बच्चों में अभिरुचि पैदा करने के लिए शासन ने लिया निर्णय
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बेसिक शिक्षा के जूनियर स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अब विज्ञान और गणित विषयों के शोधपरक जानकारी प्रयोगशालाओं में जुटाते हुए नजर आएंगे। शासन की नीति के अनुपालन में जिले में 28 स्कूलों का चयन कर लिया गया है। शासन की मंशा को धरातल में अमल में लाने के लिए प्रत्येक विद्यालय में 45 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। 1बेसिक शिक्षा के प्राथमिक स्कूल की कक्षा 5 पास करके उच्च प्राथमिक स्कूलों (जूनियर स्कूलों) में दाखिला लेने वाले बच्चों को निखारने के प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी। गणित और विज्ञान में बच्चों की अभिरुचि पैदा करने के इस अभिनव प्रयोग के लिए 28 स्कूलों में प्रयोगशालाएं बनाने के काम में विभाग जुट गया है। कक्षा 6 से 8 तक के छात्र-छात्रओं को इससे लाभान्वित किया जाना है। जिले के 13 ब्लाकों और एक नगर क्षेत्र के दो-दो विद्यालयों का चयन किया गया है। योजना के तहत मिलने वाली 45 हजार की धनराशि में प्रयोगशाला का सामान, फर्नीचर, रंगाई पुताई आदि का काम होगा। बीएसए विनय कुमार सिंह ने बताया कि शासन के आदेश पर जिले में प्रयोगशाला बनाने के लिए 12 लाख 60,000 रुपये धन खर्च होगा। जिसमें प्रत्येक विद्यालय में 45 हजार रुपचये की लागत से प्रयोगशाला का निर्माण होगा। विद्यालयों का चयन कर लिया गया है। जून माह तक हर विद्यालय में प्रयोगशाला बनकर तैयार हो जाएंगी। इसके बाद जुलाई माह से विज्ञान एवं गणित विषयों के प्रयोगिक कार्य संपादित कराए जाएंगे। 1प्रधानाध्यापकों के अवकाश रहेंगे निरस्त : जिन उच्च प्राथमिक स्कूलों में प्रयोगशालाएं बननी हैं, उन विद्यालयों को जून माह का समय दिया गया है। बीएसए विनय कुमार सिंह ने बताया कि ऐसे विद्यालय जहां पर प्रयोगशाला निर्माणाधीन रहेंगे उन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को गर्मी का अवकाश नहीं मिलेगा। प्रयोगशाला निर्माण तक के लिए जून माह की छुट्टियां निरस्त रहेंगी। चयनित स्कूलों में हरहाल में जून माह में प्रयोगशालाएं तैयार होंगी। इसमें किसी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
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