों की पहचान सुनिश्चित करना और शैक्षणिक रिकॉर्ड को ट्रैक करना था, जबकि एसआर (स्कॉलर रजिस्टर) की मांग फर्जी पंजीकरण पर रोक लगाने के लिए की गई थी। हालांकि इस नई व्यवस्था से हजारों छात्र-छात्राएं और स्कूल संचालक परेशान हो गए थे क्योंकि लगभग 50 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास पेन नहीं था।
परिषदीय और राजकीय विद्यालयों के छात्रों के पेन तो उपलब्ध हैं, लेकिन अधिकतर निजी स्कूलों के विद्यार्थियों के पास यह उपलब्ध नहीं है। इस कारण पंजीकरण बाधित होने की आशंका थी। यूपी बोर्ड के अपर सचिव (प्रशासन) सत्येन्द्र सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए पंजीकरण प्रक्रिया में पेन को अब वैकल्पिक कर दिया गया है।
50 प्रतिशत से अधिक बच्चों के पास नहीं पेन, स्कूल परेशान
हर साल 50 लाख से अधिक बच्चे लेते हैं 9वीं-11 वीं में प्रवेश
15 जुलाई 2025
प्रयागराज। यूपी बोर्ड ने कक्षा नौ और 11 के पंजीकरण में पहली बार परमानेंट एजुकेशन नंबर (पेन) को अनिवार्य कर दिया है। बोर्ड से जुड़े 28 हजार से अधिक स्कूलों में कक्षा नौ और 11 में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं के ऑनलाइन अग्रिम पंजीकरण के लिए पहली बार छात्र-छात्रा की विद्यालय पंजीकरण संख्या (एसआर या स्कॉलर रजिस्टर) की फोटो लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है। पेन अनिवार्य करने का उद्देश्य विद्यार्थियों की पहचान को बनाए रखने और शैक्षणिक रिकॉर्ड को ट्रैक करना है। वहीं एसआर मांगने से पंजीकरण में फर्जीवाड़े को रोकने में मदद मिलेगी।
हालांकि इस नई व्यवस्था से हजारों अभिभावक और स्कूल संचालक परेशान हैं, क्योंकि कक्षा नौ और 11 में प्रवेश लेने वाले तकरीबन 50 प्रतिशत छात्र-छात्राओं के पास पेन नहीं है। परिषदीय और राजकीय स्कूलों के बच्चों के पेन तो उपलब्ध हैं, लेकिन निजी स्कूलों में अधिकांश के पास नहीं है। अब उन्हें लग रहा है कि पेन न होने के कारण कहीं उनकी आगे की पढ़ाई बाधित न हो जाए। यूपी बोर्ड के अपर सचिव प्रशासन सत्येन्द्र सिंह के अनुसार छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को ट्रैक करने के लिए पेन मांगा गया है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी का कहना है कि पेन अनिवार्य करना उचित नहीं है क्योंकि सभी बच्चों के पास यह उपलब्ध नहीं है। बता दें कि कक्षा नौ और 11 का पंजीकरण दो जुलाई से चालू है और प्रवेश की समयसीमा पांच अगस्त तक गौरतलब है कि दो साल पहले बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के पंजीकरण के लिए आधार अनिवार्य कर दिया था। हालांकि बाद में छात्रहित में उसे अपना फैसला वापस लेते हुए आधार को वैकल्पिक करना पड़ा था। यूपी बोर्ड के स्कूलों में हर साल कक्षा नौ और 11 में 50 लाख से अधिक छात्र छात्राएं प्रवेश लेते हैं।
No comments:
Write comments