शिक्षामित्रों को नहीं मिला मानदेय
उदासीनता भेजा गया मानदेय भी गलत खातों की वजह से किया गया वापस
समायोजन निरस्त होने के बाद से विभाग शिक्षामित्रों से बिना मानदेय के लगातार काम ले रहा है। वहीं शिक्षामित्र भी विभाग के बनाये मकड़जाल में उलझकर कार्य करने को मजबूर हैं। पिछले माह में सर्व शिक्षा अभियान के शिक्षामित्रों का दो माह का मानदेय काफी मशक्कत के बाद भेजा गया था लेकिन शिक्षामित्रों को बीस दिन बीतने के बाद भी मानदेय नसीब नहीं हुआ। इसलिये कि विभाग से भेजे गए शिक्षामित्रों के बैंक खाते अधिकांशत: गलत हो गए। नतीजा यह रहा कि खाता संख्या गलत होने की वजह से बैंक ने शिक्षामित्रों के खातों में मानदेय की धनराशि स्थानांतरित न कर विभाग को पुन: वापस कर दिया। इसके बाद विभाग ने उन खातों को सत्यापित कराने के लिए ब्लॉक को भेजा है। अब खाता संख्या का सत्यापन होकर आने के बाद ही शिक्षामित्रों को मानदेय भेजा जा सकेगा। दूसरी ओर तीन सौ से ज्यादा परिषदीय शिक्षामित्रों को मानदेय के तौर पर फूटी कौड़ी नहीं मिली है। बेसिक शिक्षा परिषद के तहत कार्यरत शिक्षामित्रों को मानदेय वित्त लेखाधिकारी कार्यालय की ओर से दिया जाता है। जबकि सोलह सौ से ज्यादा शिक्षामित्रों को मानदेय का भुगतान सर्व शिक्षा अभियान के तहत होता रहा है। शासन ने शिक्षामित्रों को मानदेय 25 अक्तूबर के पहले भुगतान का आदेश जारी किया था। इसके बाद सचिव बेसिक शिक्षा के रिमाइंडर आदेश के वावजूद शिक्षामित्रों के मानदेय भुगतान में विभाग लगातार उदासीनता बरत रहा है । जिससे शिक्षामित्र गहरे आíथक संकट से गुजर रहे हैं। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अनुज सिंह कहा कि शिक्षामित्रों के खाते का सत्यापन ब्लॉकों से कराने में बेवजह समय बर्बाद किया जा रहा है । मानदेय दिए जाने में लापरवाही बरती जा रही है।
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