बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के लिए इटायला माफी गांव का प्राथमिक विद्यालय नजीर बना है। सम्भल और मुरादाबाद जिले के बार्डर पर बसे गांव के स्कूल में वर्ष 2010 से नई क्रांति आई। पार्किंग स्थल बन चुकी पाठशाला में छात्रों की मौजूदगी बढ़ गई। भवन को नया रूप दिया गया। छात्र भी साफ-सुथरी यूनिफार्म पहनकर गले में आइ कार्ड लटकाकर आने लगे। छात्रों की आपसी बोलचाल और शिक्षकों से संवाद भी अब अंग्रेजी में होने लगा।
माहौल ऐसा हो गया जैसे गांव में कोई कॉन्वेंट स्कूल खुल गया हो। गांव में इस नई क्रांति की इबारत लिखने वाले प्रधानाध्यापक कपिल कुमार हैं। असमोली विकास खंड के इटायला माफी गांव के प्राथमिक स्कूल को उन्होंने 2010 में ज्वाइन किया। स्कूल की चाहरदीवारी टूटी थी। 97 बच्चे पंजीकृत थे। उपस्थति 30 फीसद ही रहती थी। ग्रामीण अपने वाहनों को स्कूल की जमीन पर खड़ा करते थे। उन्होंने विरोध किया और कई ग्रामीणों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। अतिक्रमण हटवाया और चाहरदीवारी बनवाई।
ग्रामीणों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया। इसका नतीजा यह हुआ कि छात्रों की संख्या बढ़ने लगी। वर्ष 2011 में 108, फिर अगले सत्र में 117 हुई। वर्ष 2013 में 236 हो गई। मौजूदा सत्र में 308 बच्चे पंजीकृत हैं। शिक्षा के स्तर में भी अभूतपूर्व बदलाव किया। इन सब खूबियों के चलते वर्ष 2013 में स्कूल को ब्लाक का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय चुना गया। मार्च 2016 में जिले का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय चुना गया। पांच सितंबर 2016 को प्रदेश स्तर पर सम्मानित किया गया।
क्यों है स्कूल खास : प्रधानाध्यापक ने स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ आसपास के वातावरण को भी बेहतर किया है। शिक्षकों और बच्चों की मदद से स्कूल के मैदान को हर-भरा किया। 300 गमले और 145 पेड़-पौधे स्कूल की शोभा बढ़ा रहे हैं। आने वाला हर व्यक्ति विद्यालय को शहर के कॉन्वेंट स्कूल की संज्ञा दिए बिना नहीं रहता।
प्रोजेक्टर से होती है पढ़ाई : स्कूल में किसी चीज की कमी नहीं है। पांच शिक्षकों की नियुक्ति है। सभी कक्षाओं में बच्चे पढ़ाई में अच्छे हैं। बच्चों को प्रोजेक्टर से पढ़ाया जाता है, आधुनिक व्हाईट बोर्ड पर शिक्षण कार्य कराया जाता है। कम्प्यूटर लैब भी है। सीसीटीवी से बच्चों और शिक्षकों पर नजर रखी जाती है। अच्छा प्रदर्शन करने पर बच्चे को स्टार ऑफ द क्लास का अवार्ड दिया जाता है। शिक्षकों की हाजिरी बायोमेटिक मशीन से लगाई जाती है। अभिभावकों की मासिक बैठक भी होती है। हर महीने के अंत में बच्चों का जन्मदिन भी मनाया जाता है।
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