सुप्रीम कोर्ट ने भी शिक्षामित्रों का समायोजन रद करने के हाई कोर्ट के आदेश को सही माना है। अपने फैसले में उसने समायोजन को रद कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से शिक्षामित्रों में मायूसी छाई है। इसके बाद भी उनका हौसला कम नहीं हुआ है। उनका कहना है कि संघर्ष जारी रहेगा। जनपद में कुल 33 सौ शिक्षामित्र विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में तैनात हैं।
मंगलवार को आदेश आने के बाद फैसले को लेकर शिक्षामित्रों में उहापोह की स्थिति बनी रही। संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिल्ली और लखनऊ से बताया कि फैसला उनके पक्ष में आया है। इसके बाद शिक्षामित्र खुश हो उठे। लेकिन शाम होते ही मामला धीरे-धीरे साफ होने लगा। सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला समाचार चैनलों पर चलने लगा। इसके बाद शिक्षामित्रों की बेचैनी बढ़ गई। उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर फैसला क्या हुआ है। उनका समायोजन यथावत रहेगा या रद हो जाएगा। अंतत देर शाम जब स्थिति स्पष्ट हुई तो शिक्षामित्रों में मायूसी छा गई। उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि शिक्षामित्रों के साथ अन्याय हुआ है। शिक्षामित्र शुरू से ही छले जा रहे हैं। लगातार 17 साल सेवा देने के बाद भी उन्हें पढ़ाने के लायक नहीं समझा जा रहा। सवाल यह है कि जब शिक्षामित्रों को पढ़ाने के लायक नहीं समझा जा रहा है तो उन्हें रखा क्यों गया है। यह तो शिक्षा और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। सरकार स्वयं छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। शिक्षामित्रों को सरकार ने खुद बुलाया था, वे अपने मन से विद्यालयों में पढ़ाने नहीं गए है। बुधवार को दिन में तीन बजे संघ की बैठक बुलाई गई है। बैठक में आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जाएगा। वहीं संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी लालधर निषाद ने बताया कि संघ की लड़ाई जा रहेगी। बुधवार को सुबह 10 बजे नार्मल कैंपस से रैली निकाली जाएगी। रैली जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर सभा में बदल जाएगी। इस दौरान पुन: विचार याचिका के लिए सरकार को संबोधित ज्ञापन सौंपा जाएगा।उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ शिक्षामित्रों के साथ है। न्यायालय के आदेश की समीक्षा की जाएगी। सरकार से अनुरोध है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को देखते हुए शिक्षामित्रों के हित में कार्य करे। उनके सम्मान को बरकरार रखे।
राजेश धर दूबे, प्रांतीय आडिटर- उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ।’
बोले, शुरू से ही होता रहा है शिक्षामित्रों के साथ अन्याय, सौ शिक्षामित्र विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में हैं तैनात
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